क्या मनु मेवाड़ा के विरूद्ध आयकर सर्च गलती से हुई थी (आयकर सर्च भाग –7)
क्या मनु मेवाड़ा के विरूद्ध आयकर सर्च गलती से हुई थी (आयकर सर्च भाग –7)
सभी पाठको को ज्ञात है कि 21 मार्च, 2017 को बहुत बड़े स्तर पर राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, राजसमन्द व सिरोही आदि स्थानों पर एक साथ आयकर की सर्च (रेड) हुई थी. एक स्थान को छोड़कर शेष सभी लगभग 18 – 20 स्थानों पर एक साथ धावा बोला गया था. इन सभी स्थानों पर सिरोही के बड़े शराब कारोबारी महेंद्र टाक स्वयं, उसके रिश्तेदारों, व्यापारिक सहयोगियों, भागीदारो, मित्रो, कर्मचारियों के आवासीय या व्यापारिक ठिकानों पर दबिश दी गयी थी. लेकिन एक स्थान ऐसा था जिसका महेंद्र टाक से कोई सम्बन्ध नहीं था और वह था महेंद्र (मनु) मेवाडा का घर . अब चर्चा इस बात की हो रही है कि मनु मेवाडा के यहाँ सर्च हुई क्यों ?
इस प्रश्न का जबाव व कारण जानने से पहले एक नजर महेंद्र टाक व मनु मेवाड़ा की समानताओ पर डाल ली जाए –
- दोनों के नाम लगभग एक जेसा है > महेंद्र टाक – महेंद्र मेवाड़ा.
- दोनों कलाल कम्युनिटी से है.
- दोनों का मुख्य व्यवसाय शराब का है.
- दोनों सिरोही (जिला मुख्यालय) के शांति नगर कॉलोनी में रहते है.
- दोनों पड़ोसी है तथा एक ही 25 फीट चोडी गली के दोनों कार्नर पर हाईवे पर दोनों के मकान पास-पास में स्थित है.
- दोनों ही सिरोही की प्रतिष्ठित सख्शियत है.
जन चर्चा के अनुसार इन समानताओ के कारण ही भूलवश मनु मेवाड़ा के यहाँ आयकर सर्च हुई है. जन-चर्चा में निम्न बाते चर्चा में है जिससे शंका होती है कि महेंद्र (मनु) मेवाडा की सर्च गलती से हुई थी जिसे बाद में नियमित (regularise) किया गया है –
- आयकर सर्च टीम को अलसुबह (5.00 – 5.30 प्रात: GPS पर महेंद्र टाक व महेंद्र (मनु) मेवाडा की लोकेशन एक ही दिख रही थी तथा ज्यादा व महंगी गाडिया महेंद्र (मनु) मेवाडा के घर या बाहर थी जिससे सर्च टीम का हमला महेंद्र टाक की जगह महेंद्र (मनु) मेवाडा के घर पर हो गया.
- महेंद्र (मनु) मेवाडा के घर पर आयकर सर्च टीम के हमले के बाद जब गलती का पता चला तब फिर महेंद्र टाक के घर को सर्च के लिए कवर किया गया.
- एक्शन के बाद में क़ानून से अनजान महेंद्र (मनु) मेवाडा के घर की सर्च का सर्च वारंट / Search Warrant (जो कि पूर्व में हस्ताक्षरित लेकिन खाली था) महेंद्र टाक के घर में बेठ कर तेयार किया.
- महेंद्र (मनु) मेवाडा से जुड़े किसी भी अन्य स्थल पर सर्च (रेड) / search / raid नहीं की गयी.
- आयकर सर्च का यह अभियान राजस्थान के आम शराब के व्यवसाइयो के खिलाफ नहीं था बल्कि जेसा दिख रहा है, यह अभियान सिर्फ महेंद्र टाक व उससे जुड़े लोगो के खिलाफ ही था जिसका मनु मेवाडा से कोई लेना देना नहीं था.
- महेंद्र (मनु) मेवाडा के घर पर हुई अचानक सर्च के कारण, सिरोही में एक लोकेशन (3 से बढ़कर 4 हो गई) बढ़ गई थी जिससे स्टाफ की कमी हो गयी. जिसके परिणाम स्वरुप महेंद्र टाक से जुड़े तीसरे स्थान (कार्यालय) पर कार्यवाही प्रात: 11.30 बजे प्रारम्भ हो सकी थी, हालाकि पुलिस का पहरा सुबह 5.30 पर ही लगा दिया गया था.
ऐसा तो पहले भी होता रहा है – वितीय वर्ष 2011-12 में दिनांक 13.07.2011 एक छोटा व्यापारी मार्बल का व्यापारी ‘धनलक्ष्मी मार्बल्स’ के नाम से राजसमन्द में व्यापार करता था. उस समय उस क्षेत्र में परस जी चोरड़िया का ‘धनलक्ष्मी’ नामक बड़ा ग्रुप भी था. जब उस बड़े ग्रुप के कई ठिकानों पर सर्च (रेड) की गयी थी तो मिलते-जुलते नाम के कारण राजसमन्द में ही ‘धनलक्ष्मी मार्बल्स’ के यहाँ पर भी सर्च कर डाली गयी थी. इस मामले को भी बाद में नियमित (regularise) करने का प्रयास किया गया था लेकिन व्यापारी की जागरूकता के कारण संभव नहीं हो सका था. इस छोटे लेकिन होसले वाले बोल्ड व्यापारी के भारी विरोध के कारण आयकर विभाग ने अपनी गलती मानी और अंतत: उस व्यापारी को सर्च के प्रावधानों से मुक्त किया गया था तथा उस फाइल को नियमित वार्ड को भेजा गया था. उस आदेश व सम्बंधित पंचनामा की प्रति यही नीचे सभी पाठको के ज्ञानार्थ संलग्न है.
- कैलाश मूंदड़ा / Kailash Chandra / K.C.Moondra
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