Thursday, March 15, 2018

Must Read

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं याँ विनाश। भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-46)-

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं याँ विनाश। भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-46)   हमारा आधुनिक विज्ञान जीवन के मूलभूत रहस्यों को जानकर अपने विकास की राह तय करता, यदि विज्ञान हमारे शरीर की रचना के बारे में बताये गए वैदिकज्ञान को पहले समझता, तो शायद विकास की राह अनुकूल व सही दिशा की ओर अग्रसर होती।जिस भारतीय पुरातन ज्ञान को आज हम पूर्णतया खो चुके हैं,अथवा भुला चुके हैं, वो कितना आवश्यक व महत्त्वपूर्ण हैं, इसकी जानकारी केवल उसे ही प्रत्यक्ष हो सकती हैं, जिसने इस ज्ञान को जीवन में सिद्ध कर लियाहो।   इसे हम आध्यात्मिक ज्ञान कहते हैं, यह हमारे शरीर के विषय का सम्पूर्ण ज्ञान हैं। इन्द्रियों को ही अध्यात्म कहा जाता हैं। इन इन्द्रियों के अलग–अलग देवताहोते हैं, जिन्हें अधिदेव कहा जाता हैं। अधिदेव से प्राप्त शक्ति से, अध्यात्म (इन्द्रियाँ) कार्य करती हैं।इन इन्द्रियों के स्थूल भाग यानि बाहरी भाग का जिनसेनिर्माण होता हैं, उन्हें अधिभूत कहा जाता हैं।इस प्रकार अध्यात्म, अधिदेव व अधिभूत, इन तीनो के एक साथ होने को त्रिपुटी की संज्ञा दी गई हैं।   संसार में किसी भी क्रिया सम्पादन के लिए इस त्रिपुटी का होना अनिवार्य हैं। त्रिपुटी के हुए बिना, कोई भी क्रिया सम्पादित नहीं हो सकती हैं।उदाहरण केलिए– हम किसी वस्तु को देख रहे हैं। इसमें त्रिपुटी इस तरह से बनेगी।   दृष्टा, दृष्टि, दृश्य। इसमें दृष्टा वो हैं, जो देख रहा हैं।दृश्य वो हैं, जिसे देखा जा रहा हैं।देखने वाला दृष्टा व देखे जा रहे दृश्य के बीच में जो दुरी हैं, उसमें भी कोई ऐसा मैकेनिज्म याँ तत्त्व कार्यरत हैं, जिसके माध्यम से  दृष्टा,उस दृश्य को देखता हैं।उसे दृष्टि कहा गया हैं। इस प्रकार दृष्टा, दृष्टि, दृश्य की त्रिपुटी बनने पर ही देखने की क्रिया सम्पन्न हो पायेगी।यदि इन तीनो में से कोई भी एक कड़ी नहीं हों, तोदेखने की क्रिया सम्पन्न नहीं हो पायेगी।    साधारणतः लोग कार्य, क्रिया याँ कर्म शब्दों का तात्त्पर्य एक ही भावार्थ में लेते हैं, जो सही नहीं हैं। इनमें अर्थात्मक भेद रहता हैं।हम जो भी करते हैं, वो सबकार्य की श्रेणी में आता हैं।कामना याँ इच्छा के वशीभूत अथवा प्रतिफल की लालशा से किया गया प्रत्येक कार्य, कर्म की श्रेणी में आता हैं, जबकि क्रिया  स्वतःसम्पादित होती हैं। क्रिया को किया नहीं जाता हैं। जैसे श्वसन क्रिया। रक्त संचारण क्रिया।हम निंद्रा में हों, याँ बेहोश हों, तो भी यह क्रियाएँ स्वतः सम्पादित होतीरहती है।कर्म व क्रिया को कार्य शब्द में संयुक्त किया जा सकता हैं, परन्तु कार्य शब्द को कर्म याँ क्रिया शब्द में संयुक्त नहीं किया जा सकता।   हम अपने विषय से दूर नहीं जाना चाहते हैं, इसलिए उन्हीं बातों का उल्लेख यहाँ पर करेंगें, जो आवश्यक हों।हमारे बाहरी शरीर को देह कहा गया हैं। यहहमारे रहने का मकान हैं। हम आत्मा हैं।इस देह रूपी शरीर (घर) में, हम (आत्मा) निवास करते हैं।जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती हैं, तो उसकी देह,हमारे समक्ष पूर्वतः मौजूद रहती हैं, लेकिन उसमें सजीवता अथवा चेतना का आभास लुप्तहो जाता हैं।ऐसे में आप स्वयं विचार करें कि, जो शरीर पूर्ण रूपेणहमारे सामने पड़ा हैं, वह अब मृत कैसे हो गया? वास्तव में यह शरीर पहले दिन से ही मृतही होता हैं। उसमें जीवन का अहसास, आत्म तत्त्व की उपस्थिति कीवजह से होता हैं।ज्योंही यह आत्म तत्त्व शरीर से जुदा हुआ, कि सजीवता गायब। चेतना लुप्त। क्रियाशीलता खत्म। स्पंदन बन्द।   इसमें कोई संशय नहीं कि हम आत्मा हैं, लेकिन हमने स्वयं को पहचाना नहीं।हम शास्त्र देख पढ़कर याँ किसी महापुरुष के वचनों को सुनकर, भले ही यहमान लें कि हम आत्मा हैं, परन्तु इस बात का हमें कोई आभास याँ अनुभव नहीं हैं। यह आभास व अनुभव हमें आध्यात्म ज्ञान से मिलता हैं।   आध्यात्म के अनुसार इस मकान रूपी देह के अंदर यानि हमारे इस दृश्यगत शरीर के अंदर एक और शरीर मौजूद हैं, जिसे सूक्ष्म शरीर कहते हैं। जिसेअन्तःकरण का नाम दिया गया हैं। जिसे हम आम भाषा में जीव कहते हैं, वह जीव, हमारा यही अन्तःकरण होता हैं।मूलतः अन्तःकरण ही हमारे बाह्य शरीर काउपयोग, सांसारिक भोगों अथवा मोक्ष प्राप्ति हेतु करता हैं।अन्तःकरण ही सुख दुःख, राग द्वेष, मोह माया जैसे कषायों से ग्रसित रहता हैं।यह अन्तःकरण रूपीजीव ही कर्म बन्धनों में जकड़ा हुआ रहता हैं।जीवन मरण के दुष्चक्र में रहने वाला जीव, यही अन्तःकरण हैं। वैराग्य की ओर रुख करने वाला भी यहीअन्तःकरण होता हैं।यहाँ तक की चर्चा के बाद एक सवाल आप सभी के समक्ष रखना चाहूँगा कि– हमें अपने किस शरीर के उत्थान व विकास की आवश्यकता हैं? मृत देह रूपी बाह्य शरीर हेतु याँ जीव रूप अन्तःकरण वाले सूक्ष्म शरीर हेतु।        शेष अगली कड़ी में—–Full Article

