Saturday, December 2, 2017

अनिवार्य आधार कार्ड के लिए जनता झेल रही है पीड़ा व असुविधा  

भारत सरकार आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के लिए एडी-चोटी का जोर लगा रही है लेकिन अनिवार्य आधार कार्ड के लिए भारत की जनता को भारी पीड़ा व असुविधा झेलनी पड़ रही है जिससे भारत सरकार बिलकुल बेखबर होकर जनता को भगवान  भरोसे छोड़ रखा है.

हकीकत तो यह है कि देश की आम जनता को मोदी जी से बहुत ज्यादा अपेक्षा है तथा इन्ही अपेक्षाओ के कारण ही उन्हें पूर्ण बहुमत नवाजा गया. भारत में तो सफल नेता वही  होता है जो अपनी झूठी या सच्ची बातों व वादों को जनता के गले में उतार दे और वोट लेने में कामयाब हो जाए. वाक् पटुता में मोदीजी का कोई मुकाबला ही नहीं और अभी तक तो भारत की जनता मोदीजी से परिणाम का सब्र से इन्तजार कर रही लेकिन निचले स्तर पर सरकार  बदलने का अहसास आम आदमी को नहीं हो रहा है.

प्रधान मंत्री जी  व भाजपा नेताओ की बातो व वादों के अनुरूप आम जनता को परिवर्तन का कोई अहसास नहीं हो रहा है. प्रत्येक सरकारी कामकाज का तोर-तरीका में सरलता का कोई अहसास कही भी नहीं हो रहा है. घोषणा करना और वाही-वाही  लेना अलग बात है और कर के दिखाना अलग बात है. वर्तमान सरकार सरलीकरण पर बहुत बोलती है लेकिन सरलीकरण कही भी नजर ही नहीं आता.

उदाहारह के तोर पर ‘आधार कार्ड‘ को ही ले लीजिये जिसको सरकार अनिवार्य करने के लिए हाथ धोकर पीछे पडी है तथा बिना किसी एक्स्ट्रा लागत के आम  जनता को सुविधा दे सकती है लेकिन सुविधा उल्टी कम हुई है तथा गरीबो का शोषण बढ़ा है.  निम्न प्रश्नों का उत्तर खोजिये, आपको ज्ञात होगा कि  ‘आधार कार्ड’ के मामले में  कांग्रेस राज  के मुकाबले,  मोदी सरकार ने  जनता के लिए कितनी  सरलता, सुखमय व्यवस्था  व सुगमता  पैदा की है, आप स्वयं को जवाब मिल जाएगा :-

  1. क्या किसी भी निजी अधिकृत आधार सेंटर ( कैंप या सामूहिक अभियान को छोड़कर) पर बिना सेवा शुल्क दिए आधार कार्ड बन रहा है ?
  2. क्या किसी भी निजी अधिकृत आधार सेंटर पर नए आधार को छोड़कर कोई भी आधार सुविधा सरकारी तय दर जनता को उपलब्ध है ?
  3. राजस्थान सहित कई राज्यों में जानबूझकर आधार कार्ड पर पूर्ण जन्म तारीख प्रिंट नहीं की गयी जबकि आधार अथॉरिटी के रिकॉर्ड पर उपलब्ध थी व है . क्या मोदी सरकार ने  सरकारी गलती को सुधारने के लिए अपने स्तर पर जन्म-तारीख युक्त आधार कार्ड जनता को मुफ्त में उपलब्ध करवाने का प्रयास किया ?
  4. भारत के अधिकाँश गाव व गरीब लोगो के पास मोबाइल  नंबर नहीं होने अथवा जानकारी के अभाव में , अधिकाँश लोगो के आधार कार्ड के रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर दर्ज ही नहीं है जबकि लगभग सभी ऑनलाइन आधार सुविधा के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है. जिनके पास अब मोबाइल नंबर आ गए है या जिनका नंबर बदल गया है, क्या मोदी सरकार ने अपने स्तर पर मुफ्त में मोबाइल नंबर पंजीकृत करने की सुविधा उपलब्ध करवाई है ?
  5. जनवरी,2016 से पहले, ऑफलाइन आवेदन करके कोई भी अपना मोबइल नंबर जुड़वा सकता था या बदल सकता था लेकिन मोदी सरकार ने यह सुविधा बंद कर दी जिससे यह सुविधा न तो  ऑफलाइन उम्पब्ध है और न ही ऑनलाइन. जनता की इस  तकलीफ को समाप्त करने के लिए, क्या मोदी सरकार ने कोई भी एक भी कदम उठाया है ?

वर्तमान भाजपा सरकार को जनता की धरातलीय समस्यायों का समाधान करना व दिखाना चाहिए. जेसा कि ऊपर लिखा गया है ज्यादातर कार्य तो बिना लागत मात्र कुशल व इमानदार प्रशासनिक सक्रियता से ही संभव है जो कही नजर ही नहीं आ रहा है.

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