Saturday, November 23, 2019

करदाताओ के सिर पर हमेशा तलवार लटका कर क्यों रखी जाती है ?  

करदाताओ के सिर पर हमेशा तलवार लटका कर क्यों रखी जाती है ?

 

करदाताओ की जिम्मेदारियों के लिए देश के विभिन्न कानूनों में समयावधि / तारीखे तय है. उन तारीखों तक जबाबदारी पूरी नहीं करने पर ब्याज व / तथा पेनल्टी देय होती है. इन कानूनों में सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि विशेष कारण होने पर इन तारीखों को बढाया जा सकता है. समय समय पर सरकारे ऐसाकरती आई है तथा तारीखे बढाई जाती रही है.

मान लीजिये अभी उत्तरप्रदेश  से लेकर आसाम तथा कई अन्य क्षेत्रो में  बाद आई हुई है और सरकार को भी दिख रहा है, लेकिन अंतिम तारीख के अंतिम क्षण तक तारीख को आगे नहीं बढाया जाएगा. ऐसी हालात में भी सरकारे या तो तारीख ही नहीं बढायेगी या फिर अंतिम दिन रात को तारीख बढाई जायेगी. वह अंतिम दिन बड़ा टेंशनमय रहता है.

मोदी जी की सरकार से जनता व व्यापारियों को बड़ी उम्मीद थी कि पुरानी कार्य शेली में कोई बदलाव नजर आयेगा  लेकिन ऐसा कुछ भी फर्क नजर नहीं आ रहा है. हकीकत यह है वर्तमान सरकार भी पुरानी सरकारों की तरह अनुशासन के नाम पर कोई भी डेडलाइन (तारीख) तय कर देती है और एक तरह से करदाता के सिर पर तलवार लटका दी जाती है. सरकार की संतुष्टि के बावजूद तारीख को अंतिम दिन तक नहीं बढाया जाता जबकि सरकार को तारीख बढानी ही होती है.

लेकिन सरकार अंतिम तारीख की रात तक भारत के करदाता को टेंशन में रखेगी और रात में जाकर तारीख बढ़ाएगी. ऐसे टेंशन बढाने में सरकारों या अफसरों को क्या आनंद आता है, यह देश की जनता की समझ से परे है. तारीख आगे बढाने के काम में भी काफी कंजूसी बरती जाती है. ऐसा कितनी बार देखने को मिला है सरकार एक मुश्त की जगह किश्तों / टुकड़ो में तारीख बढाती. एक तरह से करदाता का टेंशन भी बढाती रहती है. 

अभी जीएसटी को ही ले लीजिये. सरकार की खुद की पूरी तेयारी नहीं है, वेबसाइट काम नहीं करती, इन्टरनेट काम नहीं करता लेकिन सरकार समय रहते रियायत देती ही नहीं है. ऐसा लगता है जेसे सरकार समय को भी सब्सिडी के रूप में बाँट रही है. कई बार तो समय बढाने में भी राजनीतिक दरिया दिली दिखाकर राजनीतिक फ़ायदा भी उठाने का प्रयास भी किया जाता है. ऐसी अव्यवहारिक व संकीर्ण मानसीकता से इस आधुनिक जमाने में देश का क्या भला होगा, समझ से परे है. 

इस तरह से समय रहते तारीखे  नहीं बढ़ाकर करदाताओ को टेंशन देना भी एक तरह से उनके साथ हिंसा है. पता नहीं कितने लोगो को ब्लड प्रेशर पकड़ लेती है और कितनो को हार्ट की बीमारी. अत: सरकार से निवेदन है कि अपनी व्यवस्था सुधारे व करदाताओ को टेंशन देना बंद करे तो देश के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होगा.

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