राष्ट्रपति चुनाव: ‘दलित कार्ड’ बनाम ‘किसान कार्ड’ ?
राष्ट्रपति चुनाव: ‘दलित कार्ड’ बनाम ‘किसान कार्ड’ ?
एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के नाम के आगे विपक्ष की बुद्धि कुंद हो गयी है। यूपीए की अगुवाई वाले विपक्ष को उनके मुकाबले कोई मजबूत नाम नहीं मिल रहा है। भाजपा के ‘दलित कार्ड’ के मुकाबले कांग्रेस ‘किसान कार्ड’ खेलना चाहती है, इसलिए किसी ऐसे नाम पर विचार कर रही है जो किसान की पहचान रखता हो।
राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के नामांकन के लिए विपक्ष पिछले कई दिनों से माथापच्ची कर रहा है। राष्ट्रपति चुनाव कांग्रेस के लिए नाक बचाने का सवाल बन गया है। यदि कांग्रेस कोई मजबूत नाम सामने नहीं ला पाती तो कोविंद के नाम पर मुहर लगना तय है। कांग्रेस हरित क्रांति के जनक, कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को राष्ट्रपति चुनाव में उतार सकती है। सूत्रों के मुताबकि स्वामीनाथन कांग्रेस की पहली पसंद हैं। हालांकि, उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए कोई संकेत नहीं दिया है। कंग्रेस उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मना रही है। दरअसल कांग्रेस एनडीए के दलित कार्ड के सामने किसान कार्ड खेलना चाहती है। बता दें कि रामनाथ कोविंद दलित समाज से आते हैं वहीं, एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है। कांग्रेस किसी राजनेता के मुकाबले पीपुल्स प्रेसिडेंट पर ज़ोर दे रही है।
सूत्रों के मुताबिक, एमएस स्वामीनाथन के नाम के जरिए कांग्रेस को शिवसेना का साथ भी मिलने की आस है,अगर ऐसा हुआ तो एनडीए को इससे करारा झटका लगेगा और इससे एनडीए में फ़ूट का सन्देश भी जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि जैसे प्रतिभा पाटिल के खिलाफ बीजेपी भैंरो सिंह को लड़ाकर महिला विरोधी नहीं हुई थी। वैसे ही दलित कोविंद के खिलाफ किसी अन्य को लड़ाने से वो भी दलित विरोधी नहीं हो जाएगी। कांग्रेस मानती है कि इस वक्त अंकगणित पूरी तरह बीजेपी के उम्मीदवार के हक़ में है, इसलिए विपक्ष का उम्मीदवार विचारधारा का प्रतीक मात्र होगा और विपक्षी एकता 2019 के लिए काम आएगी। हालांकि अंतिम फैसला सभी विपक्षी दलों का ही होगा और सभी विपक्षी दल इस पर मिलकर फैसला करेंगे।