स्वामी रामदेव के नाम एक जागरूक उपभोक्ता का खुल्ला पत्र
स्वामी रामदेव के नाम एक जागरूक उपभोक्ता का खुल्ला पत्र
आदरणीय स्वामी रामदेव जी,
भारत के लाखों लोग पतंजलि और दिव्य योग के उत्पादों का प्रयोग इस लिए ही नहीं करते कि वह गुणवत्ता मैं बहुत अच्छी है बल्कि लोग शुरू शुरू में आपके उत्पादों का प्रयोग भगवा, राष्ट्रीयता और देशभक्ति के साथ-साथ कम दाम के कारण भी खरीदते थे ।
शुरुआत में आपने स्वयं को प्रचार विरोधी बताकर पतंजलि उत्पाद को अच्छी गुणवत्ता के साथ मार्केट में उतारा जो सही भी था और लोगों ने उसे पसंद भी किया परंतु धीरे-धीरे कब आपके सामानों की कीमत ज्यादा होती चली गई पता न चला और अब इतनी ज्यादा हो चुकी है की चिंता का विषय बन चुका है ।
अब TV पर न्यूज़ चैनल्स पर हर तीसरा प्रचार विज्ञापन पतंजलि का है तो क्या इससे यह अनुमान लगाया जाए कि आप भी अर्थ तंत्र की एक बड़ी मछली के रूप में सामानों को महंगे दामों पर बेचेंगे?
जो गैस हरण चूर्ण 2015 में 40 का था वही 2016 में 85 का कैसे हो गया ? जबकि उसमे शामिल घटक उसी दाम पर उपलब्ध हैं बाजार में 100% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी ..? मई 2016 में जिस बादाम रोगन का दाम 110 रुपये था ऐसा क्या हुआ कि वह मात्र 9 माह बाद मार्च 2017 में 150 का हो गया यानी 36% कि बढ़ोत्तरी । यह मूल्य वर्धन की पराकाष्ठा या त्रासदी है । मुझे आपसे यह उम्मीद नहीं थी ।
ऐसे ही 2 माह पहले आपके (पतंजली) बेसन का दाम’ राजधानी बेसन’ से 15 रुपये सस्ता था और आज 15 रुपये महंगा हो गया है। ऐसा क्या हो गया कि आपका बेसन दूसरे सभी स्वदेशी बेसनो से महँगा हो गया.
अब मुझे ऐसा लगने लगा है कि आप के उत्पाद की न्यूरोमार्केटिंग से बाहर आकर मुझे सोचना पड़ेगा क्यों कि आप जनता का बेवकूफ बनाने लगे हैं। भगवा, भावना और देशभक्ति बेचने के दिन लद गए…… जनता को भी अब यथार्थ पर आना चाहिए और पतंजलि को भी अपने उत्पाद सही दामों पर बेचने का दबाव बनाना चाहिये।
लेखक : कृपाशंकर त्रिवेदी
सौजन्य से : FACE BOOK