Sunday, September 10, 2017

जीएसटी में कम्पोजीशन की सीमा 75 लाख रखने का आयकर से तालमेल नहीं !  

जीएसटी में कम्पोजीशन की सीमा 75 लाख रखने का आयकर से तालमेल नहीं !

कल की जीएसटी  काउन्सिल की मीटिंग के बाद जीएसटी  में कम्पोजीशन की सीमा 50 लाख से बढाकर 75 लाख करने की घोषणा की गयी  है लेकिन इस 75 लाख की सीमा का आयकर क़ानून से कोई तालमेल ही नहीं है. पहले तो वैट राज्य सरकारों के अलग-अलग कानूनों से चलता था जिससे आयकर से तालमेल नहीं हो पाता था लेकिन अब जीएसटी  व आयकर दोनों केन्द्रीय कानून है. ऐसी स्थिति में तालमेल नहीं होना या नहीं करना,  समझदारी की बात नहीं है.

वर्तमान आयकर क़ानून में कम्पोजीशन व ऑडिट  : वर्तमान आयकर क़ानून में व्यापारियों के लिए अपनी तरह की एक कम्पोजीशन स्कीम उपलब्ध है. आयकर की धारा 44एडी की इस स्कीम के अनुसार 2 करोड़ तक के टर्नओवर वाले छोटे व्यापारी अपने टर्नओवर पर 8% या उससे अधिक प्रॉफिट की घोषणा कर सकते है. ऐसे व्यापारियों / छोटे उद्यमियों को 2 करोड़ तक के टर्नओवर के लिए न तो ऑडिट करवाने की आवश्यकता है और न ही लेखा पुस्तके रखने की.

इस अव्यवस्था / असंगतियो / तालमेल के अभाव को आगे दिए चार्ट से समझा जा सकता है

विषय आयकर क़ानून जीएसटी क़ानून
कम्पोजीशन की सीमा 200 लाख (टर्नओवर) 75 लाख (टर्नओवर)
ऑडिट करवाने की सीमा
कम्पोजीशन स्कीम में जाने वालो के लिए 200 लाख  (टर्नओवर) 100 लाख (टर्नओवर)
कम्पोजीशन स्कीम में नहीं जाने वालो के लिए 100 लाख  (टर्नओवर) 100 लाख (टर्नओवर)

आयकर क़ानून व जीएसटी में असंगतियो का परिणाम : पहला मुद्दा तो यह है कि जब आयकर क़ानून में कम्पोजीशन 2 करोड़ तक उपलब्ध है तथा जीएसटी में कम्पोजीशन मात्र 75 लाख तक ही है, तो कोई भी व्यापारी आयकर में 75 लाख से ऊपर कम्पोजीशन का चयन क्यों करेगा. इससे आयकर राजस्व को काफी नुकसान पहुचेगा क्योकि हर व्यापारी अपनी उस फर्म का टर्नओवर 75 लाख तक की लिमिट में ही रखेगा. दूसरा जब जीएसटी  में 1 करोड़ पर ही ऑडिट करवानी है तो वह व्यापारी आयकर में भी ऑडिट करवा ही लेगा, तो फिर 2 करोड़ तक की छूट  का कोई मतलब ही नहीं रह जाता. 

क्या होना चाहिए : सरकार को जीएसटी में ऑडिट व कम्पोजीशन दोनों की सीमा कम से कम 2 करोड़ करनी चाहिए. दूसरे विकल्प के रूप में कम से कम आयकर से तालमेल करते हुए १ करोड़ के ऊपर ही ऑडिट अनिवार्य रखनी चाहिए. न्यूज़ क्लब के पाठको की तरफ से ही सरकार से मांग है कि जीएसटी  में ऑडिट व कम्पोजीशन की सीमा 2 करोड़ कर देनी चाहिए.

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