Wednesday, February 13, 2019

क्या ईवीएम मशीन (EVM) से वोटिंग में फर्जीवाड़ा किया जा सकता है ?  

क्या ईवीएम मशीन (EVM) से वोटिंग में फर्जीवाड़ा किया जा सकता है ?

 

आजकल चुनाव से पहले या बाद में सुविधानुसार ऐसे आरोप लगाए जाते है कि ईवीएम मशीन (EVM) से वोटिंग में फर्जीवाड़ा होता है या हुआ है. कुछ लोग तो यहाँ तक कहने लग गए कि चाहे मोदी जी की वजह से जीते या ईवीएम मशीन (EVM) के कारण, 2019 का चुनाव बीजेपी ही जीतेगी. जहा भी अप्रत्यासित चुनावी रिजल्ट (Unexpected  Election Results) आते है तो आमजन भी ईवीएम मशीन (EVM) के बारे में चर्चा करता और शंका करता है. l 

लेकिन सुविधानुसार हैकिंग का आरोप लगाने वाले या कल्पना करने वाले, सिर्फ चर्चा करके चुप रह जाते है लेकिन कोई भी  संभावित फर्जीवाड़े की तह तक जाने का प्रयास नहीं करता. आरे आरोप व चर्चाये  हेकिंग तक ही सीमित रहती है. विषय की गंभीरता को समझते हुए, मेने स्वयं ने कुछ रिसर्च की तथा कुछ तथ्यों को पाठकों व देश के कुछ जागरूक नागरिको के सामने रख रहा हूँ.

ईवीएम मशीन (EVM) में एक चिप (EVM CHIP) लगती है. इसी चिप (CHIP) के जरिये कुछ भी करना संभव है. मेरी रिसर्च के अनुसार यह चिप भारत में नहीं बल्कि विदेश में एक विदेशी कंपनी बनाती है. इसलिए यह आरोप भी लगाया जाता है कि भारत का प्रजातंत्र विदेशी कंपनियों के नियंत्रण में है.   

प्रश्न यह उठता है कि ईवीएम मशीन (EVM) की चिप (CHIP) से केसे फर्जीवाड़ा संभव है ? गूगल (Google) में उपलब्ध सूचनाओं व मेरी रिसर्च के अनुसार ईवीएम मशीन (EVM) की चिप (CHIP) से कम से कम निम्न तरीको से संभावित फर्जीवाड़ा संभव है –

  1. यदि वोटिंग के समय ईवीएम मशीन (EVM) की चिप (CHIP) उम्मीदवार (Candidate) का चुनाव चिन्ह के आधार पर काम करती हो और उम्मीदवार (Candidate) के चुनाव चिन्ह (Symbol) को भी पहचानती हो तो चिप (CHIP) के जरिये बहुत बड़े स्तर (Large Scale) पर फर्जीवाड़ा बड़ी आसानी से संभव है.
  1. स्थानीय स्तर पर चिप (CHIP) में कमांड / नियंत्रण / हैकिंग के जरिये वोटिंग समाप्ति के बाद किसी भी उम्मीदवार (candidate) के कुछ प्रतिशत वोट दूसरे उम्मीदवार को आटोमेटिक ट्रान्सफर हो जाए.
  1. स्थानीय स्तर पर चिप (CHIP) में कमांड / नियंत्रण / हैकिंग (Command / Hacking / Control) के जरिये वोटो की गिनती प्रारम्भ करते समय किसी भी उम्मीदवार (candidate) के कुछ प्रतिशत वोट दूसरे उम्मीदवार को आटोमेटिक ट्रान्सफर हो जाए.
  1. ईवीएम मशीन (EVM) के रखरखाव (mainly maintenance) के दोरान ईवीएम मशीन (EVM) की चिप (CHIP) को ही बदल दिया जाए.

उपरोक्त दूसरे व तीसरे तरीके की हमारी जांच-पड़ताल अभी पूरी नहीं हुई है लेकिन अभी तक की पड़ताल में सिर्फ इतना ही निष्कर्ष निकलता है कि यदि ऐसा फर्जावाड़ा किया जाना संभव हो तो ऐसा फर्जीवाड़ा सिर्फ स्थानीय स्तर एक-एक मशीन पर ही संभव है, जिससे बहुत बड़े व्यापक स्तर पर एक साथ फर्जीवाड़ा  करना / करवाना संभव नहीं है.