क्या Smart City स्मार्ट सिटी जनता व देश का भाग्य बदल देंगे या ……. ?

क्या Smart City स्मार्ट सिटी  जनता व देश का भाग्य बदल देंगे या ……. ? बुलेट ट्रेन की घोषणा से पहले लगभग 15 महीने  पहले प्रधानमंत्रीजी ने स्मार्ट  सिटी ...Full Article

बुलेट ट्रेन (Bullet Train) तो दिखावे के लिए जरूरी होती है – 2013 में नरेन्द्र मोदी

बुलेट ट्रेन (Bullet Train) तो दिखावे के लिए जरूरी होती है – 2013 में नरेन्द्र मोदी   अभी पिछले महीने ही माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी (P.M.Modi) बुलेट ट्रेन ...Full Article

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं या विनाश- भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-45)

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं या विनाश- भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-45) आज विज्ञान द्वारा ऐसे ऐसे विनाशकारी हथियार बनाये जा चुके हैं, जिससे होने वाली मौतों व ...Full Article

नोटबंदी / नोट बदली फ़ैल क्यों हुई और अब अर्थ-व्यवस्था केसे सुधर सकती है – नया भारत

नोटबंदी / नोट बदली  फ़ैल क्यों हुई और अब अर्थ-व्यवस्था केसे सुधर सकती है – नया भारत  अब तो यह छुपा हुआ तथ्य नहीं है कि नोटबंदी / नोट ...Full Article

जीएसटी समस्या का तत्काल, पक्का व स्थाई ईलाज संभव है – नया भारत

जीएसटी समस्या का तत्काल, पक्का व स्थाई ईलाज संभव है – नया भारत   जीएसटी से पूरा देश में हाहाकार मचा हुआ है. नोट बंदी व जीएसटी से  पूरी ...Full Article

Dream of the Narmada Dam by Sardar Vallabhbhai Patel in 1946 – A False Declaration

Dream of  the Narmada Dam by  Sardar Vallabhbhai Patel in 1946 – A False Political Declaration   We have tried  to research and compile the history of Sarsar Sarovar ...Full Article

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं या विनाश – भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-44)

आधुनिक विज्ञान से विकास हो रहा हैं या विनाश – भारतीय पुरातन ज्ञान (भाग-44)   विज्ञान से प्राप्त हर नई चीज नई खोज की श्रेणी में आती हैं। विद्युत ...Full Article

जीएसटी (GST) से सरकारी ठेकेदार (Civil Contractors) बर्बादी के कगार पर – कई विकास कार्य रुके (Development Held Up).

जीएसटी (GST) से सरकारी ठेकेदार (Civil Contractors) बर्बादी के कगार पर – कई विकास कार्य रुके (Development Held Up).   बेचारे असहाय सिविल ठेकेदारों की भी सेकड़ो  मिन्नतो का ...Full Article

देश के 80% व्यापारी जीएसटी से मुक्त हो सकते है – नया भारत

देश के 80% व्यापारी जीएसटी से मुक्त हो सकते है – नया भारत “नया भारत” की तरफ से एक विडियो जारी किया गया है जिसमे दावा किया गया है ...Full Article

जर्मनी का तानाशाह हिटलर है भारत के कई राजनीतिक नेताओं का गुरू

जर्मनी का तानाशाह हिटलर है भारत के कई राजनीतिक नेताओं का गुरू   एक दिन जर्मनी का तानाशाह हिटलर एक मींटिग मे जिंदा मुर्गे के साथ पहुंचे। मीटिंग में ...Full Article
आज होगा ‘नया भारत पार्टी’ का पहला बहुउद्देश्यीय ‘प्रचार वाहन’ व ‘गाना’ लॉन्च.

आज होगा ‘नया भारत पार्टी’ का पहला बहुउद्देश्यीय ‘प्रचार वाहनR...

आज होगा ‘नया भारत पार्टी’  का पहला  बहुउद्देश्यीय ‘प्रचार वाहन’ व ‘गाना’ लॉन्च  आज दिनांक 15.03.2018 गुरुवार को प्रात: 10 बजे ‘नया भारत पार्टी’ ...

Page 5 of 47« First...34567...102030...»Last »
SiteLock