Tuesday, January 3, 2017

क्या आयकर विभाग ‘महेश शाह’ की तरह किसी को गिरफ्तार कर सकता है या पकड़ सकता है ? 

सीए के. सी. मूंदडा : क्या आयकर विभाग महेश शाह की तरह किसी को गिरफ्तार कर सकता है, पकड़ सकता है, ले जा सकता है या छोड़ सकता है ?  

 पिछले तीन दिनों से आय घोषणा योजना (आई.डी.एस. स्कीम -2016) के तहत एक रू. 13860 करोड़ की आय की घोषणा (डिक्लेरेसन) व घोषणाकर्ता स्वयंभू अरब-पति महेश शाह बड़ी चर्चा में है. जिन्हें न्यूज़ चेनलो के अनुसार आयकर विभाग ने पकड़ा या  गिरफ्तार् किया, आयकर विभाग ले जाया गया तथा छोड़ भी दिया गया. लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि  क्या आयकर विभाग किसी को गिरफ्तार कर सकता है, पकड़ सकता है, ले जा सकता है या छोड़ सकता है ?

नहीं, ऐसा संभव नहीं है. आयकर विभाग किसी को न तो गिरफ्तार कर सकता है, न ही पकड़ सकता है, न ही कही ले जा सकता है या छोड़ सकता है. यह सही है कि आयकर अधिनियम,1961 के प्रावधानों के अनुसार कई प्रावधानों के तहत सजा का प्रावधान तो है लेकिन वह सब कुछ कोर्ट के आदेश से ही संभव है. जब तक किसी भी मामले में गिरफ्तारी वारंट नहीं निकाला गया हो या सजा का आदेश नहीं हो गया हो, तब तक किसी को न तो गिरफ्तार किया जा सकता है और न ही जेल हो सकती है. और यदि ऐसा होता भी है तो यह काम कोर्ट व पुलिस का है न कि आयकर विभाग का है.

तो फिर ETV के स्टूडियो व बाद के घटना क्रम व बाद की न्यूज़ रिपोर्टिंग में हम सबने क्या देखा व क्या सुना ?  जेसा देखा व सुना गया, वह सत्य नहीं है. इस पूरे प्रकरण में परदे के पीछे निम्न संभावित कार्यवाहिया की गयी होगी जिसको  आयकर विभाग द्वारा ने पकड़ने  या  गिरफ्तार् करने या  आयकर विभाग ले जाना या छोड़ दिया गया, जेसा दिखाया गया है –

  1. कागजो में पुलिस ने मात्र शांति भंग करने के अंदेशे के एक छोटे से मामले में महेश शाह को कुछ घंटो के लिए गिरफ्तार कर छोड़ दिया हो.
  2. आयकर विभाग ने आयकर की धारा 131 के तहत सम्मन जारी किया गया होगा तथा कागजो में उसी समय (स्टूडियो) में सम्मन तामिली दिखाई होगी  तथा उसी सम्मन में उसे तत्काल या कुछ घंटो में ही आयकर विभाग में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया होगा. 
  3. रोकने के लिए व पुन: बुलाने ले लिए भी इसी धारा 131 के सम्मनो का बार-बार  उपयोग किया हो.
  4. आयकर के रिकॉर्ड में पकड़ने या  गिरफ्तार् करने या आयकर विभाग ले जाना या छोड़ना आदि कुछ भी नहीं दिखाया जाएगा बल्कि सब कुछ  महेश शाह की स्वेच्छा (मर्जी) के अनुसार सम्मन की पालना ही दिखाई जायेगी.

वेसे भी मामले में आयकर विभाग की नजर में गंभीरता बहुत कम है क्योकि महेश शाह के पास न तो कोई ऐसी आय है और नहीं रोकड़. यदि कुछ भी संभावना होती तो अभी तक महेश शाह के घर या उससे जुड़े लोगो के घर आयकर की सर्च हो चुकी होती. आगे आने वाले समय में शीघ्र ही पता चल जाएगा कि यह महेश शाह का मात्र बच्चो वाला  खेल था या कुछ बड़े लोगो / नेताओं का खेल – सीए के.सी.मूंदडा 

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