Tuesday, July 4, 2017

टेंशन मुक्त जीएसटी (Tension Free GST) के 13 फोर्मुले ! 

टेंशन मुक्त जीएसटी (Tension Free GST) के 13 फोर्मुले ! 

 

यह तो अब तय है कि अधूरी तेयारी के होते हुए भी वर्तमान बाहुबली सरकार जीएसटी  को लागू कर देगी. वेसे भी व्यापारी न तो किसान है, न गरीब, न ही पिछड़ी जाति का और न ही अनपढ़ वोट बैंक, अत: व्यापार जगत के दुःख या कष्टों का इस सरकार को कोई लेना देना नहीं है.  आप मन से माने या बिना मन के, यदि “ आपको  हिंदुस्तान में व्यापार करना है तो जीएसटी को मानना ही होगा “.

यह सही है कि एक क़ानून को कई वकील व कोर्ट वर्षो में नहीं समझ पाते है, तो  जीएसटी जेसे क़ानून को चंद  दिनों में समझना किसी भी व्यापारी तो क्या वकील के भी वश की बात नहीं है. मेरा विश्वास है कि अरुण जेटली भी कई सवालों के जवाब नहीं दे सकते. जितनी भी सेमीनार या कांफ्रेंस हुई है, उन सब में  सभी सरकारी – गेर सरकारी वक्ताओं ने क़ानून की कम बात की और अपनी-अपनी  राय ज्यादा बताई क्योकि अभी भी बहुत कुछ अस्पष्ट है.

एक नंबर का व्यापार करने वाले व्यापारी, इन हालातो में भी जीएसटी को टेंशन मुक्त होकर जी सकते है ( क्योकि दो नंबर का गेर-कानूनी व्यापार तो पकडे जाने तक जीएसटी से स्व: घोषित टैक्स फ्री है ). ये कानूनी फोर्मुले नहीं है बल्कि अलग-अलग व्यापारियों की रिसर्च / अनुभव का परिणाम है जिससे एक व्यापारी टेंशन मुक्त हो सकता है. कई बाते / फोर्मुले लगभग सभी  व्यापारियों को मालूम भी है लेकिन जीएसटी  की घबराहट बहुत ज्यादा होने से कई छोटी-छोटी बातो की तरफ व्यापारी का ध्यान नहीं है. अत: लम्बी सास ले, अपने शरीर को ठीला छोड़कर जीएसटी योग मुद्रा धारण कर निम्न व्यवहारिक  फोर्मुलो की तरफ ध्यान दे व मनन करे –

  • सबसे पहले अपना पेन कार्ड, आधार कार्ड व मोबाइल फ़ोन अपडेट कराले या करवा ले.

 

  • जीएसटी में रजिस्ट्रेशन हेतु अपने अच्छे वकील से बिना टेंशन संपर्क करे. यदि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं भी हो तो टेंशन नहीं करे.

 

  • अपने सीए / वकील साहब से आपके व्यापार व जीएसटी से सम्बंधित क़ानून / प्रावधानों पर न केवल चर्चा करे बल्कि सीए / वकील साहब से व इन्टरनेट से  सम्बंधित प्रावधानों का प्रिंट / नकल अपने पास लेकर उसे शांति से पढ़ने व समझने का प्रयास करे.

 

  • परम्परागत रूप से भारत में क़ानून हमेशा कलिष्ठ भाषा में तेयार किये जाते है ताकि आम नागरिक उसे आसानी से नहीं समझ सके तथा कानूनी मामले में सदेव अनपढ़ ही बना रहे, अत: पढ़ने व समझने में जल्द बाजी नहीं करे. शांति से पढ़े व समझे.

 

  • जीएसटी राज में राजी-खुशी व्यापार करने के लिए अपने-अपने व्यापारिक स्तर के अनुरूप अपने व्यवसाय स्थल पर कंप्यूटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, ताकतवर इन्टरनेट कनेक्शन आदि की व्यवस्था कर ले.

 

  • नई बिल बुक छपाने की जगह कंप्यूटर व सॉफ्टवेर का उपयोग करे, तो ज्यादा  सुविधा  रहेगी.

 

  • आपके व्यापार से सम्बंधित क़ानून जब तक आपके अच्छी तरह से समझ में नहीं आ जाए तथा आप साधनों के साथ तेयार नहीं हो जाए, जीएसटी राज में नया व्यापार नहीं करे. कुछ दिन व्यापार बंद रखने से होने वाले नुकसान की चिंता नहीं करे.

 

  • नए जीएसटी क़ानून के अनुसार अपनी लागत की सही-सही गणना करे तथा दूसरे व्यापारियों के साथ खुलकर विचार-विमर्श करके किसी निष्कर्ष पर पहुचे.

 

  • यदि बहुत ज्यादा असुविधा या कलिष्ठता नजर आ रही है, तो अपनी समस्याए सामूहिक रूप से सरकार के समक्ष रखे और तब तक नया व्यापार नहीं करे जब तक सरकार सुधार नहीं कर दे या आप कष्ट झेलने के लिए मानसिक रूप से व धरातल पर तेयार नहीं हो जाए.

 

  • 30 जून के स्टॉक पर मिलने वाले क्रेडिट को भी ढंग से समझले. यदि घाटा नजर आता हो तो स्टॉक को हर संभव कम करने का प्रयास करे. छोटे व्यापारियों के लिए यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए.

 

  • स्टॉक लिस्ट बनाने में जल्दबाजी नहीं करे तथा स्टॉक लिस्ट तेयार करने में लेखा नियम व आयकर क़ानून को भी ध्यान में रखे.

 

  • व्यापारी छोटा हो या बड़ा, अपने कर-सलाहकार से पुख्ता-पूरी राय अवश्य ले. मात्र सूनी-सुनाई बात पर अमल नहीं करे.

 

  • अंत में, एक मारवाड़ी कहावत – “ जो सुख पावे जीव रो, तो धीरे-धीरे चाल  ” ताकि जीएसटी राज में जीएसटी राज से होने वाली किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके.

 

-सीए के.सी. मूंदड़ा / कैलाश चंद्रा

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