भारत भ्रष्टाचार मुक्त ( Corruption Free India ) हो सकता है – लेकिन केसे ?
भारत भ्रष्टाचार मुक्त ( Corruption Free India ) हो सकता है – लेकिन केसे ?
मेरा लिखा नब्बे के दशक में देश के कई राष्ट्रीय अखबारों एक आर्टिकल प्रकाशित हुआ था – “ भारत में भ्रष्टाचार लाइलाज नहीं “. इस लेख में मेने मेरी रिसर्च से यह बताने का प्रयास किया था कि भारत में भ्रष्टाचार लाइलाज बीमारी नहीं यानिकी भ्रष्टाचार का इलाज संभव है. अब तो हालात इतने बदल चुके है कि भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना पहले के मुकाबले बहुत ही आसान हो गया है लेकिन केसे, यही है यक्ष प्रश्न ?
मेरी मान्यता है कि बीमारी कोई भी हो, उसका इलाज तब ही संभव है जब उसका diagnosis सही हो सके. और यदि बीमारी के पैदा होने के कारण का पता लग जाए, तो उस बीमारी को भविष्य के लिए जड-मूल से समाप्त किया जा सकता है. यही हालत भ्रष्टाचार नामक बीमारी का है, यदि उसका सही और सटीक कारण पता तो हो और शासक (डॉक्टर) इमानदार हो, भ्रष्टाचार का स्थाई इलाज संभव है.
भ्रष्टाचार का कारण क्या है यानिकी भ्रष्टाचार की जड़ (Root Of Corruption) कहा है ? : कश्मीर से कन्याकुमारी व गुजरात से आसाम तक जितने भी केन्द्रीय या राज्य स्तरीय क़ानून लागू है, उन सब कानूनों के चरित्र में एक गहरी समानता (Common Character) है. और वह है – “ देश का हर क़ानून देता है, देश की जनता को जिम्मेदारी और अधिकारियों को अधिकार, इसीलिये पैदा होता है भ्रष्टाचार “.
क्या लोकपाल से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा ? : देश में लोकपाल के नाम से कई आन्दोलन चले और उससे एक नई पार्टी बनाकर सता तक पहुच चुकी है लेकिन लोकपाल का कही अता पता ही नहीं. हकीकत तो यह है कि ‘लोकपाल’ शब्द भी अपने आप में एक नारा व एक राजनीतिक हथियार बन चुका है. यदि लोकपाल लागू भी हो जाता तो देश में कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता क्योकि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए वर्तमान क़ानून भी काफी मजबूत है लेकिन उसका इश्तेमाल देश की 99.9% जनता उसका इश्तेमाल कर ही नहीं सकती. लोकपाल से भ्रष्टाचार पर मामूली सी कमी हो सकती है इससे भ्रष्टाचार कभी समाप्त नहीं हो सकता. अत: लोकपाल भी एक तरह का लाइसेंसधारी बन्दुक ही जिसे लोगो को दिखा=दिखा कर सिर्फ खुश ही होया जा सकता है.
क्या आर.टी.आई. से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा ? : आर.टी.आई. दिया भले ही कांग्रेस ने हो लेकिन आर.टी.आई. न तो कांग्रेस की पसंद है और न ही भाजपा की. आज की भाजपा सरकारे व देश के कई बड़े-बड़े संस्थान आर.टी.आई. को कमजोर करना चाहती है और प्रयासरत भी है. लेकिन यह भी तय है कि आर.टी.आई. से देश से भ्रष्टाचार समाप्त तो नहीं हो सकता, कम भी नहीं हो सकता क्योकि देश की 99% जनता अपने इस अधिकार के बारे में कुछ भी नहीं समझती है. हालाकि मेरी व्यक्तिगत मान्यता है कि आर.टी.आई. भी भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक सशक्त हथियार बन सकता है, लेकिन इससे भी मामूली सी सफलता ही मिल सकती है क्योकि अभी तक इस क़ानून को भी काफी कमजोर कर दिया गया है.
क्या कंप्यूटरीकरण व डिजिटल संसार से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा ? : नब्बे के दशक से आज तक बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया है. अब कंप्यूटर युग आ चुका है, अत: कंप्यूटर का अधिक से अधिक उपयोग करके भी भ्रष्टाचार को काफी कम किया जा सकता है. लेकिन कंप्यूटर बनाने व चलाने वाले दोनों ही इंसान ही है. फिर भी जितना ज्यादा सरकारी काम ऑनलाइन होगा, उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार काफी कम होगा. क्योकि कंप्यूटर चलाना मतलब शिक्षा और शिक्षा से इंसान में जागृति आती है.
तो सम्पूर्ण भ्रष्टाचार मुक्ति का रास्ता क्या है ? : मैने ऊपर ही लिखा है “ देश का हर क़ानून देता है, देश की जनता को जिम्मेदारी और अधिकारियों को अधिकार, इसीलिये पैदा होता है भ्रष्टाचार “. बस ये ही वो क़ानून है जिसमे “देश की जनता को जिम्मेदारी के साथ-साथ दिए जाए अधिकार और अधिकारियों को अधिकार के साथ-साथ दिए जाए जिम्मेदारी ” जिससे रूक जाएगा, समाप्त हो जाएगा- भ्रष्टाचार. यानिकी हर क़ानून में अधिकारी को अधिकार के साथ-साथ जिम्मेदारी भी दी जाए और जिम्मेदारी पूरी नहीं करने पर जनता को अधिकारी को दण्डित करने का अधिकार दिया जाए, तो भ्रष्टाचार भाग जाएगा. कुल मिलाकर प्रत्येक क़ानून में ही ये सब व्यवस्थाये इनबिल्ट (Inbuilt) होने से भ्रष्टाचार स्वत: समाप्त हो जाएगा जबकि वर्त्तमान में सभी कानूनों में अधिकारियों व नेताओं को संरक्षण दे रखा है.
- सीए के.सी.मूंदड़ा / कैलाश चंद्रा