Wednesday, January 15, 2020

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज जेसे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अपनी दुकानदारी के लिए केसे फांसते है मरीजो को (रिपोर्ट – 1)  

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज (Pecific Medical College & Hospital) जेसे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज (Private Medical College) अपनी दुकानदारी के लिए केसे फांसते है मरीजो को ?  

राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) में दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज (Private Medical College) है तथा दोनों काफी प्रतिष्ठित भी है. मेरे काम पड़ने से पहले ही मुझे ज्ञात था कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज क्यों जगह-जगह निशुल्क कैंप ( Free Camps ) लगाती है और क्यों निशुल्क ऑपरेशन( Free Operations ) तक करती है. कैंप में ऐसे चयनित मरीजो (Selected Patients) को बाकायदा अम्बुलेंस ( Ambulance )  से अपने कॉलेज तक लाते है लेकिन ऐसी सेवाए ज्यादातर उन मरीजो के लिए ही होती है जिनको मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल (Hospital Of Medical College) में भरती किया जा सके. इस सेवा (Service) के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग लगा कर विज्ञापन ( Advertisements on Hoardings) भी दिए जाते है.

दिखने में ऐसा लगता है कि ये मेडिकल कॉलेज देश के गरीब मरीजो को निशुल्क सेवा देकर समाज सेवा (Social Service) करते है लेकिन यह आम आदमी (Common Man) का भ्रम मात्र है. हकीकत यह है कि इन्ही मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर (Doctor) बनते है तथा सरकारी नियमो के अनुसार एक तरफ मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में इंडोर मरीजो (Indoor Patients) की न्यूनतम संख्या (Minimum Numbers of Indore Patients) होनी जरूरी होती है तो दूसरी तरफ इंडोर मरीजो की संख्या के आधार पर ही इन कॉलेज की स्टूडेंट की सीटे (Seats Of Medical Colleges) बढाई जाती है. यह तो खुल्ला रहस्य (Open Secret)  है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज चलाना भी एक बड़ा व्यापार (Big Business) है. अत: जितने ज्यादा  स्टूडेंट की सीटे होगी उतना ही ज्यादा व्यापार स्टूडेंट्स से होगा और कॉलेज बड़ी तो नाम बड़ा और नाम बड़ा तो मरीज ज्यादा और मरीज ज्यादा तो कमाई और ज्यादा.

उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज (Pacific Medical College) की व्यापारिक सोच (Commercial Approach) के बारे में  मुझे पहले से ही जानकारी थी, इसके बावजूद एक नामचीन डॉक्टर (Famous Doctor) के पीछे पेसिफिक मेडिकल कॉलेज के सिटी सेण्टर (Udaipur City Center) में मरीज को दिखाना तय हुआ. 04.07.2017 के एक अपॉइंटमेंट के आधार पर मरीज के साथ, मै मरीज के साथ पेसिफिक मेडिकल कॉलेज के सिटी सेण्टर (City Center Of Pacific Medical College) पहुचा. वहा पर स्थित वरिष्ट न्यूरो फिजिशियन (Senior Neuro Physician) के सहायक कनिष्ठ न्यूरो फिजिशियन (Junior Neuro Physician) ने नंबर आने पर पूरी जांच की. जब मेने याद दिलाया कि हम तो  मेरी वरिष्ठ डॉक्टर को दिखाने आये थे और मेने वरिष्ठ डॉक्टर साहब को रेफेर करने वाले डॉक्टर साहब का नाम याद दिलाया, उन्होंने भी देखा और कई तरह की जरूरी व गेर जरूरी टेस्टिंग (Unnecessary Medical Testing) के लिए लिख दिया जो कि उनके हॉस्पिटल में ही होनी थी.

मरीज के लिए डॉक्टर तो भगवान का स्वरुप (Doctor is a God for Patient) होता है, तो मेने टेस्टिंग के लिए 7,000/- से भी ज्यादा की राशि जमा करा दी. लेकिन जब जागरूक मरीज को यह पता चला, तो उसने दो गेर जरूरी  महंगी टेस्टिंग (Costly Testing) का विरोध किया क्योकि उससे सम्बंधित दवाईया चालू होने की वजह से रिपोर्ट में कुछ भी नहीं आने वाला था. प्रोटेस्ट के बावजूद  वरिष्ठ डॉक्टर साहब ने टेस्टिंग के लिए पुन: सलाह दी, अत: भगवानरूपी डॉक्टर  के सामने मरीज चुप रहा और टेस्टिंग हो गयी.

लेकिन दो बड़ी टेस्टिंग NCS व EMG के लिए अगले दिन आने के लिए कहा गया. हमारा कोई निवेदन काम नहीं आया, हमें बताया गया, “ ये टेस्ट काफी गंभीर होते है जिसके लिए बड़ा ही एकाग्रचित होकर जांच करनी पड़ती है” ,  और अंतत: हमें उदयपुर रात रूकने की व्यवस्था करनी पडी. हमने यह भी निवेदन किया कि दूसरे दिन सुबह  टेस्ट कर लिया जाए, लेकिन निवेदन स्वीकार नहीं हुआ और दूसरे दिन 3 बजे का टाइम दिया गया. दूसरे दिन दोपहर बाद रू. 3,500/- जमा कराकर टेस्टिंग की गयी. जब रिपोर्ट के लिए बोला और डॉक्टर साहब से मिले तो बताया गया कि रिपोर्ट बड़ी भारी होती है जिसमे तीन चार दिन लग जाते है.

