Thursday, November 21, 2019

क्यों हाई कोर्ट में आयकर विभाग ने किया करदाता से समझोता और केसे अत्याचार के विरूद्ध लड़ी गयी लड़ाई  

क्यों हाई कोर्ट में आयकर विभाग (Income-tax Department)  ने किया करदाता (Tax Payer) से समझोता (Mutual Agreement) और केसे अत्याचार (Atrocity) के विरूद्ध लड़ी गयी लड़ाई

1. यह पहली कहानी (First Story) है, राजस्थान के जोधपुर संभाग (Jodhpur Division) के शहर सुमेरपुर (Sumerpur City) की.

2. अत्याचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ने वाला करदाता है – तेजराज चोपड़ा ( Vimal Chand Gautam Chand) .

3. सुमेरपुर की फर्म विमलचंद गौतमचंद के एक बुजुर्ग मुनीम (Senior Accountant) ने सेठ (Employer) से रिटायरमेंट (Retirement) का पेसे लेने का प्रयास किया.

4. सफल नहीं होने पर आयकर विभाग की सर्च विंग ( Search Wing Of Incometax Department) में शिकायत की और करदाता को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया.

5. वर्ष 2001 में एक शाम अचानक आयकर विभाग की सर्च विंग का एक इंस्पेक्टर आया और करदाता की सभी लेखा-पुस्तकों (Books Of Accountant) को जोधपुर ले चलने को कहा.

6. इंस्पेक्टर (Incometax Inspector) ने बिना किसी लिखित आदेश (Written Order) के व्यापारी की सारी लेखा पुस्तकों को अलग-अलग बण्डल बंधवाकर रात को व्यापारी की दूकान पर ही सो गया.

7. दूसरे दिन सुबह करदाता (Tax Payer) की तबियत चलने लायक न होने के कारण इंस्पेक्टर व्यापारी की ही जीप में लेखा-पुस्तके, व्यापारी के बेटे और एक मुनीम को जोधपुर लेकर गए.

8. जोधपुर आयकर कार्यालय में मुनीम को बाहर बैठाकर, सारी लेखा-पुताके देखी गयी लेकिन उसमे सम्बंधित कर-निर्धारण वर्ष सहित कोई भी पुरानी लेखा पुस्तके उनमे नहीं थी.

9. बाद में चालू हुआ डराने, धमकाने (Threats) और दुर्व्यवहार (Misbehavior) का सिलसिला.

10. करदाता के तीन साल के केस आयकर की धारा 148 (Section 148 of Incometax Act) में खोले गए और कारणों (Reasons Recorded ) में तीनो सालो (कर-निर्धारण वर्ष 1992-93, 1993-94 व 1994-95) में कुल रू. 14,32,469/- की आय पर कर-चोरी (Tax Evasion) का आरोप लगाया गया..

11. इश्तियाक हुसैन (Ishtyaq Hussain) नामक अतिरिक्त आयकर आयुक्त (Additional Commissioner Of Income-tax) कुछ ज्यादा ही रुचि लेकर करदाता के पीछे पड़ गए.

12. कार्यवाही की शुरूआत में ही करदाता ने केस खोलने के कारणों की नकले माँगी लेकिन न केवल मना कर दिया गया बल्कि सारी सीमाए पार करते हुए एक नोटिस 13.03.2003 (यहाँ क्लिक कर विडियो में देखिये) में लिख दिया गया-
“ आपको कारणों को जानने का कोई अधिकार नहीं है और इनकी फोटो कॉपी आपको नहीं दी जा सकती. अब यदि आप चाहे तो आप भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चले जाए जहा से आपको सही निर्णय मिल जाएगा”

13. योजना अनुसार और क़ानून की समय सीमा (Limitations) के कारण 31 मार्च 2003 को करदाता के खिलाफ एकपक्षीय आदेश (Exparte Order) जारी होना था.

14. लेकिन करदाता अचानक राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court)  चला गया और जज साहब ने कमेंट (Comment) को गंभीरता लेकर तत्काल सुनवाई की और आयकर कर-निर्धारण प्रक्रिया को स्टे कर दिया गया (Stayed Incometax Assessment Proceeding) .

15. जज साहब ने आयकर अधिकारी के कर-निर्धारण अधिकार (Seized Assessment Powers) पर भी रोक लगा दी.

16. जज साहब बदल चुके थे, उनकी सलाह थी कि आपस में लिखित समझोता (Written Agreement) कर लो, परिणाम स्वरुप दिनांक 01.09.2003 को हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमती से आदेश दिया कि व्यापारी द्वारा मांगे गए दस्तावेजो की नकले उपलब्ध कराने व शिकायतकर्ता का क्रॉस एग्जामिनेशन (Cross Examination) कराने के बाद ही कर-निर्धारण (Assessment)  की कार्यवाही करेगा –  ट्रिब्यूनल आदेश का पेज न. 2 व् 3 के लिए यहाँ क्लिक कर विडियो में देखिये .

