नव-वर्ष पर सिरफिरों के अजीब उत्पात से सभ्य समाज व प्रशासन के लिए भारी हैरानी-परेशानी
नव-वर्ष पर सिरफिरों के अजीब उत्पात से सभ्य समाज व प्रशासन के लिए भारी हैरानी-परेशानी
31 दिसम्बर की रात्रि को नव-वर्ष के स्वागत के लिए दुनिया भर में जश्न का माहोल रहता है लेकिन इस खुशनुमा माहोल के ठीक विपरीत नव-वर्ष 1 जनवरी, 2017 की सुबह लगभग 1 बजे से 3 बजे बीच कुछ सिरफिरों ने ऐसा अजीब उत्पात मचाया जिससे हर कोई हैरान व परेशान ही हो सकता है.
राजस्थान का सुमेरपुर एक छोटा सा शहर है, जहां 31 दिसम्बर की रात्रि को नव-वर्ष के स्वागत के लिए कोई विशेष कार्यक्रम भी नहीं होते है, न ही कोई तड़क-भड़क आदि देखने को मिलती है फिर भी 1 जनवरी, 2017 की सुबह जब लोगो की नींद खुली तो सुमेरपुर की 4-5 कॉलोनियो के निवासियों को घर के बाहर खडी (पार्क) की हुई अधिकाँश कारो व कुछ घरो में खड़ी 50 से भी ज्यादा कारो के शीशे फूटे हुए मिले. ख़ासतोर पर पुलिस उपधीक्षक, सुमेरपुर के कार्यालय के सामने व पुलिस स्टेशन के ठीक पीछे की कॉलोनियो की गाडियों के शीशे कुछ सिरफिरों ने तोड़ डाले जो कि इन सिरफिरों का अति निन्दनीय कृत्य था.
लेकिन सभी को हैरान करने वाली इस घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया है कि ऐसे तो कोई भी सिरफिरा इस सभ्य समाज में कभी भी कुछ भी उल्टा-सुलटा कर सकता है. मामला आर्थिक इर्ष्या का हो या किसी की निजी नाराजगी का या निजी बदले का या प्रशासनिक / पुलिस नाराजगी का या किसी के पागल-पन का, आखिर आम नागरिक करे तो क्या करे. ऐसे बेखोफ सिरफिरो को ढूंढने की कोशिश पुलिस तो कर रही होगी लेकिन सभ्य समाज व प्रशासन के लिए तो एक चिंता का विषय पैदा हो चुका है.
सुमेरपुर जेसे देश के अन्य कई शहरों में भी अधिकाँश गाडिया सड़को पर खडी (पार्क) होती है. ऐसी हैरान करने वाली अजीब घटना देश के किसी शहर-गाँव के कभी भी हो सकती है. अत: ऐसे गाड़ी मालिको, समाज व प्रशासन के लिए सबक सिखने व सावधानी रखने लायक घटना है, अत: सभी को निम्न बातो पर अपना ध्यान अवश्य केन्द्रित करना चाहिए ताकि ऐसी घटना की पुनर्रावर्ती न हो तथा यदि पुनर्रावर्ती हो, तो नुकसान कम से कम हो –
(क) सभ्य समाज के नागरिको के लिए :
(1) गाड़ी मालिको को अपने घर / कैंपस में उपलब्ध पार्किंग एरिया का उपयोग गाडी पार्किंग के लिए करना चाहिए और यथासंभव रोड पर पार्किंग नहीं करना चाहिए जिससे गाडी की लाइफ भी बढ़ेगी.
(2) जिन घरो में सीसीटीवी कैमेरो की व्यवस्था है, उनको रोड साइड पर भी पावरफुल कैमेरो की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे घर के साथ साथ गाडियों व कॉलोनी की भी सुरक्षा हो सकेगी.
(3) प्रत्येक कॉलोनी को अपने स्तर पर चोरी व ऐसी सिरफिरी वारदातों को रोकने के लिए रात्रि में सामूहिक चोकीदारी तथा / अथवा सिक्यूरिटी गार्ड तथा / अथवा गेट (फाटक) की व्यवस्था करनी चाहिए तथा आपस में एकता कायम करनी चाहिए.
(4) ऐसी घटना के प्रत्यदर्शी नागरिको को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए व हिम्मत से ऐसे सिरफिरों / चोरो का सामना करना चाहिए.
(5) प्रशासन के सामने प्रतिनिधित्व के लिए कॉलोनी स्तर या उससे भी बड़े स्तर पर सभी नागरिको के बीच एकता कायम करनी चाहिए.
(6) प्रत्येक नागरिक को रोजमर्रा के जिन्दगी में भी किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के प्रति सतर्क होकर पुलिस व अन्य नागरिको को सूचित व सावचेत कर देना चाहिए.
(ख) प्रशासन के लिए :
(1) नगरपालिका / पुलिस प्रशासन को उचित जगहों पर सीसीटीवी कैमेरो की व्यवस्था करनी चाहिए जिसके लिए नागरिको से भी मदद ली जा सकती है.
(2) पुलिस प्रशासन को समुचित गश्त व सक्रियता बढानी चाहिए तथा उस सक्रियता का ऐसे सिरफिरों / चोरो को अहसास भी होना चाहिए.
(3) प्रत्येक कॉलोनी प्रवेश पर प्रवेश द्वार / गेट (फाटक) की व्यवस्था नगर पालिका को करनी चाहिए तथा उसका नियंत्रण कॉलोनी के नागरिको को सुपुर्द कर देना चाहिए.