साथ ही हमें सलाह दी गयी कि रिपोर्ट काफी अस्पष्ट है, अत: अग्रिम जांच व टेस्टिंग के लिए 1-2 दिन के लिए हॉस्पिटल में भरती (Admission in Hospital)  होना होगा, तब तक हमारी रिपोर्ट भी तेयार हो जायेगी. हमारे भगवान रूपी डॉक्टर ने सलाह दी कि हम जल्दी ही 1-2 दिन में वापिस आ जाए सीधे कॉलेज में, वही अन्य डॉक्टर्स का भी सपोर्ट मिल जाएगा. बात व योजना सारी समझ में आ रही थी तो हमने भी कहा कि हमें बाकी टेस्टिंग रिपोर्ट तो दी जाए , जिस पर दूसरे दिन शाम 6 बजे बाद बाकी टेस्टिंग रिपोर्ट दी गयी. इस तरह से दो दिन में रू. 11,000/- से भी ज्यादा वसूली कर ली गयी.

जब रिपोर्ट्स को चेक किया तो पता चला कि उसमें ANA की रिपोर्ट ( ANA Report) गायब थी. शिकायत करने पर बताया गया, “ इस (ANA ) की रिपोर्ट में भी टाइम लगता है, वेसे भी आप 1-2 दिन आ ही रहे है , आपको कॉलेज में रिपोर्ट तेयार मिलेगी.” हमें भी पेसिफिक मेडिकल कॉलेज  की चाल (Strategy of Pacific Medical College) समझ में आ रही थी कि वो किसी तरह हॉस्पिटल में इंडोर भर्ती (Indoor Admission) चाह रहे ताकि कोटा भी पूरा होगा और पैसा भी मिलेंगे. चाल (Conspiracy) को अच्छी तरह से समझ लेने के बाद हमने तय किया कि हम हॉस्पिटल में भरती नहीं होंगे.

तीसरे दिन से मेने एक उदयपुर के एक मित्र की ड्यूटी लगा दी, बाकी  रिपोर्ट्स लेने के लिए. पेसिफिक मेडिकल कॉलेज  रिपोर्ट तब तक टालता रहा जब तक उन्हें यह पक्का विश्वास नहीं हो गया कि मरीज वापिस उनके जाल में नहीं आयेगा. अंतत: दिनांक 11. 07.2017 की शाम को NCS व EMG  की टेस्टिंग रिपोर्ट दी गयी लेकिन फिर ANA की रिपोर्ट नहीं दी गयी. वापिस पीछे पड़ने पर देर शाम ANA की रिपोर्ट को जोड़कर एक नई रिपोर्ट दे दी गयी, जिसे मेरे मित्र ने रात को व्हात्सप्प पर मुझे भेजा.

हेरान करने वाली धोखाधड़ी (Cheating) : हेरान करने वाली बात यह निकली कि सारी रिपोर्ट में तारीख 4  व 5 जुलाई ही प्रिंटेड थी, उसके बावजूद रिपोर्ट्स सिर्फ इसलिए नही दी गयी कि मरीज को केसे ही करके कॉलेज के हॉस्पिटल  में भरती करना था. यह तो खुल्ली धोखाधड़ी (Open Cheating)  थी जो किसी शिक्षित व्यक्ति (Educated Person) के साथ की गयी, पता नहीं कितने अशिक्षित व गरीबो के साथ ऐसी ही धोखाधडिया गयी है और की जायेगी. ऐसे समाजसेवी मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल से भगवान ही बचाए लेकिन जागरूक नागरिको की भी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी बेईमानियो का पर्दाफाश करे व आगे आये.

मेडिकल संबंधी मामलों की न्यूज़ क्लब पर यह पहली रिपोर्ट है. आगे आने वाले दिनों में मेडिकल कॉलेज व प्रसिद्ध हॉस्पिटल से जुडी कुछ और रिपोर्ट्स दस्तावेजो के साथ न्यूज़ क्लब पर प्रकाशित होगी, अवश्य पढ़े और जागरूक रहे.

क्लब पर आप बीती लिखे और ऐसे बेईमानो को बेनकाब करे : न्यूज़ क्लब एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल है जिस पर पूरी आजादी के साथ आप कोई भी न्यूज़ / रिपोर्ट / लेख लिख कर स्वयं बिना किसी हस्तक्षेप के प्रकाशित कर सकते है. न्यूज़ क्लब पर आप बीती लिखे (Write on News Club) और ऐसे बेईमानो को बेनकाब करे.

सीए कैलाश चंद्रा / CA. K.C.Moondra

 

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