17. इश्तियाक हुसैन के लिए शिकायतकर्ता (Complainant)  VIP बन चुका था. लगभग पूरा आयकर विभाग करदाता (Tax Payer) को बर्बाद करने के लिए पीछे ही पड़ गया ताकि दूसरा कोई करदाता हिम्मत नहीं करे..

18. आयकर विभाग एक दस्तावेज की नक़ल (Copies Of Documents) नहीं दे पा रहा था क्योकि एक ऐसा कोई दस्तावेज था ही नहीं जिसे इश्तियाक हुसैन ने गोपनीय दस्तावेज (Secret Documents) बताया हाई कोर्ट में.

19. अंतत: हाई कोर्ट आदेश (High Court Order) की अवहेलना करते हुए, आयकर विभाग के अधिकारी ने 24.10.2003 को करदाता के विरूद्ध इन तीन सालो की कुल रू. लगभग सवा तीन करोड़ की डिमांड खड़ी कर दी (बिना पेनल्टी Penalty ) – क.नि.व्. 1992-93 में 44.27 लाख.

20. सारे विवाद के दौरान इश्तियाक हुसैन का ट्रान्सफर (Transfer) सतना मध्यप्रदेश कर दिया गया.

21. ट्रान्सफर – रिलीव हो जाने के बावजूद अग्रिम सुनवाई में आयकर अधिकारी को अलग कर स्वयं इश्तियाक हुसैन पार्टी बन गए और एक शपथ-पत्र (Affidavit) हाई कोर्ट में दे दिया.

22. अब इश्तियाक हुसैन व्यक्तिगत रूप से मामले में फंस चुके थे.

23. करदाता से वसूली के लिए उसकी सम्पतियो को कुड़क (Attachment) कर लिया गया सभी बैंक खाते भी सीज कर दिए (Bank Accounts Sized) यानिकी व्यापारी सड़क पर – हिम्मत नहीं हारी.

24. प्रथम अपील (First Appeal) के दौरान भी क्रॉस-एग्जामिनेशन (Cross-examination) का मौक़ा दिया गया. लंबा क्रॉस एग्जामिनेशन हुआ लेकिन अपील खारिज कर दी गयी क्योकि अधिकारी लोग सबक सिखाने में आगे थे.

25. लेकिन आयकर ट्रिब्यूनल (ITAT – Income Tax Appellate Tribunal) ने अपील स्वीकार कर हाई कोर्ट के आदेश की पालना करने को कहते हुए, केस को पुन नए सिरे से करने को कहा यानिकी डिमांड शून्य – देखिये ट्रिब्यूनल आदेश अंतिम पेज न. 6 .

26. लेकिन कोई भी अधिकारी हाई कोर्ट के आदेश की पालना करने में असमर्थ था.

27. हालात को ध्यान में रखते हुए, नए आयकर आयुक्त – प्रथम जोधपुर (Commissioner Of Income-tax – 1 Jodhpur) ने पहल कर मामले को सलटाने का प्रयास किया.

28. परिणाम स्वरुप डिमांड (Tax Demand) घट कर लगभग रू. 8 लाख ही रह गयी. करोडो की डिमांड सवा तीन करोड़ के सामने. उदाहरण – क.नि.व्. 1992-93 में डिमांड मात्र रू. 93,919/- ही रह गयी जो पहले र… 44.27 लाख बना दी गयी थी ? टैक्स गणना की शीट (Tax Computation Sheet) के लिए यहाँ क्लिक कर विडियो में देखिये .

29. उस समय के बदनाम मुख्य आयकर आयुक्त (Chief Commissioner Of Income-tax) को लगा कि इस मामले में भ्रष्टाचार (Corruption) हुआ लेकिन उसको हिस्सा नहीं मिला.

30. मुख्य आयकर आयुक्त ने खूब प्रयास किया लेकिन इमानदार आयुक्त की वजह से उन्हें कुछ नहीं मिल पाया.

31. उसके बाद जोधपुर ऑफिस में एक चर्चित सीडी काण्ड (C D Scam) हुआ जिसके बाद मुख्य आयकर आयुक्त का उत्तर प्रदेश ट्रान्सफर कर दिया.

32. मुख्य आयकर आयुक्त के परिवार में ही एक बड़े राजनेता थे, जो एक राज्य के मुख्य मंत्री ( Chief Minister) रहे, मंत्री रहे और अभी हाल लोक सभा का चुनाव (LOk Sabha Election)  हारे है, परिणाम स्वरुप उस इमानदार आयकर आयुक्त को परेशान किया और उसका प्रमोशन (Promotion) नहीं होने दिया गया.

33. सारांश :
(A) अपने वर्त्तमान व पूर्व कर्मचारियों ( Present and Past) Employees)पर अंध-विश्वास नहीं करे.
(B) विभाग से लड़ाई लड़ना बहुत ही हिम्मत (Darring) का काम होता है.
(C) जो भी हिम्मत करेगा, वो जरूर जीतेगा.
(D) कोई भी आयकर अधिकारी खुद्दा नहीं होता (ITO is God).
(E) ऐसे जाबाज व्यापारी (Business Man) श्री तेजराज चपड़ा को मै salute करता हूँ.

इस विषय का पूरा विडियो यही क्लिक करके देख सकते है.

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