जीएसटी के भय से घटता या बंद होता होलसेल व्यापार
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जीएसटी के भय से घटता या बंद होता होलसेल व्यापार
सरकार व बीजेपी के कुछ उच्च नेताओं की बातो को मान लिया जाए तो 1 जुलाई से जीएसटी लागू हो जाएगा हालाकि जीएसटी के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर अभी तक देश में उपलब्ध नहीं है. इससे लोगो का मानना है कि मोदी सरकार के पास भारी बहुमत है, अत: मोदी सरकार जीएसटी लागू कर ही देगी. इन हालातो में व्यापार जगत में भारी भय व्याप्त है. कई होलसेल व्यापारी अपना-अपना होलसेल व्यापार बंद कर चुके है या स्टॉक घटा कर व्यापार बंद कर रहे है.
बाजार से ग्राहक गायब : अधिकाँश होलसेल बाजारों से ग्राहक गायब हो चुके है क्योकि हर कोई अपना स्टॉक शून्य करना चाहता है लेकिन ग्राहक नहीं होने से स्टॉक भी खाली नहीं हो रहा है. मेरे शहर में तो अभी हाल ही अचानक एक डोमेस्टिक एप्लायंसेज के एक व्यापारी ने तो अपनी दूकान का सारा माल 50% डिस्काउंट पर बेचने के लिए पूरे स्टॉक को ही सेल में बदल डाला.
जुलाई के प्रथम सप्ताह में कई फेक्ट्रिया व्यापार व उत्पादन बंद रखेगी : जीएसटी व उसके व्यापार पर प्रभाव को लेकर व्यापार जगत असमंजस की स्थिति में है. अत: जीएसटी व उसके व्यापार को समझने के लिए कई फेक्ट्रिया लगभग एक सप्ताह तक बंद रखी जायेगी तथा सब कुछ समझ में आ जाने के बाद ही व्यापार पुन: चालू किया जाएगा.
व्यापारी अपने आप को लाचार समझने लगा : राजनीति में व्यापारी की औकात एक दुधारू गाय से ज्यादा नहीं है जो डंडा भी खायेगी और दूध भी देगी लेकिन हमेशा सरकार का साथ देगी. उसके पास न तो हिंसक आन्दोलन करने की क्षमता है और न ही राजनीति में पकड़. किसी समय कहा जाता था कि बीजेपी व्यापारियों की पार्टी है लेकिन जितना नुकसान बीजेपी सरकारों ने व्यापार व व्यापारियों को पहुचाया है, उससे स्पष्ट है बीजेपी को तो व्यापारियों के वोटो की कोई आवश्यकता नहीं है.
व्यापार में अराजकता से अर्थ-व्यवस्था को भारी नुकसान : बिना जीएसटी व चमकदार अर्थ-व्यवस्था वाले सिंगापुर – दुबई जेसे कई देशो का विकास ही व्यापार के विकास से संभव हो पाया है. व्यापार न केवल विकास की धुरी है बल्कि विकास का पैमाना भी. अत: व्यापार – व्यापारी ख़त्म करके विकास की कल्पना ही संभव नहीं है. लेकिन लगता है देश के नए स्वयंभू अर्थ-शास्त्री तो सिर्फ अपने विजन को देश पर थोपना चाहते है – सीए के सी मूंदडा
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