Friday, December 1, 2017

आयकर अधिकारी द्वारा पिटाई का एक और मामला – मुंबई में तो वकील की गयी पिटाई.  

आयकर अधिकारी द्वारा पिटाई का एक और मामला – मुंबई में तो वकील की गयी पिटाई – Beating by an IRS Officer at Mumbai

 

11 अप्रैल, 2017 को एक आयकर अधिकारी (जो कि एक महिला आई.आर.एस. अधिकारी है) द्वारा मुंबई में एक महिला वकील की पिटाई का मामला सामने आया है. यह पिटाई की घटना आयकर विभाग की किसी बिल्डिंग में ही बड़ी बुरी तरह से की गयी. किसी वकील या सीए के साथ ऐसी  घटना मोटे तोर पर एक दुर्लभ घटना है. इस घटना का विडियो न केवल  यु-ट्यूब पर डाला गया है बल्कि कुछ न्यूज़ चैनल पर भी इसे दिखाया गया है. कारण व प्रसंग कुछ भी रहा हो, घटना हर दृष्टि से निदनीय है. किसी भी सरकारी अधिकारी को क़ानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.

इस घटना  का वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया गया है. वीडियो में एक काले लिबास वाली महिला को दूसरी महिला बड़ी बेहरमी से कभी बाल खींचकर खींचकर तो कभी चप्पलो से पिटाई कर रही है। आस पास कई लोग भी खड़े हैं जो वीडियो बना तो रहे हैं लेकिन महिला को बचाने की कोशिश नहीं करते। पिट रही महिला बार बार बचाओ बचाओ को आवाज़ लगा रही है लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता।

टीवी चैनल्स की खबरों के अनुसार उस महिला वकील ने शायद FIR भी दर्ज करवाई है लेकिन क्या कोई करदाता FIR दर्ज करवाने की हिम्मत दिखा सकता है. मेने मेरी कुछ पोस्ट में ऐसी ही कुछ मारपीट की घटनाओं का जिक्र किया था, लेकिन उन तीनो स्थानों पर व्यापारी या उसके कर्मचारी  FIR भी दर्ज करवाने में घबरा रहे है. FIR दर्ज करवाकर कोई भी आयकर विभाग से स्थाई दुश्मनी नहीं लेना चाहता.

जेसाकि मेने पूर्व की पोस्ट में लिखा था कि 21 मार्च से 24 मार्च, 2017 के बीच राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, राजसमन्द व सिरोही के लगभग 19-20 स्थानों पर आयकर की सर्च-सर्वे की एक साथ कार्यवाही की गयी थी. उन सर्च-सर्वे के दोरान एक आयकर निरीक्षक ने सिरोही में व्यापारी के एक कर्मचारी की पिटाई करके उसे अगवा कर दूसरे कर्मचारी के घर ले जाया गया तथा वहा से दूसरे कर्मचारी को अगवा कर व्यापारी के कार्यालय पर लाया गया जबकि व्यापारी स्वयं सिरोही में ही दूसरी सर्च में ही मोजूद था.

ठीक इसी तरह उदयपुर में व्यापारी के दो कर्मचारियों की पिटाई की गयी. उन दोनों कर्मचारियों को भी अगवा कर उनके घर से व्यापारी के ऑफिस पर लाया गया. राजसमन्द में भी एक कर्मचारी को काफी समय तक एक पुराने बंद टॉयलेट में बंद कर दिया गया था तो दूसरे कर्मचारी को दिन पर चड्डे-बनियान में रखकर उसे प्रताड़ित किया गया.

मै स्वयं 1981 से प्रेक्टिस कर रहा हूँ लेकिन ऐसी घटनाओं के बारे में कभी भी नहीं सुना गया लेकिन लगता है मोदी राज में आयकर अधिकारी भी अब दुस्सास्पूर्ण गुंडागर्दी पर उतर आये है. एक मेसेज दिया जा रहा कि मोदी जी ने काला धन को उजाकर करने के नाम पर सब-कुछ करने की छूट दे दी है. आजाद हिन्दुस्तान में इस तरह की तानाशाहीयुक्त घटनाए चिंताजनक व अमानवीय है  तथा लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.

कठोर कानूनी कार्यवाही ही एक मात्र इलाज है – पहले तो कोई FIR दर्ज कराने की कोई हिम्मत नहीं करता और फिर मात्र FIR ही इलाज नहीं है. पुलिस व विभागीय अधिकारी दोनों सरकारी अधिकारी होने के कारण जांच में सरकारी अधिकारियों का फेवर करते है. अत: जब तक न्याय के लिए लड़ाई को निष्कर्ष तक नहीं ले जाया जाएगा, तब तक यह गुंडागर्दी ऐसे ही चलती रहेगी. अत: हिम्मत जुटाकर कठोर कार्यवाही करना ही इस समस्या का एक मात्र इलाज है. यदि ऐसी घटना किसी सिविल या क्रिमिनल वकील के साथ होती, तो बात ही कुछ ओर ही होती.

 – CA. K.C.Moondra / Kailash Chandra B.Com, LL.B. FCA.

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