आयकर सर्च (रेड) व सर्वे में आय (इन्कम) का सरेंडर लेना प्रतिबंधित है .
खासतोर पर स्थानीय / राज्य स्तरीय अखबारों में आयकर सर्च व सर्वे में आय व आयकर के सरेंडर की खबरे पढ़ी जाती है लेकिन आयकर सर्च व सर्वे में आय व आयकर का सरेंडर लेना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित / अविधिक है.
हकीकत में अघोषित आय / काले धन को उजागर करने के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धाराए 132 व 133A के तहत आयकर प्राधिकारीगण आयकर सर्च व सर्वे की कार्यवाही को अंजाम देते है लेकिन इन प्रावधानों के तहत आयकर सर्च व सर्वे में आय व आयकर का सरेंडर लेने का कोई प्रावधान ही नहीं है. इसके बावजूद आयकर प्राधिकारीगण कई वर्षो से आयकर सर्च व सर्वे में आय व आयकर का सरेंडर ले रहे है या करवा रहे है जो कि प्रतिबंधित , उत्पीडन व अतिवादी कृत्यों के जीते जागते उदाहरण है.
यही नहीं, ऐसे आयकर प्राधिकारीगणों के नकेल डालने के लिए, आयकर विभाग की उच्चतम संस्था केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT, New Delhi) ने बकायदा निर्देश स. F.No.286/2/2003-IT (INV.II) दिनांकित 10.03.2003 जारी कर आयकर प्राधिकारीगणों को पाबन्द किया कि वो सरेंडर नहीं ले लेकिन यह निर्देश भी स्पष्टत: कारगर साबित नहीं हो रहा है लेकिन ऐसे सरेंडर है प्रतिबंधित ही.
पाठक यही नीचे उपरोक्त निर्देश स. F.No.286/2/2003-IT (INV.II) दिनांकित 10.03.2003 के पूरे मजनून को पढ़ सकते है तथा अंदाज लगा सकते है कि मोदी राज में भी केसे सरकारी मशीनरी बेधड़क ऐसे निर्देशों की धज्जिया उड़ाते है.