चार नए लेखकों को मिला भारतीय ज्ञानपीठ का ‘नवलेखन’ पुरस्कार
नई दिल्ली, 29 जुलाई। चार लेखकों को वर्ष 2015 के लिए भारतीय ज्ञानपीठ का 11वां नवलेखन पुरस्कार गुरुवार को एक समारोह में प्रदान किया गया। इन लेखकों में तीन लेखक राजस्थान के हैं।
अमलेंदु तिवारी और बलराम कावंत उनके उपन्यास ‘परित्यक्त’ और ‘सारा मोरिला’ के लिए सम्मानित किये गए। जबकि ओम नागर और तसनीम खान को क्रमश: ‘नीब के चिरे से’ और ‘ये मेरे रहनुमा’ के लिए सम्मानित किया गया।
पुरस्कार पाने वालों का चयन वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार मधुसूदन आनंद के नेतृत्व वाली समिति ने किया। इस समिति में जानेमाने साहित्यिक हस्तियां जैसे विष्णु नागर, गोविंद प्रसाद और ओम निश्चल शामिल थे।
समारोह में ज्ञानपीठ निदेशक लीलाधर मांडलोई मौजूद थे। उन्होंने कहा कि तिवारी और ओम नागर को 50-50 हजार रुपये, एक प्रमाणपत्र और वाग्देवी की प्रतिमा दी जाएगी। इसके अलावा दो को पुरस्कृत करने के अलावा भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले चारों लेखकों की कृतियों का प्रकाशन भी करेगा।
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2 Responses to चार नए लेखकों को मिला भारतीय ज्ञानपीठ का ‘नवलेखन’ पुरस्कार
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अच्छी साहित्यिक खबर है. आशा करते है और भी साहित्य प्रेमियों खबरे पढ़ने को मिलेगी.
श्रीमान ,
ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहे.