आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा, आदर्श-मोदी ग्रुप व मुकेश मोदी का आपस में क्या सम्बन्ध है ?
आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा, आदर्श-मोदी ग्रुप व मुकेश मोदी का आपस में क्या सम्बन्ध है ?
जोधपुर क्षेत्र के आयकर विभाग में आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा एक बड़ी चर्चित सख्शियत है जिसे कुछ समय पहले ही विभागीय चार्जशीट मिली है. दूसरी तरफ जोधपुर डिवीज़न ही नहीं बल्कि भारत के अधिकाँश हिस्से में बैंकिंग जगत में सिरोही जिले का आदर्श-मोदी ग्रुप भी एक बहुत बड़ा ग्रुप है जिसके खिलाफ दिसम्बर 2011 में लगभग 151 करोड़ रूपयों की आयकर की मांगे कायम हुई थी तथा वसूली भी हुई. नोट बंदी के समय सिरोही जिला नोट बदली के मामले में काफी चर्चित रहा. मुकेश मोदी आदर्श-मोदी ग्रुप के मुखिया व कर्ता-धर्ता है. अत: इस लेख में आदर्श-मोदी ग्रुप, आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा व मुकेश मोदी के आपसी सम्बंधो के बारे में जन-हित में चर्चा की जा रही है.
फरवरी, 2010 में आदर्श-मोदी ग्रुप के कई लोगो व ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा सर्च की गयी थी. उस सर्च के दोरान एक लोकेशन (स्थान) का इंचार्ज औथोराइज्ड अधिकारी राजेन्द्र बोथरा था. उस समय सर्च के दोरान आदर्श कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड की सिरोही-प्रथम शाखा पर लाई जा रही तीन करोड़ की नगदी पकड़ी गयी थी. तात्कालीन जन चर्चा के अनुसार उस समय ऐसी शंका जाहिर की जा रही थी कि उस तीन करोड़ का सम्बन्ध उस लोकेशन (स्थान) से था, जहा का इंचार्ज औथोराइज्ड अधिकारी राजेन्द्र बोथरा था. हालाकि आदर्श बैंक द्वारा उक्त रकम को जयपुर से आना बताया था लेकिन विभाग ने आदर्श बैंक की बात को असत्य मानते हुए तीन करोड़ नगदी को संतोषपूर्ण स्पष्टीकरण के अभाव में सीज कर लिया था. बाद में कर-निर्धारण के वक्त भी इस तीन करोड़ की पकड़ी गयी नकदी को आदर्श बैंक की छिपाई गयी आय मानी गयी थी जिस पर टैक्स की वसूली भी की गयी थी.
सुमेरपुर के ए.सी.जे.एम कोर्ट में चल रहे एक फोजदारी परिवाद में आदर्श-मोदी ग्रुप के मुखिया मुकेश मोदी व उसके दो अकाउंटेंट के साथ साथ आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा सहित कुल 8 आरोपी है. इस परिवाद में कई गंभीर आरोपों के साथ साथ षड्यंत्र का आरोप भी है तथा आदर्श बैंक पर षडयंत्र के तहत एक फर्जी नियुक्ति पत्र बनाने का भी आरोप लगाया गया है.
सुमेरपुर के ए.सी.जे.एम कोर्ट में चल रहे एक अन्य फोजदारी परिवाद में आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा अकेला नामजद आरोपी था लेकिन उस परिवाद में भी आदर्श कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड, सिरोही व आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सिरोही से जुड़े किसी व्यक्ति पर षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. इस परिवाद में भी स्वयं आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा ने लिखित में आदर्श-मोदी ग्रुप के मुखिया मुकेश मोदी से सम्बंधित एक तथ्य का जिक्र धारा 202 सी.आर.पी.सी. की जांच के दोरान किया था.
सुमेरपुर के ए.सी.जे.एम कोर्ट में चल रहे इसी फोजदारी परिवाद में आई.टी.ओ. राजेंद्र बोथरा ने जांच अधिकारी (एस.एच.ओ, सुमेरपुर) को भेजे अपने लिखित बयान / स्पष्टीकरण में एक झूठा तथ्य हुबहू वही व उसी भाषा में लिखा जेसा कि मुकेश मोदी के बयान में जांच अधिकारी (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बाली) ने दर्ज किया था. इस तरह से दोनों ने एक तरह का ही झूठ बोला जो कि उस परिवाद के एक अन्य आरोपी कुमार रवि रंजन, तात्कालीन आयकर अधिकारी, सुमेरपुर के बयान से स्पष्ट होता है.