क्या 1 नवम्बर, 2016 के पूर्व के बेनामी निवेश / प्रॉपर्टी बेनामी क़ानून से मुक्त है (भाग-4) ?
क्या 1 नवम्बर, 2016 के पूर्व के बेनामी निवेश / प्रॉपर्टी बेनामी क़ानून से मुक्त है (भाग-4) ?
अभी तक न्यूज़ क्लब पर ‘बेनामी व्यवहार / सम्पति पर कुल तीन लेख “.‘बेनामी’ (Benami) व ‘बेनामी संबंधी क़ानून’ (Benami Law) है क्या (भाग-1)”, “‘बेनामी सम्पति’ (Benami Property) व ‘बेनामी संव्यवहार’ (Benami Transaction) में क्या क्या शामिल है (भाग-2)” व “क्या बच्चो, मा-बाप व परिजनों के नाम से संव्यवहार (Transactions) भी बेनामी माने जायेंगे (भाग-3)” पढ़ चुके है. सभी पाठको व आम जनता के लिए ’ The Prohibition of Benami Property Transaction Act, 1988 (1 नवम्बर, 2016 से प्रभावी / लागू ) व The Prohibition of Benami Property Transaction Rules, 2016 भी न्यूज़ क्लब पर प्रकाशित किये जा चुके है.
लेकिन आज का हमारा विषय है समयावधि का. किस तारीख तक के बेनामी निवेश इस नए बेनामी क़ानून की गिरफ्त में आ जायेंगे तथा किस तारीख तक के बेनामी निवेश इस नए बेनामी क़ानून से आजाद रहेंगे क्योकि 1988 के क़ानून में भारी बदलाव करके इसे 2016 से लागू किया गया है.
पूरे विषय को समझने से पहले बेनामी संव्यवहार से सम्बंधित सभी कानूनों की स्थिति समझनी जरूरी है. अभी तक कुल निम्न क़ानून सक्रिय या निष्क्रिय क़ानून भारत में लागू रहे है –
- The Benami Transaction (Prohibition) Act, 1988.
- The Benami Transaction (Prohibition) Amendment Act, 2016 (10 अगस्त, 2016 को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत जो कि The Prohibition of Benami Property Transaction Act, 1988 का भाग बन चुका है.
- The Prohibition of Benami Property Transaction Act, 1988 (1 नवम्बर, 2016 से प्रभावी / लागू ) , जिससे आज हम सब का सम्बन्ध है.
The Benami Transaction (Prohibition) Act, 1988, 19 मई 1988 से लागू था जिसमे The Benami Transaction (Prohibition) Amendment Act, 2016 द्वारा भारी बदलाव किये गए. इन भारी बदलाव के साथ नए क़ानून का नाम The Prohibition of Benami Property Transaction Act, 1988 कर दिया गया जो कि अब 1 नवम्बर, 2016 से प्रभावी / लागू है.
1 नवम्बर, 2016 के पूर्व के बेनामी निवेश / प्रॉपर्टी व नया बेनामी क़ानून : नया सक्रिय “The Prohibition of Benami Property Transaction Act, 1988” के अनुसार इस क़ानून की धारा 3, 5 व 8 के प्रावधान 01.11.2016 से लागू होंगे जबकि शेष पूरा क़ानून 19.05.1988 से लागू माना जाएगा. परिणाम स्वरुप निम्न प्रावधान ही 01.11.2016 से लागू होंगे –
- कोई भी व्यक्ति अब बेनामी संव्यवहार नहीं करेगा.
- जिस किसी ने 19.05.1988 से 31.10.2016 के बीच कोई बेनामी संव्यवहार किया है, उसे 3 साल की सजा या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा.
- जो कोई 31.10.2016 के बाद बेनामी संव्यवहार करेगा व बेनामी संव्यवहार के लिए दुष्प्रेरित या उत्प्रेरित करेगा, उसे निम्न सजाये मिलेगी –
- कम से कम 1 साल व अधिकतम 7 साल तक का कठोर कारावास एवं
- बेनामे सम्पति के उचित बाजार मूल्य के 25% तक पेनल्टी देनी होगी.
- जो कोई 31.10.2016 के बाद बेनामी संव्यवहार के सम्बन्ध में झूठी जानकारी देगा या झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करेगा, उसे निम्न सजाये मिलेगी –
- कम से कम 6 माह व अधिकतम 5 साल तक का कठोर कारावास एवं
- सम्बंधित बेनामी सम्पति के उचित बाजार मूल्य के 10% तक पेनल्टी देनी होगी.
- कोई भी बेनामी सम्पति भारत सरकार द्वारा जब्ती / अधिहरण के लिए जिम्मेदार होगी यानिकी बेनामी सम्पति भारत सरकार जब्त / अधिहरण कर सकेगी.
लेखक : सीए मुकुल मुंदडा