सुमेरपुर नगरपालिका सड़क विकास के नाम पर पहले अतिक्रमण हटाये, फिर पेड़ काटे.
सुमेरपुर नगरपालिका सड़क विकास के नाम पर पहले अतिक्रमण हटाये, फिर पेड़ काटे.
सुमेरपुर नगरपालिका, कृषि विपणन बोर्ड व सार्वजनिक निर्माण विभ्हाग के स्टेशन रोड को 4 लाइन करने पर प्रश्न चिन्ह लग गए है. हाल फिलहाल, पेड़ो की कटाई रूकने से इन पेड़ो को कुछ दिन और ज़िंदा रहने का मौक़ा मिल गया है. बड़ा प्रश्न यह है कि क्या विकास के नाम पर अंग्रेजो के जमाने के नीम के पेड़ो को हटाया जाना उचित है तथा क्या इन नीम के पेड़ो की बलि दिए बिना भी इस स्टेशन रोड को चोड़ा करना का संभव है ?
बिना नीम के पेड़ो की बलि के भी रोड चोड़ा हो सकता है : सुमेरपुर का स्टेशन रोड इतना चौड़ा है कि इन नीम के पेड़ो की जान बचाई जा सकती है यदि सभी अतिक्रमणों को हटा दिया जाए. लेकिन हमारा राजनीतिक नेतृत्व अतिक्रमणों को हटाकर अपने समर्थको व विरोधियो की नाराजगी मोल लेना चाहता है. अत: इस राजनीतिक फायदे के लिए इन मूक नीम के पेड़ो की बलि दी जा रही है जो कि गेर जरूरी है.
पहले अतिक्रमण हटाये, फिर पेड़ काटने चाहिए : इसमे भी कोई शंका नहीं है कि इन पेड़ो को हटाये बिना एक व्यवस्थित रोड शायद नहीं बन सके लेकिन इस काम के लिए पहले पेड़ो का बलिदान क्यों जरूरी है. सरकार को चाहिए कि पहले सारे अतिक्रिमण हटाये और अतिक्रमण हटाने में सफलता मिल जाए तो फिर इन पेड़ो को काटे. इस खुबशुरत रोड की खुबशुरती है ही इन पेड़ो से. अत: बिना पेड़ो के काटे, पहले अतिक्रमण हटाये जाए क्योकि पेड़ तो कभी भी काटे जा सकते है. यदि पेड़ काट देने के बाद यदि अतिक्रमण नहीं हटे तो इन नीम के पेड़ो की बलि का जिम्मेदार कौन होगा.
हटाये जाने वाले अतिक्रमणों की सूची सार्वजनिक की जाए : ऐसी आशंका है कि प्रभावशाली लोगो के अतिक्रमण व गलत तरीको से लिए गए पट्टेधारियों के कब्जे नहीं हटाये जायेंगे. इस रोड पर तो स्वयं राज्य सरकार के विभागों ने भी अतिक्रमण कर रखे है. सुमेरपुर थाने ने भी अतिक्रमण कर रखे है. अत: अतिक्रमण हटाने की शुरूआत सबसे पहले सरकारी अतिक्रमणों से की जानीआहिये तथा हटाये जाने वाले अतिक्रमणों की सूची को सार्वजनिक की जानी चाहिए.