‘गाली व गोली’ से पहले पाकिस्तान का हुक्का-पानी अब बंद होना ही चाहिए.
भारत ने शुरू से ही अपने से अलग हुए बिगडेल भाई पाकिस्तान के साथ भारतीय संस्कृति के अनुरूप एक दरियादिल बड़े भाई का रोल अदा किया लेकिन अब समय आ गया, इस बिगडेल भाई पाकिस्तान को बिना ‘गाली व गोली’ दिए सबसे पहले उसका हुक्का-पानी बंद कर इसे दण्डित करने की शुरुआत भारत को कर देनी चाहिए.
इसमें कोई शक नहीं है कि हिंदुस्तान के इतिहास में इंदिरा गाँधी के बाद पहली बार नरेन्द्र मोदी के रूप में कोई मजबूत प्रधान मंत्री देश को मिला है लेकिन वो यदि नेहरूजी व इंदिराजी की दरियादिली नीति को नहीं त्यागेंगे तो एक सक्षम व मजबूत हिंदुस्तान शांति का पाठ पढ़ाते-पढ़ाते खुद ही फ़ैल हो जाएगा.
जब से पाकिस्तान पैदा हुआ है तब से उसने हिंदुस्तान को शांति से बेठने ही नहीं हिया और हिन्दुस्तान को जख्म पे जख्म देता रहा है और हम चीन व अमेरिका से डरते हुए अपने आप को शांतिदूत के रूप में स्थापित करते रहे तथा पाकिस्तान व उसके आतंक को पालने के लिए अनजाने में उसे भरपूर पानी देकर सिंचित करते रहे और पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा देकर अपनी दरियादिली उड़ेलते रहे जिसका परिणाम भारत निरंतर भुगत रहा है.
अब समय आ गया, भारत को अपने पावो पर खड़े होकर ‘गाली व गोली’ देने से पहले पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद करने की तत्काल घोषणा कर देनी चाहिए और उस पर स्थाई रूप से अमल भी करना चाहिए. न केवल पाकिस्तान को दिया गया इक-तरफा ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा तत्काल वापिस लेना चाहिए बल्कि जल-संधि को इक तरफा घोषणा कर के तोड़ देना चाहिए. वेसे भी ये दोनों बाते भारत के हितो के विरूध्द है.
एक चैनल पर बहस के दोरान यह बताया जा रहा था कि यह जल-संधि विश्व बैंक ने कराई लेकिन विश्व बैंक ने पाकिस्तान को आतंकवाद व लड़ाई रोकने के लिए कभी भी कुछ भी नहीं कहा. एक बहस में यह तक कहा गया कि पाकिस्तान का पानी रोकने से भारत को बाढ़ जेसे हालातो के लिए भी तेयार होना पडेगा. लेकिन वो भूल रहे है कि पूरा राजस्थान पानी के लिए प्यासा है और तकनीकी रूप से व जल प्रबंधन में भारत काफी सक्षम है. यदि भारत में पानी रोकने या डाइवर्ट करने की क्षमता नहीं होती तो इस जल-संधि की आवश्यकता ही नहीं होती.
यह तो सत्य है नदियों का पानी एक दिन में घोषणा करते ही नहीं रूकेगा बल्कि यह बहुत बड़ा कार्य योजनाबद्ध तरीके से वर्षो में पूरा होगा लेकिन संधि रद्द करने की घोषणा तत्काल व एक झटके से की जा सकती है. भारत को संधि तोड़कर पाकिस्तान जाने वाले पाने पर पूर्ण नियंत्रण का स्थाई प्रबंध कर लेना चाहिए जिससे पाकिस्तान के व्यवहार के हिसाब उसे पानी देना चाहिए या कम-ज्यादा पानी देना चाहिए या पानी नहीं देना चाहिए.
इनके अलावा भी भारत के पास जितने भी अन्य कूटनीतिक रास्ते उपलब्ध है, ‘गाली व गोली’ देने से पहले उसका उपयोग अवश्य कर लेना चाहिये लेकिन ध्यान रहना चाहिए कि “ पाकिस्तान वो कुते पूछ है जो कभी सीधी हो ही नहीं सकती “ एवं “ पाकिस्तान वो भूत है जो बातों से नहीं, लातो से ही मानता है “