Wednesday, December 18, 2022

क्या रिज़र्व बैंक (RBI) फिर से नोट-बंदी (Demonetization) या नोट-कमी करेगी ?  

क्या रिज़र्व बैंक (RBI) फिर से नोट-बंदी (Demonetization) या नोट-कमी करेगी ?

(इस विषय का विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Click here to see Video) 

1. आप मे से कुछ लोगो ने इस नया भारत चैनल का पिछला विडियो देखा होगा.

2. विषय था – रोकड़ लेनदेन (Cash Transactions) पर कौन सी 17 पाबंदियो से भी फेली आर्थिक मंदी (Recession) ?

3. जिन्होंने नहीं देखा है, यही दिए गए लिंक ( https://youtu.be/qngRcIT1wqA )पर क्लिक करके  अवश्य देखले, क्योकि आज के विषय को ठंग से समझने के लिए पिछला विडियो बहुत ही important है.

4. रोकड़ लेनदेन पर 17 पाबंदियो का क्या अर्थ या उद्देश्य है –

A. सरकार ने करचोरी व काले धन पर नियंत्रण के उद्देश्य से ये पाबंदिया लगाई.

B. सरकार नहीं चाहती कि रोकड़ व्यवहार हो.

C. जेसा सरकार चाहती है, कुछ वेसा हो भी रहा है – Cash Less India – cash transaction को कम से कम करना.

D. जो भी रोकड़ व्यवहार करेगा, उसे सरकार दण्डित करना चाहती है जिससे सारा पैसा बैंक में जमा होगा.

E. तब अधिकाँश पैसा बैंक में ही पडा रहेगा क्योकि रोकड़ व्यवहार होंगे ही नहीं.

 

5. परिणाम स्वरुप देश में पेपर करेंसी की बहुत कम जरूरत होगी.

6. जिससे रिज़र्व बैंक को नए नोट को छापने की जरूरत ही नहीं रहेगी.

7. हो सकता है वर्त्तमान करेंसी भी बहुत ज्यादा होगी,

8. ऐसी स्थिति में करेंसी पर रिज़र्व बैंक केसे नियंत्रण करेगी ?

9. दो संभावित तरीके –

(a) पहला – नए नोट छापना बंद करेगी या करेंसी वापिस खींच लेगी (नोट-कमी) और

(b) दूसरा – फिर भी यदि करेंसी बहुत ज्यादा लगेगी तो वर्त्तमान प्रचलित नोट खासतोर 2000 का नोट बंद करेगी (नोट-बंदी).

10. देश की दबंग मोदी सरकार कुछ भी करने की क्षमता रखती है, अत: इस बात की बड़ी संभावना रहेगी –

(a) यदि आर्थिक मंदी की चिंता है, तो रोकड़ व्यवहार से जुडी अधिकाँश पाबंदिया हटा देगी या

(b) यदि आर्थिक मंदी की परवाह नहीं  है, तो नोट प्रचलन से कम करवा देगी – नोट बंदी या नोट-कमी (नए नोट नहीं छापकर या बड़े नोट वापिस खींच कर) करके.

(c) ऐसी स्थिति में मोदी सरकार की रिकॉर्ड तोड़ दूसरी नोट बंदी देखने को मिल सकती है.

 

 

Related Post

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सहकारी घोटालो में से एक और मल्टी स्टेट क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी का घ...

देश की अर्थ-व्यवस्था का भट्टा बैठाने में सहयोगी अनेको सहकारी घोटालो में से एक और मल्टी स्टेट क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी का घोटाला.   Related ...

SiteLock