लेकिन पहले तरीके की हमारी जांच-पड़ताल में RTI के जरिये पता चला कि वोटिंग के समय ईवीएम मशीन (EVM) / ईवीएम मशीन (EVM) की चिप (CHIP) उम्मीदवार (Candidate) का चुनाव चिन्ह (symbol) को नहीं पहचानती है बल्कि उम्मीदवार (Candidate) के सिर्फ क्रमांक (Serial Number) को ही पहचानती है.

हमें चुनाव आयोग (Election Commission) से मिली जानकारी के अनुसार EVM / ईवीएम मशीन को भारत सरकार की दो कंपनिया Bharat Electronics Limited (BEL), Bangalore व Electronics Corporation of India Limited (ECIL), Hyderabad बनाती है और इन दोनों कंपनियों से प्राप्त की गयी सूचना के अनुसार EVM / ईवीएम मशीन उम्मीदवार (Candidate) के सिर्फ क्रमांक (Serial Number) को ही पहचानती है. भारत सरकार की कंपनियों पर अविश्वास करना शायद उचित नहीं होगा लेकिन यदि  चिप (CHIP) के जरिये EVM / ईवीएम मशीन उम्मीदवार (Candidate) का चुनाव चिन्ह (symbol) को पहचानती हो तो बहुत बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा बड़ी आसानी से संभव है. 

यहाँ पर एक तथ्य और उल्लेखनीय है कि EVM / ईवीएम मशीन बनाने (Manufacturing of EVM) / रखरखाव (Maintenance of EVM) का शत-प्रतिशत को भारत सरकार की दो कंपनिया Bharat Electronics Limited (BEL), Bangalore व Electronics Corporation of India Limited (ECIL), Hyderabad द्वारा ही नहीं किया जाता है बल्कि कुछ काम (खासतोर पर रखरखाव / mainly maintenance) इन दोनों कंपनियों से बाहर ठेकों (Contracts) में होते है और ऐसे ठेकेदारों (Contractors) की विश्वसनीयता पर भी शत-प्रतिशत विश्वास नहीं किया जा सकता.

भारतीय EVM / ईवीएम मशीन की चिप (Chip) में क्या है, क्या उसको समझा / देखा जा सकता है : नहीं. भारतीय EVM / ईवीएम मशीन की चिप (Chip) में क्या है, उसको आम आदमी या उम्मीदवार तो क्या, EVM / ईवीएम मशीन बनाले वाली दोनों कंपनिया (BEL व ECIL)  भी चिप (Chip) के कंटेंट / सिस्टम को देख और समझ नहीं सकती. और तो और गोपनीयता के नाम पर कई तथ्यों को RTI में भी बताने से इनकार कर दिया जाता है.

सब कुछ एक विदेशी कंपनी के भरोसे : चूकि भारतीय EVM / ईवीएम मशीन की प्रत्येक चिप (Chip) की मैकेनिकल टेस्टिंग नहीं हो पाती है और न ही वर्त्तमान व्यवस्थानुसार प्रत्येक भारतीय EVM / ईवीएम मशीन की पूर्ण फिजिकल टेस्टिंग होती है, जिससे भारतीय चुनाव व प्रजातंत्र उस एक विदेशी कंपनी के भरोसे पर ही है. मजे की बात यह भी है कि कुछ राजनीतिक पार्टिया EVM / ईवीएम मशीन पर अपने सुविधानुसार होहल्ला तो करती है लेकिन आज दिन तक ज्यादा कुछ नहीं कर पाई.

फर्जीवाड़ा मिलीभगती (Collusion) से ही संभव है : फर्जीवाड़ा किसी भी स्तर पर हो, बिना मिलीभगती के संभव नहीं है. और यह मिलीभगती किसी भी स्तर (चिप बनाने वाली विदेशी कंपनी से लेकर रखरखाव ठेकेदार तक) पर संभव हो सकती है.

उद्दाहरण :  कुछ वर्ष पहले एक  नेता जी के रिलेटिव की एक कंपनी का  EVM / ईवीएम मशीन के रखरखाव का ठेका था और EVM / ईवीएम मशीनो का कुछ रखरखाव का कार्य  जयपुर के शास्त्री नगर की एक बिल्डिंग में चलता था.  ऐसे  रखरखाव ठेकेदारों के साथ भी मिलीभगती  संभव हो सकती है.

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