Thursday, March 15, 2018

आयकर ट्रिब्यूनल में टूर के नाम पर उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार  

दूसरे सरकारी ऑफिस की तरह आयकर ट्रिब्यूनल भी भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है बल्कि आयकर ट्रिब्यूनल में टूर के नाम पर भी उच्च स्तरीय आधिकारिक भ्रष्टाचार  व्याप्त है. ऐसे षड्यंत्र पूर्वक बनाए जाने वाले आधिकारिक टूर पर भारत सरकार को भारी खर्चा उठाना पड़ता है. ये टूर उच्च स्तर के संरक्षण व समर्थन से प्रशासनिक ग्राउंड पर बनाए जाते है. मोदी सरकार के राज में भी यह टूर प्लानिंग न केवल जारी है बल्कि और ज्यादा फल-फुल रही है.

अभी हाल ही कई शिकायतों से घिरे अहमदाबाद आयकर ट्रिब्यूनल के पावरफुल न्यायिक सदस्य आर. पी. तोलानी ने 27 जून से 01 जुलाई, 2016 तक का एक टूर जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल का मैनेज किया जबकि  अहमदाबाद ट्रिब्यूनल के एक न्यायिक सदस्य 13.05.16 से ही मुंबई के टूर पर थे एवं जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल में पहले से ही तय दो न्यायिक सदस्य कार्य कर रहे थे. इसलिए आर. पी. तोलानी के टूर को मैनेज करने व उसको जस्टिफाई करने के लिए सरकारी खर्चे पर जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल के एक न्यायिक सदस्य को अहमदाबाद टूर पर भेजने की योजना बना कर उसे अनावश्यक अहमदाबाद टूर पर भेज दिया. सिर्फ आर. पी. तोलानी का निजी हित साधने के लिए सरकारी खर्चे पर दो-दो टूर का बोझ सरकारी खजाने पर डाल दिया गया.

यहाँ पर उल्लेखनीय है कि आर. पी. तोलानी का टूर बहुत पहले 09.06.2016 को ही मैनेज कर लिया गया था जबकि 09.06.2016 को जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल में कोई स्थाई या अस्थाई जगह खाली नहीं थी.  आर. पी. तोलानी के लिए किये गए आदेश से 27 जून, 2016 से 01 जुलाई, 2016 के मध्य दो कोर्ट के लिए जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल में न्यायिक सदस्यों की संख्या दो से बढ़ कर तीन हो गयी. इस गलती का अहसास होते ही उस गलती को सही करने लिए जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल के नियमित न्यायिक सदस्य श्री कुलभारत को 15.06.2016 को एक आदेश जारी कर उनका अहमदाबाद का टूर बना डाला.   

इन दो टूर की लागत / खर्चा भ्रष्टाचार का एक जांच योग्य पक्ष है, साथ ही साथ ऐसे टूर के पीछे राजस्व को भारी नुकसान, बड़ा भ्रष्टाचार, पक्षपात व निजी अहम् के तुष्टीकरण का छिपा एजेंडा हो सकता है. इसलिए 27 जून, 2016 से 01 जुलाई, 2016 के मध्य जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल में एवं जयपुर आयकर ट्रिब्यूनल के बाहर जयपुर में  आर. पी. तोलानी की संदिग्ध गतिविधियों की जांच होनी चाहिए तथा ऐसे टूर में व्याप्त भ्रष्टाचार व षड्यंत्रों को सरकारी स्तर पर उजागर किया जाना चाहिए.

कुछ वर्ष पहले, बिहार के एक बड़े नेता की अपील में मदद करने के लिए पटना आयकर ट्रिब्यूनल में बाहर से दो सदस्यों को पटना भेजा गया था तथा ठीक इसी तरह, एक भूतपूर्व महाराजा की अपील में मदद करने के लिए जोधपुर आयकर ट्रिब्यूनल में बाहर से दो सदस्यों को जोधपुर भेजा गया था. यह सच्चाई इतिहास के पन्नो में दर्ज है. अत: अब समय की मांग है कि आर. पी. तोलानी के जयपुर टूर के षड़यंत्र की गंभीर जांच की जानी चाहिए तथा भविष्य में आयकर ट्रिब्यूनल में आधिकारिक रूप से किये जाने वाले ऐसे षड्यंत्रों व नुकसान से देश को बचाना चाहिए. सक्रिय नए न्याय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद जी से भी न्याय की अपेक्षा की जानी चाहिए – सुमेरपुर | Sumerpur | राजस्थान | Rajasthan  से विजय सिंह राठोड़ – Vijai Singh Rathod

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