क्यों हांफ जाता है , जीएसटी का सरकारी सॉफ्टवेयर ?
क्यों हांफ जाता है , जीएसटी का सरकारी सॉफ्टवेयर ?
पिछले 24 घंटो में कम से कम तीन बार जीएसटी सॉफ्टवेयर मेंटेनेंस के लिए बंद किया गया तथा इस तरह की बंदी लगभग हर रोज हो रही है. यही नहीं 3 जून के बाद से डिजिटल सिग्नेचर (DSC) वाले बड़े टर्नओवर वाले आवेदक तो डिजिटल सिग्नेचर (DSC) काम में ही नहीं ले पा रहे है यानिकी रजिस्ट्रेशन की ओपचारिकता पूरी नहीं कर पा रहे है. इस तरह से जीएसटी सॉफ्टवेयर बार-बार हांफ जाता है तथा हांफता हुआ ही चल रहा है. यह तो जीएसटी की पहली सीढ़ी का हाल है तो सोचिये आगे क्या होगा ?
इस ‘नए-एडवांस सॉफ्टवेर’ की ऐसी बुरी हालत है लेकिन भारत सरकार फिर भी जबरदस्ती जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करके की अपनी जिद को बार-बार दोहरा रहा कर एक तरह से व्यापारियों को धमका रही है. इस आधुनिक जमाने में यदि किसी कार में कोई कॉमन कमी पायी जाती है तो कार कंपनिया उस लॉट की सारी गाडिया वापिस कॉल कर लेती है जबकि गाडियों को पूरी टेस्टिंग के बाद ही मार्केट में उतारा जाता है. लेकिन हमारे देश के कर्णधारों ने यह जीएसटी सॉफ्टवेयर बिना टेस्टिंग के ही बाजार में उतार दिया और बिना स्थाई मेंटेनेंस किये रोज वापिस बाजार में उतार देती है, जो दर्शाती है कि लोकप्रिय सरकार व्यापारियों के साथ-साथ सॉफ्टवेर के साथ भी ज्यादती कर रही है.
रजिस्ट्रेशन में दिक्कत कहां है : मुझे अच्छी तरह से याद है कि जब सेल्स टैक्स की जगह वैट लाया गया था, तब वैट लागू होने से पहले ही टिन नंबर आबंटित कर दिए गए थे. किसी को रजिस्ट्रेशन में कोई परेशानी ही नहीं आई. इस बार भी भारत सरकार ने सभी व्यापारियों के अस्थाई (Provisional) नंबर आबंटित कर राज्य सरकारों को दे दिये व सॉफ्टवेर में भी डाल दिए, फिर भी रजिस्ट्रेशन की ओपचारिकता को 2 भागो में पूरा करवा रही है जिसके लिए जीएसटी सॉफ्टवेयर शत-प्रतिशत तेयार ही नहीं है. इस हालत में व्यापारी एक तरफ व्यापार बंद होने से परेशान है तो दूसरी तरफ रजिस्ट्रेशन के अटकने से. लगभग 75% व्यापारियों ने पहला भाग पूरा कर लिया लेकिन अधिकाँश मामलों में दूसरा भाग अटका पडा है.
रजिस्ट्रेशन अटकने के और क्या सरकारी कारण है : रजिस्ट्रेशन अटकने के मुख्य कारण है – जीएसटी सॉफ्टवेयर की धीमी गति, इन्टरनेट की धीमी गति, पैन कार्ड व आधार कार्ड में मिलान नहीं होना व डिजिटल सिग्नेचर (DSC) की अपलोडिंग का फ़ैल होना आदि. भारत सरकार को जीएसटी को अनिवार्य करना है , जीएसटी के लिए पैन कार्ड अनिवार्य करना है तथा आधार को भी लेकिन पेन कार्ड व आधार के मिसमैच को ख़त्म करने लिए कुछ भी नहीं किया गया क्योकि नेताओं के साथ-साथ सरकारे भी यही मानती है व्यापारी तो उस गाय के सामान है जो दूध भी देगी और डंडा भी खायेगी – सीए के.सी.मूंदडा