Thursday, March 15, 2018

पुराने बंद नोटों को बदलने का व्यापार अभी भी क्यों चल रहा हो सकता है ?  

पुराने बंद नोटों को बदलने का व्यापार अभी भी क्यों चल रहा हो सकता है ?

पूर्व लेख में सारांशत: यह बताया गया था कि आम भारतीय को अपने पास बच गए पुराने 500-1000 रूपयों के नोटों को सिर्फ रद्दी ही नहीं समझे बल्कि दंड योग्य आपराधिक श्रेणी की सम्पति भी समझे जिसके लिए कम से कम 10,000/- रू. आर्थिक दंड भी हो हो सकता है.

वर्तमान में चल रही अपवाहो के अनुसार पुराने 500-1000 रूपयों के नोट बदलने का व्यापार बड़े स्तर पर आज भी चल रहा है. यदि हकीकत में ही पुराने 500-1000 रूपयों के नोट बदलने का व्यापार चल रहा है तो बड़ा ही चौकाने वाला व हेरान करने वाली बात है. क्योकि ताजा क़ानून के अनुसार रिज़र्व बैंक (आर.बी.आई. / RBI) की मात्र 5 कार्यालयों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकत्ता व नागपुर) में ही पुराने नोट जमा हो सकते है लेकिन  आम भारतीय जमा नहीं करवा सकते है.

मै इसी लेख के नीचे आज के क़ानून को प्रकाशित कर रहा हूँ जिससे आप समझ सकेंगे कि क़ानून क्या बोलता है. हकीकत व जन-चर्चा के अनुसार निम्न संभावनाओं के चलते पुराने 500-1000 रूपयों के नोट बदलने का रिस्की (Risky) व्यापार बड़े स्तर चल रहा हो सकता है तथा कुछ लोग यह जुआ खेल सकते है 

  1.  भारतीय नागरिक है या एन.आर.आई (NRI) जो नोट बंदी की घोषणा के बाद से 30.12.2016 तक भारत से बाहर रहे है, ऐसे भारतीय नागरिक है या एन.आर.आई (NRI अवश्य रिज़र्व बैंक (आर.बी.आई. / RBI) की मात्र 5 कार्यालयों (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकत्ता व नागपुर) में ही पुराने नोट जमा हो सकते है. एन.आर.आई (NRI ) के लिए सीमा (लिमिट)  FEMA Regulations के अनुसार / मात्र रू. 25,000/- रखी गयी है. ये नोट भी एअरपोर्ट कस्टम अथॉरिटी (रेड चैनल) द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए.
  1. कई लोगो का विश्वास है कि मोदी सरकार फिर यु-टर्न ले सकती है तथा मार्च महीने में कुछ दिनों के लिए आम भारतीय को भी नोट बदलने का एक मोका ओर दे सकती है. कई लोग इस बात को यु.पी. चुनाव के परिणामो से भी जोड़ कर देख रहे है.
  1. कई लोगो को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी उम्मीद है कि पहले से घोषित 31 मार्च की अंतिम तिथि को घटाकर 30 दिसंबर करना स्पष्ट: वादा खिलाफी व धोखा है जिससे सुप्रीम कोर्ट सरकार के विरूद्ध कोई बड़ा फेसला दे सकता है, जिस की बहुत बड़ी संभावना भी है.
  1. यही नहीं 30.12.2016  को भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी एक अध्यादेश के जरिये दो अपवादों को छोड़कर रिज़र्व बैंक को पुराने 500-1000 रूपयों के नोट के भुगतान की जिम्मेदारी से व भारत सरकार को पुराने 500-1000 रूपयों के नोट की गारंटी से भी मुक्त कर दिया था, यह 30.12.20167 का अध्यादेश हो सकता है संसद में पास ही नहीं हो या सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया जाए.
  1. विदेशी सरकारे / बैंक भारत सरकार की गारंटी व रिज़र्व बैंक के वादे अनुसार नोट बदलवा भी सकती है, जिसके लिए मना करने पर अन्तराष्ट्रीय कोर्ट में भी मामला जा सकता है.

यही नीचे कुल 17 पेज / दस्तावेज सभी पाठको के ज्ञानार्थ संलग्न किये जा रहे है, जिनकी सूची निम्नानुसार है –

  1. 30.12.2016 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश ( कुल 5 पृष्ठ )
  2. 31.12.2016  रिज़र्व बैंक द्वारा नोट बदलने संबंधी नया / ताजा नोटिफिकेसन ( कुल 4  पृष्ठ )
  3. 17.02.2017 को   रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उत्तर-प्रश्नावली / FAQनोट ( कुल 4  पृष्ठ )
  4. साधारण भारतीय द्वारा रिज़र्व बैंक में आवेदन करने वाला फॉर्म / Annex- 1. ( कुल 2  पृष्ठ )
  5. एन.आर.आई (NRI ) द्वारा रिज़र्व बैंक में आवेदन करने वाला फॉर्म / Annex- 2  ( कुल 2  पृष्ठ )

अब आप देखे 30.12.2016  को भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश की कानूनी भाषा क्या है –

 

साथ ही यह देखे कि रिज़र्व बैंक द्वारा नोट बदलने संबंधी नया / ताजा नोटिफिकेसन क्या कहता है –

Relevant FAQ by RBI

साधारण भारतीय द्वारा रिज़र्व बैंक में आवेदन करने वाला फॉर्म / Annex- 1.

एन.आर.आई (NRI ) द्वारा रिज़र्व बैंक में आवेदन करने वाला फॉर्म / Annex- 2.

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