Thursday, March 15, 2018

‘मोदी नोटबंदी योजना’ से करेंसी (नोट) एक्सचेंज किन-किन के लिए बना व्यापार – रोजगार ?  

‘मोदी नोटबंदी योजना’ से करेंसी (नोट) एक्सचेंज किन-किन के लिए बना व्यापार – रोजगार ?

आजाद हिन्दुस्तान में चल रही दूसरी नोटबंदी योजना को ‘मोदी नोटबंदी योजना’ कहना ज्यादा उचित होगा क्योकि इसका श्रेय सिर्फ नरेन्द्र जी मोदी को जाता है तथा इस तरह की बहुद्देशीय व हर दिन बदलती नोटबंदी इससे पहले दुनिया में कभी नहीं देखी गयी.

मेरा उद्देश्य योजना का विरोध करना नहीं है बल्कि एक सत्यता पर चर्चा करना है कि इस ‘मोदी नोटबंदी योजना’  से देश में करेंसी (नोट) एक्सचेंज व कालेधन को सफ़ेद करने का एक नया व्यापार चालु हो गया है तथा हिन्दुस्तान के बुद्धिमानो ने केसे-केसे व्यापार के नए-नए रोचक  फोर्मुले निकाल लिए जिसके बारे में शायद मोदी जी ने सोचा भी नहीं होगा. इस ‘मोदी नोटबंदी योजना’  से देश में करेंसी (नोट) एक्सचेंज व कालेधन को सफ़ेद करने का धंधा निम्न लोगो के लिए भी एक अच्छा व्यापार – रोजगार  बन गया व बना हुआ है –

  1. कई गरीब-मजदूरो ने नोट बदलने के लिए लाइन में खड़े होने को रोजगार का साधन बना लिया.
  1. कई गरीब-मजदूरो ने अपने जन-धन खातो को नोट बदलने के लिए उपयोग को बेचकर रोजगार का साधन बना लिया.
  1. गाव-गाव व कई स्थानों पर जन-धन खातो के व्यापारी पैदा हो गये तथा खुद लाखो खातो का ही व्यापार हो गया.
  1. जिसको भी मोका लगा, हर-छोटा बड़ा आदमी कम या ज्यादा नोट बदलने के व्यापार में लग गया जिसमें हर संभव बेंक खातो का उपयोग हुआ है तथा हो रहा है.
  1. कई बेन्कर्स / बैंककर्मी नियमो को ताक में रखकर नोट बदलने के बड़े व होलसेल व्यापारी बन गए.
  1. कई सहकारी बैंको के मालिक / उच्च प्रबंधक स्वयं ही नोट बदलने के बड़े धंधे में लग गए.
  1. कई बेन्कर्स / बैंक-कर्मियों ने ग्राहकों के खातो में धांधली करके कालेधन को सफ़ेद में बदलने का व्यापार बड़े स्तर किया.
  1. जिन-जिन क्षेत्रो / काउंटर्स / दुकानों पर देर तक पुराने नोट स्वीकार करने की छूट थी, उन क्षेत्रो / काउंटर्स / दुकानों के कई इंचार्ज लोगो ने नोट बदलने के धंधे को चालु कर लिया तथा खुद के पुराने नोट तो खपा ही लिए.
  1. सभी कालेधन को सफ़ेद में बदलने वाले जरूरत मंदों के लिए दलाल, सीए, वकील व बिचोलियों के लिए तो रोजगार का स्वर्ण युग आ गया.
  1. बहुत बड़े स्तर पर नोट बदलने का ‘फारवर्ड व्यापार’ चालू हो गया जिसमें ‘बंद नोट आज दो और नए नोट भविष्य में लो’ के सिद्धांत पर व्यापार हो रहा है.
  1. कई बेन्कर्स / बैंककर्मी नकली नोटों को असली में नोट बदलने के बड़े धंधे में लग गए.
  1. इस तरह से कुल मिलाकर अस्थाई ही सही लेकिन करोड़ो लोगो को इस ‘मोदी नोटबंदी योजना’ से अलग-अलग तरीको से रोजगार मिला है जो इस योजना की सबसे बड़ी अघोषित उपलब्धि है.

सीए के.सी.मूंदडा 

Indian Banned Currency Exchange बंद नोट एक्सचेंज

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