Saturday, August 10, 2019

जबावदारी से दूर भागता भारतीय रेलवे, आर.टी.आई के प्रति बेरहम .  

जबावदारी से दूर भागता भारतीय रेलवे, आर.टी.आई के प्रति बेरहम .

 

13.07.2018 को न्यूज़ क्लब पर “जवाई बांध रेलवे स्टेशन (Jawai Bandh Railway Station) प्लेट-फॉर्म नंबर 2 व संभावित दुर्घटनाओ के लिए जबावदार कौन ?” शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की थी और फेस बुक पर भी पोस्ट प्रकाशित की गई थी और उस आर.टी.आई. आवेदन के तथ्यों को सभी देश वासियों के सामने रखा लेकिन ‘भारतीय रेलवे’ अपनी जबावदारी की अनदेखी कर रहा है और उस आर.टी.आई. को बेरहमी से वापिस लोटा दी.

हुआ यो था कि नया भारत पार्टी के अध्यक्ष कैलाश चंद्रा ने उस आर.टी.आई. आवेदन दिनांकित 13.07.2018 को ‘जवाई बांध रेलवे स्टेशन मास्टर’ के पास भेजा था जिसे रेलवे स्टेशन मास्टर द्वारा नियमानुसार 15.07.2018 को मंडल रेल प्रबंधक अजमेर को भेज दिया गया. यह आवेदन मंडल रेल प्रबंधक अजमेर को 25.07.2018 को मिलना बताया और 25.07.2018 को ही मंडल रेल प्रबंधक अजमेर ने उस आवेदन को नया भारत पार्टी के अध्यक्ष कैलाश चंद्रा को लोटा दिया जो कि 27.07.2018 आवेदक के पास पहुच गया .

भारतीय रेलवे की सक्रियता / फर्जीवाड़ा देखे : 25.07.2018 को मंडल रेल प्रबंधक, अजमेर द्वारा लोटाया आर.टी.आई. आवेदन नया भारत पार्टी के अध्यक्ष कैलाश चंद्रा को 27.07.2018 को यानीकि मात्र 2 दिन में मिल गया लेकिन ‘जवाई बांध रेलवे स्टेशन मास्टर’ द्वारा 15.07.2018 को भेजा आवेदन मंडल रेल प्रबंधक, अजमेर को 25.07.2018 को प्राप्त होना बताया यानिकी 10 दिन लगे. कल्पना करे क्या लगभग 200 किलोमीटर दूरी पर स्थित जवाई बांध (सुमेरपुर) राजस्थान से अजमेर (राजस्थान) पहुचने में 10 दिन लग सकते है ? जी नहीं, लेकिन रिकॉर्ड में जानबुझकर फर्जीवाड़ा किया जाता है और किया गया है क्योकि ऐसे अधिकारी भारतीय आर.टी.आई. क़ानून की इज्जत ही नहीं करना चाहते.

आर.टी.आई. आवेदन क्यों लोटाया ? : मूल बात तो यह है कि ऐसे अधिकारी आर.टी.आई. क़ानून की इज्जत ही नहीं करते. तथ्य यह है कि आवेदन के साथ रू. 10/- का पोस्टल आर्डर भेजा गया था जिसमे प्राप्त कर्ता का नाम लिखा गया था – PAY TO केन्द्रिय लोक सूचना अधिकारी _______________________________________ को. इसमे खाली जगह इसलिए छोडी गयी ताकि सम्बंधित अधिकारी सम्बंधित खाता या प्राप्तकर्ता का नाम स्वयं भरले. लेकिन मंडल रेल प्रबंधक अजमेर ने यह कहते हुए आवेदन लोटा दिया कि पोस्टल आर्डर  में पता सही नहीं लिखा गया. मान भी ले, पता सही नहीं था तो एक और सही पते वाला पोस्टल आर्डर मंगवा कर कमी दूर करवा लेते लेकिन आर.टी.आई. क़ानून  के प्रति बेरहम मंडल रेल प्रबंधक, अजमेर ने पूरे आवेदन को ही लोटाना रेलवे और देश के हित में समझ रहे है.

यहाँ पर एक और उल्लेखनीय तथ्य है कि पोस्टल आर्डर में भुगतान करने वाले पोस्ट ऑफिस का नाम भी खाली रखा गया ताकि रेलवे अथॉरिटी अपनी सुविधा वाले पोस्ट ऑफिस का नाम भर ले लेकिन पोस्ट ऑफिस का नाम वाले इस खाली स्थान पर मंडल रेल प्रबंधक अजमेर ने कोई आपत्ति नहीं की और शायद अगली बार में यह आपत्ति उठाकर आर.टी.आई. आवेदन को एक बार और लोटा दिया जाए.    

आखिर समस्या का हल केसे होगा ? : हिन्दी के एक बहुत ही पुराने व गंभीर दोहा करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान’ पर विश्वास रखे. पुन: दूसरा आर.टी.आई. आवेदन भेजा जाएगा और जब तक समस्या हल नहीं हो जाती, सभी तरह के प्रयास जारी रहेंगे.

लेखक : कैलाश चंद्रा ( सीए के. सी. मूंदड़ा)

Related Post

Add a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या था आदर्श मिशन 2020 = आदर्श मोदी घोटाला टारगेट 2020 !

क्या था आदर्श मिशन 2020 = आदर्श मोदी घोटाला टारगेट 2020 (25) (इस विषय का विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करे) 1. यह ...

SiteLock