Friday, December 1, 2017

 इन्दोर में जीएसटी के विरोध में कल व्यापार बंद  

किसान आंदोलन से डरी सरकार अब विरोध के हर आह्वान पर पहले से सचेत हो रही है। जीएसटी के विरोध में रैली का ऐलान करने वाले व्यापारियों से पहले ही समझौता चर्चा शुरू कर दी गई है। अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने 15 जून को जीएसटी की विसंगतियों के विरोध में रैली का ऐलान किया है। चेंबर ने ऐलान किया कि बाजार भी बंद रखे जाएंगे।

वाणिज्यिक कर आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने सोमवार को अहिल्या चेंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल को व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के लिए बुलाया। दोपहर में करीब 40 व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ चेंबर के पदाधिकारी वाणिज्यिक कर मुख्यालय पहुंचे। करीब ढाई घंटे व्यापारियों के साथ आयुक्त राघवेंद्र सिंह और डिप्टी कमिश्नर सुदीप गुप्ता ने चर्चा की। चेंबर के सचिव सुशील सुरेका, इल्वा के मंत्री देवेंद्र कोठारी, कपड़ा मार्केट के निर्मल सेठी समेत तमाम संगठनों के प्रतिनिधियों से अधिकारियों ने जीएसटी पर आपत्तियां जानी।

व्यापारियों ने कहा कि वे जीएसटी के विरोध में नहीं हैं बल्कि इसके व्यापार और उपभोक्ता विरोधी प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं। इन प्रावधानों के अनुसार तो व्यापार करना ही संभव नहीं है। सोने पर सरकार 3 प्रतिशत टैक्स लगा रही है और अलग-अलग तरह की दवाओं पर 28 प्रतिशत टैक्स लग रहा है। बिस्किट पर 18 प्रतिशत टैक्स लगा दिया गया है। अनाज को टैक्स छूट में रखने का भ्रम फैलाया जा रहा है। असलियत यह है कि व्यापारी अनाज अपने नाम से बेचेगा तो उसे भी टैक्स देना होगा। व्यापारियों ने ई-वे बिल को भी अव्यावहारिक और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा देने वाला बताया। अधिकारियों ने आपत्तियां लिखते हुए आश्वासन दिया कि 18 जून को दिल्ली में होने वाली जीएसटी काउंसिल में बैठक में ये बिंदु रखे जाएंगे।

चर्चा के दौरान डिप्टी कमिश्नर गुप्ता जीएसटी के कई प्रावधानों को व्यापारियों के सामने स्पष्ट भी करते रहे। जीएसटी में सजा के प्रावधान पर व्यापारियों ने आपत्ति जताई । इस पर गुप्ता ने प्रावधान स्पष्ट करते हुए कहा कि सजा का प्रावधान 5 करोड़ और ज्यादा की टैक्स चोरी पर है। इतना टैक्स तभी बनता है जबकि व्यापारी का टर्नओवर 100 करोड़ रुपए का हो। इतने टर्नओवर वाले तो प्रदेश में सिर्फ 735 व्यापारी ही हैं। ऐसे में आप चिंतिंत न हो।

व्यापारियों-अधिकारियों की इस चर्चा में संकेत मिले हैं कि जीएसटी फिलहाल 1 जुलाई से लागू नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक आयुक्त ने इस बारे में संकेत दिया है। आयुक्त ने ई-वे बिल में संशोधन का भरोसा भी जताया। व्यापारियों से कहा कि वे चाहे तो जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले जिले के प्रभारी और वित्त वाणिज्य मंत्री जयंत मलैया उनसे भोपाल में चर्चा के लिए तैयार हैं।

पहले रैली का ऐलान करने वाली अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स ने अब बंद की भी घोषणा कर दी है। पहले 15 जून को राजवाड़ा से वाणिज्यिक कर आयुक्त कार्यालय तक रैली निकालकर ज्ञापन देने की घोषणा थी। सोमवार को चेंबर ने व्यापारियों को लिखित संदेश दिया कि 15 को बाजार भी बंद रखे जाएंगे। क्लॉथ मार्केट में शाम को बैठक कर बंद का प्रस्ताव पारित कर भी दिया गया. एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज जैन, अरुण बाकलीवाल के मुताबिक सीतलामाता बाजार, राजवाड़ा क्षेत्र भी बंद रखा जाएगा। इधर सियागंज, प्लायवुड, अनाज मंडी, टिंबर मार्केट समेत सभी प्रमुख बाजारों ने भी बंद में शामिल होने की घोषणा कर दी है। चेंबर ने ऐलान किया है कि ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन भी इसमें शामिल होगी।

रमेश खंडेलवाल, अध्यक्ष, अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, ने कहा कि आयुक्त के आश्वासन पर हमें भरोसा नहीं है। फैसला तो जीएसटी काउंसिल को करना है। पहले भी सरकार ने काउंसिल में हमारी बात ठीक से नहीं रखी। व्यापारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि आंदोलन तो होगा।

जीएसटी के विरोध में मध्य प्रदेश के किराना कारोबारी गुरुवार 15 जून को अपना कारोबार बंद रखेंगे। मंगलवार को भोपाल में किराना व्यापारी महासंघ और दाल-चावल व्यापारी एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। किराना व्यापारी महासंघ के उपाध्यक्ष अनुपम अग्रवाल ने बताया कि व्यापारियों ने इसे काला कानून करार देते हुए इसे लागू नहीं करने की मांग की है।

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