Friday, November 29, 2019

नोटबंदी / नोट बदली फ़ैल क्यों हुई और अब अर्थ-व्यवस्था केसे सुधर सकती है – नया भारत  

नोटबंदी / नोट बदली  फ़ैल क्यों हुई और अब अर्थ-व्यवस्था केसे सुधर सकती है – नया भारत 

अब तो यह छुपा हुआ तथ्य नहीं है कि नोटबंदी / नोट बदली  भी देश की अर्थ व्यवस्था का हुलिया बिगाड़ने का बहुत बड़ा कारण बना है, यह अलग बात है कि सरकार व सत्तासीन नेता कभी भी इस सच्चाई को ईमानदारी से स्वीकार नहीं करेंगे कि आज देश की अर्थ व्यवस्था बहुत ही खस्ता हालत में है.

इस सम्बन्ध में आज कल  फेस बुक पर सबसे सक्रिय ग्रुप “ Naya Bharat – नया भारत ” के एडमिन श्री कैलाश चंद्रा जी से नोटबंदी / नोट बदली  सम्बन्ध में उनकी राय व सुझाव जानने चाहे. उनको पूछे गए तीन सवाल और उनके उत्तर यहाँ नीचे दिए जा रहे है –

प्रश्न : नोटबंदी / नोट बदली फ़ैल क्यों हुई  ?

उत्तर : (क) क्योकि नोटबंदी / नोटबदली एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था बल्कि यह एक राजनीतिक निर्णय था, ……………………………….. (ख) क्योकि नोटबंदी / नोटबदली का निर्णय एक साम्यवादी फेसला था जो एक दक्षिण पंथी पार्टी के नेता द्वारा लिया गया था,

(ग) क्योकि नोटबंदी / नोटबदली एक गेर-जरूरी, अनावश्यक व नासमझी पूर्ण कार्यवाही थी, जो राजनेताओं द्वारा की गयी थी जिन्हें अर्थशास्त्र, कर-कानूनों , बैंकिंग व्यवहार व अधिकारी, काला धन की प्रकृति, राजनेताओं की ताकत व आम जनता की आर्थिक सोच के बारे में गहरी जानकारी नहीं थी,

(घ) क्योकि  नोटबंदी / नोटबदली कार्यवाही की घोषणा व  क्रियान्वयन बिना किसी तेयारी व प्लानिंग के किया गया था व

(च) जिन लिखित / घोषित उद्देश्यों (काला धन, आतंकवाद व नकली नोट) के लिए नोटबंदी की गयी थी, उन उद्देश्यों के लिए इस तरह की नोटबंदी की आवश्यकता ही नहीं थी.

प्रश्न : नोटबंदी / नोट बदली से देश को हासिल क्या हुआ ?

उत्तर : (क) इस नोटबंदी / नोटबदली से देश को वही हासिल हुआ जो एक पुराने टूटे हुए पूल पर से राजनीतिक निर्णय के तहत हाई स्पीड को  ट्रेन चलाने से होने वाली बड़ी दुर्घटना से किसी भी देश को मिलता है. ट्रेन दुर्घटना से ट्रेन पटरी तोड़कर नदी में गिरकर बेपटरी हो जाती है, वही नोट बंदी से अर्थ व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है.

(ख) ट्रेन दुर्घटना से पूरी रेल तन्त्र को पुन: पटरी पर आने के लिए समय लगता है, ठीक उसी तरह नोटबंदी / नोटबदली से देश की बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को पुन: पटरी पर आने में अभी काफी समय लगेगा.

प्रश्न : नोटबंदी / नोट बदली से बिगड़े हालात से देश केसे उबर सकता है ?

उत्तर : मात्र व्यापार-वाणिज्य को इमानदारी से सकारात्मक प्रोत्साहन देकर, देश को आयकर से मुक्त करके  व देश की पूरी व्यवस्था को सरलीकृत करके इस देश की अर्थ व्यवस्था को नई उच्चाईया दी जा सकती है.

Related Post

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सहकारी घोटालो में से एक और मल्टी स्टेट क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी का घ...

देश की अर्थ-व्यवस्था का भट्टा बैठाने में सहयोगी अनेको सहकारी घोटालो में से एक और मल्टी स्टेट क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी का घोटाला.   Related ...

SiteLock