सिरोही (राजस्थान) आयकर सर्च में लॉकर तलाशी क्यों नहीं ?
सिरोही (राजस्थान) आयकर सर्च में लॉकर तलाशी क्यों नहीं ?
कल की पोस्ट में मैंने लिखा था कि किस तरह से सिरोही की चार मे से एक सर्च में व्यापारी के कर्मचारी के साथ मारपीट की गयी थी तथा एक कर्मचारी को उसके घर से किडनेप करके व्यवसाय स्थल पर लाया गया था (कल की पुरी पोस्ट के लिये यहा Click करे) . सर्च के दूसरे दिन दिनांक 22 मार्च, 2017 को तीन असाधारण घटनाक्रम देखे गए. पहले घटनाक्रम में यह देखा गया कि सभी सर्चो (रेड) की गति एकदम धीमी कर दी गयी. खासतोर पर महेंद्र टाक की सर्च में दिन भर में कोई ख़ास गतिविधि नहीं देखी गयी फिर भी सर्च को समाप्त नहीं किया गया. यहाँ तक कि उसके दो लॉकर्स की तलाशी भी नहीं ली गयी तथा पूरे दिन टाइम-पास किया गया.
दूसरे असाधारण घटनाक्रम में महेंद्र टाक व उनकी पत्नि के दो लॉकर्स की जानबूझकर तलाशी ही नहीं ली गयी तथा उन दोनो लॉकर्स को मात्र सील दिखाकर सर्च (रेड) को कागजो में अधूरी दिखाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि दोनो लॉकर्स की जान-बुझकर तलाशी नहीं ली जा रही है. ऐसा करना किसी को कामचोरी लग सकती है लेकिन ऐसा नहीं है, यह कामचोरी का मामला नहीं है बल्कि इसके पीछे कई गहरे राज व बदनीयती है.
तीसरे असाधारण घटनाक्रम के तहत इस आयकर सर्च को बीच में ही अधूरी छोड़कर आयकर टीम ने येन केन प्रकारेन महेंद्र टाक को जबदस्ती बिना किसी तरह के कानूनी आदेश के उदयपुर ले जाने का प्रयास किया गया लेकिन लगभग 24 घंटो से भी ज्यादा की थका देने वाली कार्यवाही के कारण महेंद्र टाक बीमार हो गए जिससे उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पडा जबकि उनकी पत्नि को भी सर्च के पहले ही दिन हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पडा था.
आम करदाता के ज्ञानार्थ उन निम्न गहरे राज व बदनीयती को उजागर करना देश व समाज के हित में होगा जिनके कारण ऐसे लॉकर्स की तलाशी जानबूझकर लटकाई जाती है –
- सर्च की समयावधि (Time Limitation) को लंबा खीचकर करदाता को परेशान करना व उस पर दबाव बनाना.
- सर्च में जितना ज्यादा दबाव बनेगा उतना ज्यादा अघोषित आय का सरेंडर मिलेगा और जितना ज्यादा सरेंडर / टैक्स वसूली होगी, उतना ज्यादा इनाम (Reward) सर्च करने वाली टीम को मिलेगा.
- सर्च कार्यवाही संबंधी समय-सीमा के क़ानून को धत्ता दिखाना यानिकि अप्रत्यक्ष रूप से क़ानून की समय सीमा व अपने कानूनी अधिकारों का दुरूपयोग करना (Misuse of Powers) .
- सर्च ख़त्म हो जाने बावजूद लॉकर के बहाने बार-बार टूर प्रोग्राम बनाकर TA / DA व ट्रेवलिंग बिल की वसूली भारत सरकार से करना जो कि सरकारी भ्रष्टाचार का ही एक रूप है.
- लॉकर के बहाने करदाता से अकेले में रिश्वत / भ्रष्टाचार आदि के लिए बातचीत करने का मौका (Opportunity) बनाना आदि आदि.
आज यानिकी सर्च के तीसरे दिन की संभावनाए –
- सर्च को अधूरा रखने की नियत से लॉकर की तलाशी नहीं ली जायेगी तथा लॉकर की तलाशी लिए बिना ही अस्थाई तोर पर सर्च को पूरा दिखाया जाएगा.
- सर्च को अधूरा रखने की नियत से एक अलमारी या कमरे को फर्जी तोर पर बंद दिखाकर उसे सील करने का प्रयास भी किया जा सकता है.
- बिना लॉकर की तलाशी लिए ही महेंद्र टाक को एक बार फिर जोर-जबरदस्ती से व एक तरह से अगवा कर उदयपुर ले जाने का प्रयास किया जाएगा.