सरकारी नीति से पीड़ित सुप्रीमकोर्ट तक जाए तो ही सरकार झुकेगी, बाकी सब पीडितो को तो सरकार डंडे मारेगी – दोगली नीति में नए खतरे की घंटी
सरकारी नीति से पीड़ित सुप्रीमकोर्ट तक जाए तो ही सरकार झुकेगी, बाकी सब पीडितो को तो सरकार डंडे मारेगी – दोगली नीति में नए खतरे की घंटी
कल ही भारत की लोकप्रिय व न्यायप्रिय मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ़ किया कि जिन 14 लोगो के पास पुराने 500-1000 रूपये के नोट है और उन्होंने इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है, उन पर कार्रवाही नहीं की जायेगी.
भारत की लोकप्रिय व न्यायप्रिय मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो कुछ भी स्पष्ट किया है, वह बहुत ही गंभीर विषय है लेकिन लगता है किसी को इससे कुछ भी फर्क नहीं पड रहा है, जबकि मोदी सरकार की यह नीति लोकतंत्र के विरूद्ध बहुत ही गलत संकेत दे रही है.
नोट बदली के मामले में सरकार के इस कदम के कई भावार्थ है जो कम से कम जागरूक देशवासियों को समझने चाहिए अन्यथा इस प्रजातांत्रिक देश में हो रही इस बुरी व गलत शुरूआत से देश के नागरिको को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है. पाठको को स्पष्ट कर दू कि इस बात बात तो सिर्फ 500-1000 रूपये के नोट बदली के रोज-रोज बदलते कार्यक्रम तक सीमित नहीं समझे बल्कि देश में यह नए खतरे की घंटी है
सरकार की इस नई नीति में निम्न भावार्थ समाहित है जो कि देश के प्रजातंत्र के लिए अच्छे नहीं है, हालाकि हमारा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार का इस मामले में साथ नहीं देगा तथा जनता के अधिकारों की रक्षा करेगा –
- भविष्य में जिसे भी सरकार की गलत नीति का विरोध करना है तो देश के ऐसे सभी पीडितो को सुप्रीम कोर्ट तक जाने पर ही सरकार मानेगी अन्यथा नहीं.
- जो भी सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा उसी के सामने सरकार झुक सकती है. यदि आप सुप्रीम कोर्ट नहीं गए या बिना सुप्रीम कोर्ट जाए ही सरकार से कोई न्याय उम्मीद या विश्वास कर बेठे है तो, जेल की हवा खानी पड सकती है.
- जो भी देश का नागरिक सुप्रीम कोर्ट जाने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है (जिनके पास वकीलों की फीस के पेसे नहीं है), उसे इस देश में सरकार से न्याय नहीं मिल सकता.
- यदि कोई बिना कोर्ट गए सरकार से न्याय की उम्मीद करता है तो यह उसकी बहुत बड़ी भूल या बेवकूफी हो सकती है.
- अभी तक यह कानूनी मान्यता रही है कि सुप्रीम कोर्ट का फेसला पूरे देश का क़ानून है, लेकिन सरकार इस मान्यता को ख़त्म करने का प्रयास कर रही है.
- GST में लगी पेनेल्टी से माफी भी शायद उन लोगो को ही मिले जो कोर्ट में जाए और बाकी सब को पेनल्टी भरनी पड़े.