Friday, December 1, 2017

नोटबंदी के समय सहकारी बैंक व क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज की मिली भगती से केसे नोट बदले गए ?  

नोटबंदी के समय सहकारी बैंक व क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज की मिली भगती से केसे नोट बदले गए ? 

currency-exchangeनोट बंदी के समय, हम सभी ने नोट बदलने के कई तरह के घोटालो के बारे में पढ़ा व सुना है. इस तरह के अधिकांश घोटाले या तो आधुनिक प्राइवेट बेंको में हुआ या फिर सहकारी बेंको (Co-operative Banks) में. सहकारी बेंको (Co-operative Banks) में भी उन सहकारी बेंको (Co-operative Banks) में ज्यादा गड़बड़ हुई है, जिन बेंको की अपने ही ग्रुप की क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज भी है.

उदाहरण के लिए A Co-operative Bank Limited (काल्पनिक नाम) एक सहकारी बेंक  (Co-operative Bank) है. उसी ग्रुप की  A Credit Co-operative Society Limited (काल्पनिक नाम) भी है. दोनों का नियंत्रण एक ही व्यक्ति या ग्रुप के पास है. ऐसी दोनों संस्थाओं पर एक ही ग्रुप का नियंत्रण होने से ऐसी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज का भी इश्तेमाल नोटों को बदलने में सफलतापूर्वक किया गया था.

ऐसी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज को नोट बदलने में निम्न तरीको से काम में लिया गया जिसका किसी को भी संदेह ही नहीं हो सका और अन्दर ही अन्दर नोट बदलने का धंधा बड़े स्तर पर चलता रहा जिसको आज दिन तक रिज़र्व बैंक तो क्या आयकर विभाग भी नहीं समझ पाया –

  1. 8 नवम्बर की रात्रि को नोट बंदी की घोषणा के बाद, दो दिन बेंको को ग्राहकों के लिए बंद रखा गया था तथा सहकारी बेंको सहित सभी बेंको से उनका 8 नवम्बर का सभी तरह की करेंसी का हिसाब लिया गया था. घोटाला करने वाली सहकारी बेंको ने 8 नवम्बर के बैलेंस (रोकड़ शेष) बहुत बढ़ा-चढ़ा कर घोषित कर दिया तथा अपने ग्रुप की क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी व उनकी शाखाओं से बैंक की अलग अलग शाखाओं में 8 नवम्बर व कुछ पुरानी तारीखों में करोडो की फर्जी रोकड़ डिपाजिट दिखा दी जबकि बैंक व उस क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पास उतनी रोकड़ 8 नवम्बर को थी ही नहीं.
  1. ऐसी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने पिछली कई तारीखों में कई छोटे-बड़े फर्जी खाते खोल कर फर्जी रोकड़ जमाये दिखा कर रोकड़ बैलेंस पैदा कर लिया क्योकि ऐसी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर न तो रिज़र्व बैंक का कोई नियंत्रण है और न ही KYC की कोई अनिवार्यता है.
  1. ऐसी ही क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ने पिछली कई तारीखों में पहले सी ही विद्यमान कई खातो में फर्जी रोकड़ जमाये दिखा-दिखा कर रोकड़ बैलेंस पैदा किया.
  1. ऐसी ही क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ने बाद उस ग्रुप की सहकारी बैंक में रोकड़ सुपुर्द कर दी, जिसने पहले से ही ज्यादा कैश बैलेंस की झूठी घोषणा कर रखी थी.
  1. ऐसी ही क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज ने भी अपने सदस्यों व बाहरी लोगो से कमीशन लेकर नोट बदले जिनको ग्रुप की सहकारी बैंक के मार्फ़त बदला गया जिससे ऐसे लोगो को बैंक की लाइन में भी नहीं लगना पडा और पिछले दरवाजे से ही सारा काम हो गया.

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