दो लाख से ज्यादा के मोटर वाहन की खरीदी पर 2% आयकर (टी.सी.एस)
सुमेरपुर | Sumerpur | पाली | Pali | राजस्थान | Rajasthan : भारतीय संसद से पास हो जाने व राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल जाने के बाद अब 01 जून, 2016 से रू. 2.00 लाख से ज्यादा के सभी तरह के वाहनो की खरीद पर 1% प्रतिशत की दर से आयकर टी.सी.एस. वसूलना ( कुछ मामलो को छोड़कर) अनिवार्य हो गया है. महंगी कारो व मोटर साइकिलों को छोड़कर बाकी सभी वाहनों के लिए यह काफी कड़ा व गेरजरूरी प्रावधान है.
आयकर की धारा 206सी(1इ) व 206सी(1एफ) के अलावा एक केन्द्रिय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी) ने परिपत्र न. 22/2016 दिनांकित 08.06.2016 जारी कर आयकर टी.सी.एस. का दायरा बढ़ाने का प्रयास किया गया है जिसमे प्रत्येक वाहन को घेर लिया गया है.
दोनों धाराओ व इस परिपत्र के सामूहिक परिणाम स्वरुप अब निम्न हालात में वाहनों पर आयकर टी.सी.एस. की वसूली करनी होगी-
- यदि किसी भी वाहन का विक्रय प्रतिफल रू. 10.00 लाख से ज्यादा है तो पूर्ण विक्रय प्रतिफल पर 1.00 की दर से आयकर टी.सी.एस. की वसूली की जायेगी, भुगतान चाहे चेक से किया हो या रोकड़ से.
- यदि किसी भी वाहन का विक्रय प्रतिफल रू. 2.00 लाख से ज्यादा है लेकिन 10.00 लाख से ज्यादा नहीं है तो पूर्ण विक्रय प्रतिफल में से 2.00 लाख से ज्यादा की रकम का भुगतान रोकड़ किया जाता है तो रोकड़ भुगतान की राशि पर 1.00 की दर से आयकर टी.सी.एस. की वसूली की जायेगी. मान लीजिये, 5.00 लाख के सौदे में 2.00 लाख का भुगतान चेक से किया जाता है और 3.00 लाख का भुगतान रोकड़ किया जाता है तो इस 3.00 लाख पर आयकर टी.सी.एस. की वसूली की जायेगी लेकिन यदि 3.50 लाख का भुगतान चेक से किया जाता है और 1.50 लाख का भुगतान रोकड़ किया जाता है तो कोई आयकर टी.सी.एस. की वसूली नहीं होगी.
यहाँ पर उल्लेखनीय यह है कि यह कानून सभी तरह के वाहनों पर लागू है तथा सेकंड हैण्ड वाहनों पर भी लागू है. हालाकि एक करोड़ से कम टर्नओवर वाले वाहन की बिकी करने वाले व्यक्तिगत लोग इस प्रावधान से मुक्त रहेंगे. आयकर टी.सी.एस. की वसूली की जिम्मेदारी बेचनार / विक्रेता की होगी लेकिन रूपया क्रेता की जेब से निकलेगा.