मोदी सरकार के सख्त कानूनों से रियल एस्टेट व्यापार में भारी मंदी
पूरे भारत में इस समय रियल एस्टेट बाजार में भारी मंदी व्याप्त है. कुछ चुनिन्दा लोकेशन, कॉलोनी या बिल्डिंग को छोड़कर साधारणतया पूरे बाजार में मंदी है जिसके लिए मोदी सरकार के सख्त कानून जिम्मेदार है.
वेसे मोदी सरकार की नीति के अनुसार सरकार चाहती है कि देश के ज्यादातर लोगो को रहने का सस्ता मकान मिले, अत: इस नीति को सफल बनाने के लिए भी रियल एस्टेट की कीमतों को नियंन्त्रित रखना मोदी सरकार की नीति में स्पष्ट देखा जा सकता है.
आयकर कानून के अनुसार, सरकारी बाजार मूल्य से कम पर बेचान रजिस्ट्री होने पर खरीददार व बेचनार दोनों पर आयकर के प्रावधानों तथा रियल एस्टेट के व्यवहारों पर स्रोत पर आयकर कटोती ( टी.डी.एस. ) के प्रावधानों ने मार्किट की कमर तोड़ डाली.
रही सही कसर, रियल एस्टेट के व्यवहारों में भुगतान अनिवार्य रूप से चेक द्वारा कर देने से रियल एस्टेट के सौदों में भारी गिरावट आ चुकी है. कई राज्यों के कई स्थानों पर बाजार भाव से भी ज्यादा सरकारी रेट है जिसने भी रियल एस्टेट के बाजार को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
केंद्र सरकार व कई राज्य सरकारों की हाउसिंग नीति से स्पष्ट है कि आने वाले समय में सारा फोकस सस्ते मकानों पर है तथा सरकारे चाहती है कि आम आदमी को सस्ता मकान मिले. इन सब हालातो में रियल एस्टेट के कारोबार में अभी ओर मंदी आयेगी जो कि लम्बे समय तक चलेगी.