Wednesday, September 13, 2017

व्यवसायियों पर एक नया वजन – वित्तीय लेनदेन का विवरण (प्रपत्र सं. 61ए – Form 61A)  

व्यवसायियों पर एक नया वजन  – वित्तीय लेनदेन का विवरण (प्रपत्र सं. 61ए – Form 61A)

 

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 285 बी के अनुसार निर्दिष्ट व्यक्तियों को आयकर नियमों, 1962 के नियम 114 ई के तहत निर्धारित वितीय लेनदेन की विवरण / रिपोर्ट (Return) करना आवश्यक है, जो कि 01.04.2016 को या उसके बाद पंजीकृत किए गए हैं । वित्तीय विवरण प्रपत्र सं. 61ए में वित्तीय वर्ष 2016-17 में पंजीकृत या दर्ज किए गए लेनदेन के संबंध में, 31 मई , 2017 को या उससे पहले इस तरह के व्यवसायियों को वित्तीय लेनदेन का प्रपत्र सं. 61ए (Form 61A) में विवरण देना होगा।

नए नियम 114 ई के तहत बैंकों द्वारा सूचित किए जाने वाले लेन-देनो  का दायरा भी बढ़ाया गया है। सहकारी बैंक, एनबीएफसी, निधि, अपनी स्वयं की प्रतिभूतियों और पोस्ट मास्टर जनरल की खरीद के लिए मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियां को भी एफ.वाय.शा.इं. 176-17 से नियम 114 ई में निर्दिष्ट प्रकृति और मूल्य के संबंधित लेनदेन की रिपोर्ट करना आवश्यक हैं।

इस संदर्भ में आयकर अधिनियम, 1961 के धारा 285 बी के अनुसार आयकर नियमों, 1962 के नियम 114 ई के साथ वित्तीय लेनदेन के पंजीकरण और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया सीबीडीटी अधिसूचना सं। 1/2017 दिनांक 17 / 1/2017, http://www.incometaxindia.gov.in/communications/notification/systemnotification1_2017.pdf पर उपलब्ध है। इस अधिसूचना में ऐसे लेन-देन की रिपोर्ट करने के लिए आवश्यक लेन-देन और व्यक्तियों की प्रकृति और मूल्य का विवरण भी शामिल है।

विवरण / रिपोर्ट (Return) किन के द्वारा देना आवश्यक है  : नियम 114 ई, जो 1.4.2016 से प्रभावी है, के अनुसार किसी ऐसे व्यक्ति को निर्धारित वितीय लेनदेन की विवरण / रिपोर्ट (Return – Form 61A ) देने की जिम्मेदारी होगी जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 44एबी के तहत वितीय वर्ष 2016-17 के लिए लेखापरीक्षा (Audit) के लिए उत्तरदायी है.

कौन-कौन से वितीय लेनदेन का विवरण / रिपोर्ट (Return) देना आवश्यक है : धारा 44एबी के तहत लेखापरीक्षा (Audit) कराने वाले किसी भी व्यवसायी द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में किसी भी प्रकार के सामान या सेवाओं की बिक्री के लिए रू. 2 लाख (प्रति लेनदेन)या उससे अधिक रोकड़ प्राप्त किये है तो उन्हें 31 मई , 2017 को या उससे पहले इस तरह के व्यवसायियों को वित्तीय लेनदेन का प्रपत्र सं. 61ए (Form 61A) में विवरण देना होगा।

शून्य  वितीय लेनदेन की स्थिति में क्या होगा : धारा 44एबी के तहत लेखापरीक्षा (Audit) कराने वाले किसी भी व्यवसायी द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में किसी भी प्रकार के सामान या सेवाओं की बिक्री के लिए रू. 2 लाख (प्रति लेनदेन)या उससे अधिक रोकड़ प्राप्त किये है या नहीं,  उन्हें 31 मई , 2017 को या उससे पहले इस तरह के व्यवसायियों को शून्य वित्तीय लेनदेन का भी प्रपत्र सं. 61ए (Form 61A) में विवरण देना होगा।

विवरण / रिपोर्ट (Return) प्रपत्र सं. 61 (Form 61A) में नहीं जमा कराने पर क्या होगा : निर्धारित समय में  विवरण / रिपोर्ट (Return) प्रपत्र सं. 61ए (Form 61A) में जमा नहीं करने पर एक बार  नोटिस आयेगा तथा उसके बाद भी जमा नहीं कराने पर पेनेल्टी भी जमा करानी होगी.

व्यवसायियों पर एक नया वजन : ऑडिट कराने वाले करने पर  व्यवसायियों के लिए तो यह गेर जरूरी वजन / जिम्मेदारी  है क्योकि इस तथ्य की रिपोर्ट ऑडिट रिपोर्ट में होनी ही है. देश में सभी सरकारी कामो की सारी जिम्मेदारी मानो व्यापारियों की है, परिणाम स्वरुप एक-एक करके व्यवसायियों की जिम्मेदारिया बढाई जा रही है.

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