Saturday, April 6, 2019

पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्रों (Election Manifestos) के लिए पार्टिया जिम्मेदार नहीं.  

पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्रों (Election Manifestos) के लिए पार्टिया जिम्मेदार नहीं.

 

नया भारत पार्टी (Naya Bharat Party) के अध्यक्ष श्री कैलाश चंद्रा (Kailash Chandra) के आवेदन पर चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा जारी एक आर.टी.आई. आदेश के अनुसार, भारत की राजनीतिक पार्टियों द्वारा जारी घोषणा पत्रों के लिए पार्टियों की कोई जिम्मेदारी नहीं है लेकिन मजे की बात यह है कि देश की राजनीतिक पार्टिया वोट बटोरने के लिए इन सच्चे-झूठे चुनावी घोषणा पत्रों / वादों से देश के मतदाताओं को लुभाती व ललचाती है और एक तरह से मतदाताओं के साथ धोखा-धड़ी भी करती है.

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 2013 में दिए गए एक फेसले में चुनाव आयोग को निर्देशित किया गया था कि वो चुनावी घोषणा पत्रों (Election Manifestos) पर नियम बनाए. उस फेसले का ओपचारिक रूप से पालन करने के लिए चुनाव आयोग ने मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट (Model Code Of Conduct) में मात्र क्लॉज़ VIII (VIII Guidelines on Election Manifestos) के जरिये चुनावी घोषणा पत्रों के लिए कुछ नाम मात्र की गाइडलाइन्स जारी की गयी.

इस गाइडलाइन्स में मुख्य लेकिन नाम मात्र की दो बाते कही गयी है. (क) चुनावी घोषणा पत्र मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट के प्रावधानों व उसकी भावना के विरूद्ध नहीं होना चाहिए (The election manifesto shall not contain anything repugnant to the ideals and principles enshrined in the Constitution and further that it shall be consistent with the letter and spirit of other provisions of Model Code of Conduct.) तथा (ख) असंभव वादे नहीं किये जाने चाहिए (Trust of voters should be sought only on those promises which are possible to be fulfilled.)

लेकिन इस आर.टी.आई. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि आदर्श आचार संहिता (Model Code Of Conduct) को कोई वैधानिक समर्थन हासिल नहीं है तथा चुनावी घोषणा पत्र कानूनी रूप से लागू नहीं करवाए जा सकते है (The Model Code Of Conduct does not have a statutory backing. Further manifestos are not legally enforceable). इस स्थिति में चुनावी घोषणा पत्र के लिए किसी को भी जिम्मेदार ठहराना असंभव है. 

इस आर.टी.आई. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि चुनावी घोषणा पत्र का अनिवार्य या स्वेच्छिक रजिस्ट्रेशन (Registration of Election Manifesto) करवाने का कोई प्रावधान नहीं है तथा किसी भी झूठे चुनावी घोषणा पत्र के लिए मतदाता के अधिकारों को माँगने या कार्यवाही करने संबंधी कोई भी प्रावधान भारतीय चुनावी कानूनों में नहीं है (There are no provisions available in the present elections laws in these regards). यह भी स्पष्ट किया गया कि चुनावी घोषणा पत्र को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाने की की कोई योजना नहीं है (No such proposal is being considered by the Commission at present). 

Report by Manish Mewara (मनीष मेवाड़ा)

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