राजस्थान के मंत्रीपद से नवाजे सुमेरपुर के विधायक द्वारा अजीब शिलान्यास – त्वरित विकास का नमूना.
राजस्थान के मंत्रीपद से नवाजे सुमेरपुर के विधायक द्वारा अजीब शिलान्यास – त्वरित विकास का नमूना.
परसों दिनांक 04.11.2017 को राजस्थान की भाजपानीत सरकार के मंत्रीपद से नवाजे सुमेरपुर के विधायक ने एक अजीब व रोचक उदघाटन कर डाला. राजस्थान राज्य की भाजपा सरकार को लगभग 4 साल पूरे करने पर ध्यान आया कि अगले वर्ष 2018 में चुनाव होने वाले है अत: अब त्वरित गति से विकास कार्य होने चाहिए.
सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र की सुमेरपुर – तख्तगढ़ रोड की 4 वर्ष से घायल व अधमरी सड़क का विकास करने के लिए इसकी भारी मरम्मत आवश्यक थी और वोट माँगने का समय भी नजदीक आ गया है. अत: त्वरित गति से विकास करने के किये माननीय मंत्रीपद से नवाजे सुमेरपुर के विधायक ने सड़क के पुन: डामरीकरण का ही शिलान्यास कर डाला. शिलान्यास भी इतना विशेष और अजीब कि न तो कंक्रीट का एक दाना था और न ही एक बूँद डामर और न ही कोई मशीन या औजार, फिर भी शिलान्यास हो गया.
शिलान्यास किया केसे : अब यह भी रोचक किस्सा है कि पहले से ही बनी सड़क का फिर शिलान्यास हुआ केसे. माननीय विधायक जी ने सोचा कि शिलान्यास तो संभव ही नहीं है तो उन्होंने “नाम पट्टिका शिला” का अनावरण कर पूरी रोड का ही शिलान्यास कर डाला.
अमरत्व प्राप्ति का प्रयास है, यह शिलान्यास : आजकल हर नेता अमरत्व की प्राप्ति में लगा है. विधायक जी को भी लगा कि इस 40 साल पुरानी सड़क पर अभी तक किसी ने भी अपने आप को अमर नहीं किया और पूरी सड़क खाली पडी है, तो क्यों नहीं शिला लेख लगाकर खुद ही अमर हो जाए. अब जब 2-4 साल बाद जब पुन: डामरीकरण होगा तब कुछ सालो में शिला लेखो की लम्बी लाइन लग जायेगी. विधायक जी ने शिला लेखो के विकास का एक नया रास्ता खोज डाला जो कि अन्य सभी नेताओं के लिए अनुकरणीय हो सकता है.
शिलान्यास समारोह का समापन केसे हुआ : रोचकता अभी समाप्त नहीं हुई है. रविवार, 05.11.2017 जब मोका देखा गया तो पता चला कि शिला लेख अपने स्थान पर नहीं है. ज्यादा पास में जाकर देखने से स्पष्ट हुआ कि शिलालेख को सीमेंट से फिक्स ही नहीं किया गया था बल्कि सिर्फ फोटोग्राफी के लिए ऐसे ही खडा किया था जिससे अखबारों में फोटो भी छप गयी और विकास की खबर भी बन गयी.
अग्र जांच में पता चला कि तथाकथित शिलान्यास समारोह के बाद हाथोहाथ उस ग्रेनाईट पत्थर के शिला लेख को वहा से हटा कर शिलान्यास दल के साथ ही प्रस्थान करवा दिया गया और किसी सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया. एसा क्यों किया गया है, वह अपने आप में एक बड़ा रहस्य है. इस खबर के नीचे दोनों शिला लेख जनता की जानकारी के लिए प्रस्तुत किये जा रहे है.
इसे कहते है विकास : विकास हो या नहीं, अखबारों में खबर आ जानी चाहिए. इस क्षेत्र की 4 साल से दुखी जनता शिलान्यास की खबर से उम्मीदे लगाए बेठी है कि चलो कोई बात नहीं, चुनाव से पहले तो मरम्मत हो जायेगी ही और नेताजी भी खुश कि उन्हें इस 40 वर्ष पुराणी सड़क का एक और उदघाटन का मौक़ा भी मिल जाएगा.