‘बेनामी सम्पति’ (Benami Property) व ‘बेनामी संव्यवहार’ (Benami Transaction) में क्या क्या शामिल है (बेनामी भाग-2)
‘बेनामी सम्पति’ (Benami Property) व ‘बेनामी संव्यवहार’ (Benami Transaction) में क्या क्या शामिल है (बेनामी भाग-2)
न्यूज़ क्लब पर ‘बेनामी’ पर प्रकाशित पिछला लेख (भाग-1) आपने पढ़ा होगा जिसमे आपने बेनामी सम्पति (Benami Property), बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction), बेनामी आय (Benami Income), बेनामी व्यक्ति – बेनामीदार (Benami Person – Benamidar), बेनामी सम्पति / बेनामी व्यवहार / बेनामी आय का लाभकारी (लाभार्थी) स्वामी (Beneficial Owner) आदि शब्दों व बेनामी क़ानून के इतिहास के बारे में परिचयात्मक तथ्य पढ़े होंगे.
आज बेनामी सम्पति (Benami Property) व बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) संबंधी ताजा कानूनी स्थिति आपको इस लेख में पढ़ने को मिलेगी. कानूनी स्थिति समझने से पहले एक बार पुन: समझले कि नया प्रभावी बेनामी क़ानून ‘The Prohibition Of Benami Property Transactions Act, 1988 (10 अगस्त, 2016 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत) व The Prohibition Of Benami Property Transactions Rules, 2016 भारत में 01 नवंबर, 2016 से लागू हो चुके है.
बेनामी सम्पति (Benami Property) : बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) की विषय वस्तु (subject matter) को ही बेनामी सम्पति (Benami Property) माना गया है.
बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) : बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) को The Prohibition Of Benami Property Transactions Act, 1988 की धारा 2(9) में प्रभाषित किया गया है. इस परिभाषा के अनुसार निम्न संव्यवहार (Transaction) बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) में सम्मिलित किये गए है –
(अ) ऐसा संव्यवहार (Transaction) या ठहराव ((Arrangement)
(क) जिसमे यदि किसी व्यक्ति को कोई सम्पति का अंतरण किया जाता है या अन्यथा ऐसे व्यक्ति द्वारा कोई सम्पति धारित की जाती है जिसका भुगतान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया या उपलब्ध कराया गया. उदाहरण – किसी भी प्रॉपर्टी के व्यवहार में प्रॉपर्टी की बेचान रजिस्ट्री A के पक्ष में हुई है तथा उसका भुगतान B द्वारा किया गया है. ऐसी स्थिति में यह बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) हुआ तथा यह प्रॉपर्टी B की बेनामी सम्पति (Benami Property) कहलायेगी, भले ही A व B पति पत्नी हो.
(ख) जिसमे यदि कोई भी व्यक्ति उस व्यक्ति के तत्काल या भावी तथा अप्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ के लिए कोई सम्पति धारित करता हो जिसने उस सम्पति का प्रतिफल / मूल्य चुकाया हो. उदाहरण – A ने अपनी खरीदी हुई सम्पति B के नाम गिफ्ट के जरिये अंतरित कर दी जिसका व्यवहारिक व वास्तविक मालिक / लाभार्थी A ही रहता है तो यह प्रॉपर्टी A की बेनामी सम्पति (Benami Property) कहलायेगी.
लेकिन कुछ शर्तो के साथ, निम्न बेनामी संव्यवहार (Benami Transaction) को इस नए क़ानून से छुट प्राप्त रहेगी –
- सयुक्त हिन्दू परिवार के सदस्य के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान सयुक्त हिन्दू परिवार के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- पत्नी के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान पति के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- पति के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान पत्नी के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- संतान (बच्चो) के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान माता-पिता के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- बहन (Sister) के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान भाई (Brother) के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- भाई (Brother) के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान बहन (Sister) के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- वंशज (जेसे- पोता-पोती आदि) के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान पूर्वपुरूष (जेसे- दादा-दादी आदि) के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- पूर्वपुरूष (जेसे- दादा-दादी आदि) के नाम की गयी / खरीदी की गयी कोई भी सम्पति जिसका भुगतान वंशज (जेसे- पोता-पोती आदि) के ज्ञात स्रोत्र से किया गया / उपलब्ध करवाया गया हो.
- यदि कोई भी सम्पति निम्न व्यक्तियों द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति के लिए / के लाभ के लिए अपने नाम से फिडूसिअरी कैपेसिटी (Fiduciary Capacity) में धारित रखता है-
- ट्रस्ट का ट्रस्टी (न्यासी) – Trustee
- किसी भी क़ानून / कानूनी दस्तावेज के अनुसार का निष्पादक (निष्पादंनकर्ता – Executor)
- भागीदारी फर्म का भागीदार (Partner)
- कंपनी का निदेशक (Director Of Company)
- डिपाजिटरी (Depository) व डिपाजिटरी का एजेंट (Depository Agent) / निक्षेपागार व निक्षेपागार का कोई अभिकर्ता .
- केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित कोई भी व्यक्ति.
(आ) ऐसे संव्यवहार (Transaction) या ठहराव ((Arrangement) जो किसी झूठे / काल्पनिक नाम ( Fictitious Name) से किये गए हो.
(इ) ऐसे संव्यवहार (Transaction) या ठहराव ((Arrangement) जो किसी ऐसे व्यक्ति के नाम से किया गया जो उसकी बिना जानकारी व बिना इजाजत से किये गए हो. उदाहरण – A के नाम से B ने एक एफडीआर (FDR) / जमाबंदी (Deposit) करवा दी गयी जिसकी जानकारी A को नहीं है या बिना A की इजाजत के एफडीआर (FDR) / जमाबंदी (Deposit) करवा दी गयी हो.
(ई) ऐसे संव्यवहार (Transaction) या ठहराव ((Arrangement) जो किसी झूठे / काल्पनिक व्यक्ति के द्वारा किये गए है जिसका कोई पता-ठिकाना नहीं लग रहा है. उदाहरण – A के नाम से B ने एक एफडीआर (FDR) / जमाबंदी (Deposit) करवा दी गयी लेकिन B नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं है या B का कोई पता-ठिकाना नहीं लग रहा है.
अपवाद – यदि किसी भी सम्पति के सोदे के आंशिक क्रियान्वयन (Part performance) के कारण बेनामी नहीं मानी जायेगी यदि सम्बंधित एग्रीमेंट (Agreement) रजिस्टर्ड हो तथा स्टाम्प ड्यूटी पूरी चुका दी गयी हो.
लेखक : सीए. मुकुल मूंदड़ा
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