आधार स्वयं एक सरकारी समस्या है – आधार में मोबाइल नंबर ऑनलाइन जुड़वाने की व्यवस्था दे सरकार
आधार स्वयं एक सरकारी समस्या है – आधार में मोबाइल नंबर ऑनलाइन जुड़वाने की व्यवस्था दे सरकार
कहने को तो सरकार आधार को एक बहुमूल्य व्यवस्था बताती है लेकिन हकीकत में अधिकाँश मामलों में आधार स्वयं एक लापरवाही युक्त सरकारी समस्या है. सरकार धीरे-धीरे आधार को जगह-जगह अनिवार्य करती जा रही है लेकिन आधार धारको के साथ हुई एक भारी धोखाधडी का इलाज सरकार नहीं कर रही है जिससे आधार होने के बावजूद आधार का वेरिफिकेशन संभव ही नहीं हो पा रहा है. जिस समय आधार थोक में बनाए गए थे, उस समय ठेकेदार कंपनियो ने आधार डेटाबेस में आधार धारको के मोबाइल नंबर की एंट्री ही नहीं की तथा बाद में सरकार मोबाइल नंबर जुड़वाने की ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों व्यवस्था को ही समाप्त कर दिया जिससे यह गंभीर समस्या खड़ी हो चुकी है.
समस्या क्या है : आधार को आयकर / इनकम टैक्स आदि में अनिवार्य जेसा कर दिया गया है लेकिन 50% से भी ज्यादा लोगो का आधार वेरीफाई ही नहीं होता क्योकि आधार में धारक का मोबाइल नंबर है ही नहीं या बदल गया है. तेजी से ऑनलाइन व मॉडर्न होते जा रहे भारत में आधार में मोबाइल नंबर जुड़वाने की कोई ऑनलाइन व ऑफलाइन व्यवस्था तक नहीं है. आधार में कोई भी सुधार बिना आधार सेण्टर गए, ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता लेकिन मोबाइल नंबर नहीं जुड़वाया जा सकता है. अत: मोबाइल नंबर जुड़वाने के लिए धारक को अधिकृत आधार सेण्टर पर ही जाना पड़ता है जो की बहुत ही महँगा व पीड़ादायक है. जम्मू-कश्मीर जेसे पूरे राज्य में मात्र एक आधार सेण्टर है जहा जाने में ही 12-12 घंटे लग जाते है तथा पैसा भी देना पड़ता है.
समस्या का समाधान क्या है : यदि आधार को सफलतम व उपयोगी बनाना है तो –
- सरकार को तत्काल प्रभाव से जगह-जगह कैंप लगवाकर बिना शुल्क लिए सभी के मोबाइल नंबर आधार में जुड़वाने चाहिए तथा
- मोबाइल नंबर जुड़वाने व सुधार करवाने के लिए ऑनलाइन या कम से कम ऑफलाइन व्यवस्था पुन: शुरू करनी चाहिए.
- यदि दोनों ही बाते संभव नहीं हो तो वेरिफिकेशन के लिए मोबाइल नंबर की व्यवस्था समाप्त कर देनी चाहिए.
क्या सरकार से उम्मीद करे : उम्मीद करे देश की जागरूक मोदी सरकार इस समस्या की गंभीरता समझेगी और शीघ्र ही उचित सुविधा उपलब्ध करवायेगी.
सीए के सी मूंदड़ा / कैलाश चंद्रा (CA. K.C.Moondra)