इंडिया इन एक्शन – एक ही दिन में पाकिस्तान को दो-दो झटके
भारतीय आकांशा अनुरूप भारत सरकार व भारतीय मिलिट्री अब एक्शन में आ चुकी है. एक ही दिन में पाकिस्तान को दो-दो झटको के साथ भारत को एक्शन में देखकर हर भारतीय इसे अच्छी शुरुआत मान कर खुशी व संतोष का इजहार कर रहा है.
एक ही दिन में पकिस्तान को दो-दो झटके लगे. पहला कूटनीतिक प्रयास के तहत सार्क सम्मलेन रद्द हुआ जो कि पाकिस्तान को अलग-थलग करने वाला दिखता हुआ पहला प्रयास था. दुसरा प्रयास था , मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ ‘ पी.ओ.के.’ में घुसकर आतंकवादियों को मारना. दोनों प्रयास सफलतम रहे. आम भारतीय को ओलिंपिक में एक साथ सो मैडल मिलने वाली खुशी से भी ज्यादा खुशी मिली है. ‘पी.ओ.के.’ में घुसकर सुर्ज़िकल स्ट्राइक में आतंकवादियों को मारने के एक्शन को पाकिस्तान द्वारा मना करना, भारत के लिए शुभ संकेत है.
अब उचित होगा कि भारत सदेव एक्शन में नजर आये. तीसरे एक्शन के रूप में पाकिस्तान को दिया गया ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा को वापिस लिया जाना जाहिए तथा उसके बाद, पकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए. हर सप्ताह या हर महिने एक-एक करके कोई न कोई कार्यवाही पाकिस्तान के खिलाफ महसूस होती हुई होनी चाहिए. सिन्धु व उसकी सहायक नदियों के पानी का भारत में उपयोग का मामला हो या बलूचिस्तान का समर्थन , पी.ओ.के. पर पुन: नियंत्रण का मामला हो या सारे कूटनीतिक उपाय, पाकिस्तान के टूकडे-टूकडे होने तक जारी रखने चाहिए. सरकार को पाकिस्तान से तब तक बातचीत के लिए तेयार ही नहीं होना चाहिए, जब तक पाकिस्तान कम से कम दाउद इब्राहीम, हफीज सईद आदि सभी प्रमुख आतकवादियो को ज़िंदा या मुर्दा भारत को सौप नहीं देता.