फलता-फूलता नकली देशी घी शुद्ध देशी घी पर भारी
हमारे देश में नकली देशी घी बनाने वाले इतने एक्सपर्ट हो चुके है कि उनकी टेस्टिंग में सरकारी लेबोरेटरिया भी फ़ैल हो जाती है परिणाम स्वरुप फलता-फूलता नकली देशी घी का व्यापार शुद्ध देशी घी के व्यापार पर भारी पड़ने लग गया है. नकली घी के गोरख धन्धे में निर्माण से लेकर व्यापार तक लगे सभी लोगो के चांदी ही चांदी है, यदि कोई घाटे में है तो वह सिर्फ उपभोक्ता जिनके साथ सरासर धोखा-धड़ी व अन्याय होता है.
आजकल नकली देशी घी का निर्माण कुटीर उघ्योग का रूप ले चुका है तथा आप स्वयं को भी पता ही नही चलेगा कि आपके पड़ोस के घर, फैक्ट्री या खेत पर नकली घी का निर्माण होता है. इन नकली घी के धोखेबाज निर्माताओ का नकली घी का काम इतना व्यवस्थित है कि देश की हर ब्रांड के नाम से नकली देशी घी बनाते है. इस धन्धे में कोई विशेष निवेश भी नही करना पड़ता जिससे यह व्यापार बिना आर्थिक जोखिम का धंधा बन गया है.
जरूरी नही है कि उपभोक्ता को सम्बंधित कंपनी के इमानदार डीलर के पास शुद्ध देशी घी मिलेगा ही. वह भी अनजाने में नकली माल बेच सकता है क्योकि उसकी बिना जानकारी के ही ट्रांसपोर्ट कंपनी, या रास्ते में वाहन में ही असली माल को नकली माल से बदल दिया गया हो.
व्यवहार में कई व्यापारी अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित कर लेते है और जब लोगो को उन पर पूरा विश्वास हो जाता है तो वो भी इस नकली घी के धन्धे की कमाई के लोभ में शामिल हो जाते है. अंतराजीय होल सेल व्यापार करने वाले लोगो पर बहुत कम कार्यवाही हो पाती है क्योकि वो स्वयं निर्माण में शामिल नही होते है तथा पकडे जाने तक खुलं-खुल्ला बिंदास व्यापार करते है. वेसे भी आज दिन तक कोई बड़ा अंतर्राजीय व्यापारी नही पकड़ा गया है.
कई स्थान तो नकली घी के बड़े बड़े केंद्र बन चुके है. इन केन्द्रों का व्यापार बाकायदा सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत, संरक्षण या जानकारी में ही चलता है. जन चर्चा के अनुसार, आजकल पैकिंग मटेरियल ( जेसे लेबल, टीकड़ी आदि) सप्लाई स्तर पर एक ही पार्टी से हफ्ता वसूली हो जाती है. आवश्यकतानुसार रोज नए नए फोर्मुलो से घी का निर्माण होता है और हप्ता वसूली भी. अलग-अलग ग्रेड का घी बनता है. पाठको को पढ़कर ताज्जुब होगा कि 100% तक अशुद्ध / नकली देशी घी बनाया जाता है जिसमे 1% प्रतिशत भी देशी घी नहीं मिलाया जाता ओर सिर्फ एसेंस से ही काम चल जाता है.