सोया: क्या है और क्यों जरूरी?
सोया एक ऐसा बीज है जो कई देश की रसोई में रोज़ इस्तेमाल होता है। इसका प्रोटीन मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इसे अक्सर मांस का विकल्प माना जाता है। अगर आप थोड़ी सी जानकारी चाहते हैं कि सोया आपके स्वास्थ्य में क्या कर सकता है, तो पढ़ते रहें।
सोया के स्वास्थ्य लाभ
सबसे पहले, सोया में मौजूद प्रोटीन पूरी तरह से एसेसरी नहीं होता, यानी यह सभी नौसिखिया अमीनो एसिड देता है। इससे मसल्स बनते हैं और थकान कम होती है। दूसरा, सोया में आयरन, कैल्शियम और विटामिन B समूह भी होते हैं, जो हड्डियों और खून की सेहत को सपोर्ट करते हैं।
दुबारा, सोया के एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं। ये शरीर में फ्री रैडिकल्स को कम करते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। कई शोध बताते हैं कि नियमित सोया सेवन से दिल की बीमारी का जोखिम घटता है। अगर आप वेट कंट्रोल करना चाहते हैं, तो सोया के लो‑कैलोरी और हाई‑फाइबर प्रोफ़ाइल मददगार होती है।
सोया को कैसे तैयार करें
सोया के कई रूप होते हैं – दाल, दूध, तेल और पनीर (टोफ़ू)। दाल के रूप में आप इसे रात भर भिगो कर स्टीम या टadka लगा के खा सकते हैं। सोया दूध बनाना आसान है: भिगोए हुए सोया को पानी में पीस कर छानें, फिर थोड़ा‑बहुत मीठा या नमक डाल कर पकाएँ। टोफ़ू को फ्राई, ग्रिल या सलाद में डाला जा सकता है। अगर आप सोया का तेल इस्तेमाल करते हैं, तो हल्का फ्राई या सॉस में मिलाकर भी अच्छा रहता है।
एक आसान रेसिपी बताते हैं – सोया चिली। सोया दाल को उबाल लें, फिर कटा हुआ प्याज़, टमाटर, हरी मिर्च और मसाले डाल कर भूनें। इसमें थोड़ा सोया सॉस या नमक मिलाएँ और 5 मिनट तक पकाएँ। यह डिश प्रोटीन की भरपूर सप्लाई देती है और जल्दी बनती है।
ध्यान रहे, अगर आप पहली बार सोया खा रहे हैं, तो छोटी मात्रा से शुरू करें। कुछ लोग सोया पर हल्का पाचन सम्बंधी असहजता महसूस कर सकते हैं, इसलिए धीरे‑धीरे मात्रा बढ़ाएँ। अगर आपको एलर्जिक रिएक्शन लगता है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
संक्षेप में, सोया एक किफायती, पोषक और बहुउपयोगी खाद्य है। इसे अपने रोज़मर्रा के खाने में शामिल करके आप प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर की जरूरत पूरी कर सकते हैं। तो अगली बार जब रसोई में क्या बनाएं, सोचें – क्यों न सोया को आज़माएँ?