केसे तीन गुना रोनक लोटी बंद हुए ‘हवाला कारोबार’ में ?
केसे तीन गुना रोनक लोटी बंद हुए ‘हवाला कारोबार’ में ?
नोट बंदी की योजना लागू होते ही एक बार तो लगभग सभी व्यापार चोपट हुए लेकिन हवाला कारोबार को दोगुनी समस्यायों को झेलना पडा. समय ने घाव भरने में जयादा समय नहीं लिया और वर्तमान में इस बंद हुए हवाला कारोबार में तीन गुना रोनक लोट चुकी है.
नोट बंदी लागू होते ही एक बार तो न केवल हवाला कारोबार 100 प्रतिशत चोपट हो गया था बल्कि हवाले के रास्ते में रह गए सौदों की बड़ी दुर्गति हुई. हुआ यो कि एक तरफ नोट हवाला में ले लिए गए लेकिन नोट बंदी से पहले डिलीवरी नहीं हो पाई, उस स्थिति में झगड़ा यह पडा कि अब इन बंद नोटों की जबावदारी किसकी ? कई स्थानों पर प्रचलित रिवाज या परिचय के कारण हवाला के नोट एडवांस डिलीवर कर दिए गये जिससे लेने वाला या तो फंस गया या पुराने नोट लोटा गया. इस तरह से पूरे हवाला मार्किट की बहुत दुर्गति हुई.
लेकिन दुर्गति लेकर आने वाली नोटबंदी, अब रोनक लेकर लोट आयी है. पहले सिर्फ भारतीय नोटों एक ही हवाला चलता था लेकिन अब तीन-तीन तरह के हवाला चलन में आ गए. पहला हवाला चल पडा है – बंद-पूराने नोटों का हवाला . दूसरा हवाला चल रहा है नए 2000 रू. के नोटों का तथा तीसरा हवाला है नए व पुराने बंद नोटों के एक्सचेंज (बदलने) का हवाला .
इस तीसरे ‘एक्सचेंज हवाले’ में एक तरफ से पुराने-बंद नोट लिए जाते है तथा दूसरी तरफ नए बड़े नोट (2000 रू.) की डिलीवरी दी जाती है. इस ‘एक्सचेंज हवाले’ में अभी नया 500 रू. का नोट अभी मैदान में नहीं उतरा है. हलाकि ‘बंद-पूराने नोटों का हवाला’ तथा ‘एक्सचेंज हवाला’ अस्थाई है लेकिन अभी सबसे ज्यादा मात्रा व गति से ये दोनों हवाले चल ही नहीं रहे है बल्कि दौड़ रहे है जिससे हवाला कारोबार में जबरदस्त रौनक लोट आई है.
तस्करी से जुड़े कई लोग भी आजकल बंद-पूराने नोटों के हवाला तथा एक्सचेंज हवाला से जुड़ चुके है जिससे इस हवाला कारोबार के पंख लग गए है. यह रिपोर्ट जन-चर्चा के आधार पर तेयार की गयी है.