Friday, July 5, 2019

क्यों जीएसटी से ऑनलाइन व्यापार को लगेगा बड़ा झटका ?  

क्यों जीएसटी से  ऑनलाइन व्यापार को लगेगा बड़ा झटका ?

 

जीएसटी से  ऑनलाइन व्यापार को न केवल आने आने वाले समय में  बड़ा झटका लगेगा बल्कि झटका लगना प्रारम्भ हो चुका है.  जीएसटी की जद में चुन चुन कर सभी व्यापारों को लाया जा रहा है. नए प्रस्तावित जीएसटी से वर्तमान में चल रहा ई-कॉमर्स (ऑनलाइन) व्यापार का तरीका ही बदल जाएगा जिससे ऑनलाइन व्यापार को बड़ा झटका लगेगा. ऑनलाइन व्यापार केसे प्रभावित होगा उसको समझने  के लिए  वर्तमान व भावी व्यवस्था को समझना होगा.

वर्तमान ऑनलाइन व्यापार केसे होता है : वर्तमान ऑनलाइन व्यापार व्यवस्था में मोटे तोर पर तीन पक्षकार होते है. पहला पक्षकार अमेजन – फ्लिफ्कार्ट जेसी ऑनलाइन कंपनिया है जो सिर्फ आर्डर व पेमेंट लेती है. दूसरा पक्षकार उपभोक्ता होता है जो ऑनलाइन कंपनी को ऑनलाइन आर्डर बुक करता है तथा उसे पेमेंट करता है. तीसरा पक्षकार  होता है जो उस बुक किये गए आर्डर का माल सप्लाई करता है . वही असली विक्रेता होता है , वही बिल जारी करता है तथा वही वेट (टैक्स) का भुगतान करता है. इस स्थिति में अमेजन – फ्लिफ्कार्ट जेसी ऑनलाइन कंपनियो का रोल मात्र एक एजेंट का होता है. माल का नफ़ा-नुकसान व टेक्स आदि की तमाम जबावदारी असली विक्रेता की होती है.

जीएसटी में ऑनलाइन व्यापार केसे होगा व  जीएसटी की जबावदारी किसकी होगी :  जीएसटी  की नई व्यवस्था में जीएसटी की जबावदारी अमेजन – फ्लिफ्कार्ट जेसी ऑनलाइन कंपनियो की होगी. जबकि वर्तमान व्यवस्था में उनकी कोई जबावदारी नहीं है. इससे वर्तमान में चल रही पूरी व्यवस्था ही छिन्न-भिन्न हो जायेगी तथा इससे ऑनलाइन व्यापार में भारी अव्यवस्था फेलेगी. यही नहीं ऑनलाइन कंपनियों को असली विक्रेता का टीडीएस (TDS) भी काटना होगा .

इस नई व्यवस्था से कर-चोरी पर अवश्य लगाम लगेगी लेकिन पूरी व्यवस्था बदलने से अव्यवस्था तो होगी ही तथा व्यापार को भी नुकसान पहुचेगा ही. कुछ लोगो की यह भी राय है कि ये बड़ी कंपनिया लोबिंग करके कानून बदलवा लेगी क्योकि इस नए क़ानून से व्यापार करना बहुत भारी काम हो जाएगा. कुछ वेबसाइट के अनुसार ऑनलाइन कंपनियो को रजिस्ट्रेशन करवाना पडेगा तथा विक्रेता द्वारा टैक्स जमा नहीं कराने की स्थिति में टैक्स जमा कराने के लिए इन ऑनलाइन कंपनियो जिम्मेद्दारी होगी लेकिन लेखक इससे सहमत नहीं है.

लाइन में  आ चुके है नए तोर-तरीके : जीएसटी  राज में यदि ऑनलाइन कंपनी जीएसटी  से जबावदेही से मुक्ति चाहती है तो पुराने व प्रचलित तोर-तरीके बदलने होंगे. अभी हाल ही अभी एक नई स्वदेशी ऑनलाइन कम्पनी ‘प्योरमाल’ ( puremaal.in )  बाजार में उतरी है, उसने पुराना सिस्टम ही बदल डाला. इस वेबसाइट के अनुसार पेमेंट व आर्डर दोनों ही असली विक्रेता डायरेक्ट लेगा तथा वही माल सप्लाई करेगा. ऐसा करने से puremaal.i जीएसटी  के प्रावधानों से बच जायेगी तथा उसे टीडीएस भी नहीं काटना पडेगा.

  • सीए.के.सी.मूंदड़ा (कैलाश चंद्रा)

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