सड़क दुर्घटनाओ को और केसे कम किया जा सकता है ?
सड़क दुर्घटनाओ को और केसे कम किया जा सकता है ?
भारत में सड़क दुर्घटनाओ के कई कारण व परिस्थितिया होती है लेकिन कुछ कारण तो सरासर सरकारी क़ानून व उसके सरकारी संरक्षकों की लापरवाही के कारण ही होते है. कई कारण तो बेहद छोटे व मामूली से होते है लेकिन देश की किसी भी सरकार व अफसरों का इसकी तरफ ध्यान है ही नहीं. ऐसा ही एक कारण है – ट्रेक्टर ट्राली के पीछे रेडियम पट्टी का नहीं होना.
हकीकत में ट्रेक्टर ट्राली जेसे अलग होने वाले इम्प्लीमेंट में बेक लाइट नहीं होती है जिससे सड़क पर ट्रेक्टर-ट्राली रात्रि में पीछे से दिखती ही नहीं है. ठीक इसी तरह से ऊट-गाड़ी व बैल-गाड़ी के आगे-पीछे कोई लाइट नहीं होती जिससे दुर्घटनाये होती रहती है. यदि सरकार व प्रशासन थोड़ी सी एतिहात बरत ले तो एक्सीडेंट की संभावनाए बहुत कम हो जायेगी.
क्या किया जाए : प्रत्येक अलग होने वाली ट्राली के पीछे अच्छी तरह से दिखने वाली कम से कम 4 फीट ( 1 फीट की 4 पट्टी) रेडियम पट्टी लगानी अनिवार्य कर देनी चाहिए. जिसका पालन सख्ती से कराया जाना चाहिए. जिस समय ट्राली का रजिस्ट्रेशन होता है उस समय भी रेडियम पट्टी लगाना अनिवार्य होना चाहिए. मात्र 100/- रूपये के खर्चे में कई जिन्दगिया बचाई जा सकती है.
ट्रेक्टर ट्राली के अलावा अन्य वाहन : ट्रेक्टर ट्राली ही नहीं, ऊट-गाड़ी, बैल-गाड़ी, गधा-गाड़ी व जुगाड़ आदि जेसे किसी भी वाहन-साधन के आगे-पीछे रेडियम पट्टी अनिवार्य होनी चाहिए जिससे देश को सेकड़ो दुर्घटनाओ से बचाया जा सकता है.
सामाजिक संस्थाओं के लिए अच्छा प्रोजेक्ट : जिन क्षेत्रो में ट्रेक्टर ट्राली, ऊट-गाड़ी, बैल-गाड़ी, गधा-गाड़ी व जुगाड़ आदि का प्रचलन है उन क्षेत्रो के सामाजिक व धर्मार्थ संगठनो को निशुल्क रेडियम पट्टी लगाने के प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेकर एक बहुत ही कम लागत वाली लेकिन बड़ी समाज सेवा कर सकते है. साथ ही अपने-अपने स्तर पर जनता को शिक्षित करने व सरकारों को जगाने का भी काम सकते है.
Related Post
4 Responses to सड़क दुर्घटनाओ को और केसे कम किया जा सकता है ?
Add a Comment
Leave a Reply Cancel reply
You must be logged in to post a comment.
आपने बहुत ही सुंदर बात बताई हैं। वास्तव में बेक लाइट व रेडियम प्लेट आदि अनिवार्य रूप से लगी हों तो कम से कम 40 प्रतिशत दुर्घटनाऐ कम की जा सकती हैं। इसी प्रकार वाहन बॉडी से बाहर निकली चीजों को भी हाइलाइट करना अनिवार्य किया जाना चाहिए। चारे से भरे वाहनों की तीनो साइडो पर रेडियम पट्टी अथवा लाइट व्यवस्था होनी चाहिए। कई ट्रको व बसों की बेक लाइटे भी खराब होने से बन्द मिलती हैं, परन्तु RTO द्वारा सख्त कार्यवाही नहीं होती। हमारे यहां under age बच्चे भी ट्रेक्टर व दुपहिया वाहन चलाते मिल जाते हैं, जिन पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं होती हैं। स्पीड सीमा को तोड़ने वालों पर तथा सड़क पर करतब दिखाते हुए चलने वालों पर भी किसी तरह का अंकुश नहीं हैं। शायद यही लोकतन्त्र हैं।
धन्यवाद. इसी बहुत सारी छोटी-छोटी बाते या नुस्खे है जिनको चर्चा के लिए अपने विचारों के साथ रखते रहे. इस प्लेटफार्म यह भी एक उद्देश्य है.
आपने सही कहा सर और गायो के सिंघो पर भी रेडियम लगाने चाहिए ताकी हाईवे पर रात के समय दिख सके और एक्सीडेंट मै कमी आये.
प्रिय दीपेश,
बात छोटी सी लेकिन पत्ते की कही है.धन्यवाद. इसी तरह पढ़ते व लिखते रहे.