पतंजलि के कई उत्पाद क्वालिटी टेस्ट में फ़ैल
पतंजलि के कई उत्पाद क्वालिटी टेस्ट में फ़ैल
पतंजलि अयुर्वेद की स्थापना सन 2006 में की गयी । वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेद आयुर्वेदिक औषधियों और विभिन्न खाद्य पदार्थों का उत्पादन करती है। बाबा रामदेव और आचार्य श्री बालकृष्ण द्वारा संचालित पतंजलि आयुर्वेद आज भारतीय बाज़ार में बहुत बड़ा ब्रांडनेम बन चुका है। FMCG ( फ़ास्ट मूविंग कन्ज़्यूमर गुड्स ) क्षेत्र में पतंजलि ने एक बड़ा स्थान स्थापित कर लिया है।
हाल ही में सरकार द्वारा पतंजलि के कुछ प्रोडक्ट्स के सैम्पल्स की क्वालिटी की ज़ाच की गयी। इस ज़ाच में पाया गया कि पतंजलि सरसों तेल(Musturd oil), च्यवनप्राश, शहद (Honey), नमक (Salt), फ्रूट जैम (fruit jam) और बेसन, सरकार द्वारा माननीय मापदंडो से अलग है। यह सभी प्रोडक्टस के सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फ़ैल पाये गए। फिर भी यह सभी प्रोडक्ट्स बाज़ार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे है। 100% हर्बल और 100% नेचुरल के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है।
वेस्ट बंगाल पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी, कोलकाता ने भी पतंजलि आंवला जूस (Amla Juice) को क्वालिटी टेस्ट में फ़ैल करार दिया है। इसी कारण कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD), रिटेलिंग यूनिट जो आर्म्ड फोर्सेस (Armed Forces) को कन्ज़्यूमर गुड्स सप्लाई करती है, ने भी आंवला जूस की सप्लाई तुरंत रोक दी है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है की पतंजलि अपने प्रोडक्ट्स के लिए विवादों (Controversies) में आई है। पिछले साल दिसंबर 2016 में भी बाबा रामदेव द्वारा संचालित पतंजलि आयुर्वेद को हरिद्वार कोर्ट ने 11लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। पतंजलि आयुर्वेद को अपने ब्रांड लेबल के अन्तर्गत उन प्रोडक्ट्स के विज्ञापन प्रसारित करने का दोषी पाया जो प्रोडक्ट्स किसी अन्य फर्म द्वारा निर्मित किये गए थे यानि मिसब्रांडिंग ( Misbranding) का दोषी पाया गया था। वेसे भी आयुर्वेदिक दवाइयों के अलावा पातांजलि के अधिकाँश उत्पाद स्वयं पतंजलि के उत्पाद नहीं है बल्कि अन्य किसी का बनाया माल पतंजलि अपने ब्रांड नाम से बेच रही है या बिकवा रही है.
खाद्य विभाग अथॉरिटीज ने भी अपनी की गई ज़ाच में पाया कि ‘पतंजलि नूडल्स’ और ‘पतंजलि पास्ता’ बिना खाद्य लाइसेंस (Food license) के बाज़ारों में बिक रहे है। विभाग ने इनकी बिक्री पर तुरंत प्रतिबन्ध (Banned) लगा दिया है। बाबा रामदेव द्वारा खुद की धार्मिक प्रसारण चैनल आस्था और संस्कार के माध्यम से योग शिविरों में भी पतंजलि के इन सभी प्रोडक्ट्स की मुफ्त में मार्केटिंग की जा रही है। यह योग शिविर कम और मार्केटिंग कैंपेन ज़्यादा लग रहा है। योग के नाम पर अपने प्रोडक्ट्स का मुफ्त में विज्ञापन कर आम जनता को भ्रमित किया जा रहा है।
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- सोहिल दम्मानी, इंदौर