Wednesday, April 10, 2019

आयकर अथॉरिटी गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर सकता है – Income-tax Authority may issue Arrest Warrant !  

आयकर अथॉरिटी गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर सकता है – Income-tax Authority may issue Arrest Warrant !

आयकर विभाग के अधिकारियों के कई अधिकारों के बारे हम सुनते रहते है लेकिन एक बहुत ही गम्भीर अधिकार के बारे में बहुत कम सुना गया है. क्या कोई आयकर विभाग का अधिकारी किसी कर दाता के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है ? आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के गहन अध्ययन से पता चलता है कि कुछ आयकर अथॉरिटी विशेष परिस्थितियों में किसी करदाता के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है. 

कौन-कौन सी आयकर अथॉरिटी गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकते है (Which Income-tax Authority may issue Arrest Warrant) : पूरे आयकर क़ानून में कई अधिकारियों को कई तरह के अधिकार दिए गए है लेकिन गिरफ्तारी वारंट (Arrest Waarant) जारी करने का अधिकार मात्र दो तरह के अधिकारियों के पास ही उपलब्ध है –

  1. आयकर अथॉरिटी जिसने आयकर अधिनियम के किसी भी प्रावधान के तहत किसी भी अनिवार्य उपस्थिति के लिए सम्मन जारी किया हो (Officer issued summon under any provision of the Income-tax Act, 1961).
  1. (आय) कर वसूली अधिकारी – (income)Tax Recovery Officer.  

सम्मन के मामले में क्या है गिरफ्तारी वारंट का क़ानून (Law of Arrest Waarant in Summon Cases) :  आयकर अधिनियम की धारा 131 (Sec. 131 of the Income-tax Act, 1961) सपठित कोड ऑफ़ सिविल प्रोसीजर,1908 की धारा 27 से 32 के तहत किसी भी करदाता या गवाह की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए (To enforce / compel the attendance) सक्षम आयकर अथॉरिटी (Competent Income-tax Authority) ने सम्मन जारी किया हो और करदाता या गवाह सम्मन की पालना नहीं कर रहा हो (Disobeyance of summon). ऐसी स्थितियों में आयकर अथॉरिटी को कोड ऑफ़ सिविल प्रोसीजर,1908 की धारा 32 (Section 32 of Code Of Civel Procedure, 1908) निम्न अधिकार उपलब्ध रहते है –

  • गिरफ्तारी वारंट जारी करना (Issue a warrant for his arrest).
  • अवज्ञाकारी करदाता या गवाह की सम्पति को कुड़क करना और बेचना (Attach and sell his property).
  • दण्ड (Fine) लगाना (Impose a fine upon him).
  • उपस्थिति के लिए जमानत प्रस्तुत के लिए आदेश देना और जमानत प्रस्तुत करने में डिफ़ॉल्ट की स्थिति में सिविल जेल का आदेश देना (Order him to furnish security for his appearance and in default commit him to the civil prison).

 

(आय) कर वसूली अधिकारी द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करना Law of Arrest Waarant in Recovery Cases)  : किसी भी व्यक्ति से आयकर – लम्बे समय से बकाया है, तो कर वसूली अधिकारी ऐसे बकायादार करदाता के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है लेकिन आयकर अधिनियम की अनुसूची-II के नियम 73 के अनुसार निम्न स्थितियों में ही गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है –

  • यदि बकायादार करदाता वसूली प्रक्रिया को बाधित करता है और बेईमानी से अपनी सम्पति को छिपाता, हटाता है या ट्रान्सफर करता हो (that the defaulter, with the object or effect of obstructing the execution of the certificate, has, after  the drawing up of the certificate by the Tax Recovery Officer, dishonestly transferred, concealed, or removed any part of his property).
  • यदि बकायादार करदाता चुकाने की क्षमता होने के बावजूद, आयकर नहीं चुकाता हो या मना करता हो या ध्यान नहीं देता हो (that the defaulter has, or has had since the drawing up of the certificate by the Tax Recovery Officer, the means to pay the arrears or some substantial part thereof and refuses or neglects or has refused or neglected to pay the same) .

 

सारांश : साधारणतया ऐसा माना जाता है कि आयकर विभाग के पास आयकरदाता को गिरफ्तार करवाने का अधिकार नहीं है होता लेकिन उपरी विवेचन से स्पष्ट है कि सक्षम आयकर अथॉरिटी के पास भी गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार है.

लेखक : सीए कैलाश चंद्रा (CA. K.C.Moondra)

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