भष्टाचार के खिलाफ राजस्थान लोकायुक्त का उपयोग केसे करे (भाग-2)
भष्टाचार के खिलाफ राजस्थान लोकायुक्त का उपयोग केसे करे (भाग-2)
आपने ‘भष्टाचार के खिलाफ राजस्थान लोकायुक्त का उपयोग केसे करे (भाग-1)’ पर पिछला लेख पढ़ा होगा. जिसमें बताया गया था कि किन-किन मामलों में राजस्थान लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की जा सकती है. एक बात स्पष्ट है कि कोई भी शिकायत सिर्फ ओर सिर्फ लोक सेवक के विरुद्ध ही की जा सकती है. अत: अब सभी पाठको के लिए यह जानना जरूरी है कि किन-किन लोक सेवको के विरूद्ध शिकायत की जा सकती है तथा किन-किन के विरूद्ध नहीं की जा सकती है.
निम्न लोक-सेवको के विरूद्ध शिकायत की जा सकती है (राजस्थान राज्य के लोक सेवक)
- सभी मंत्री, सचिव, विभागाध्यक्ष.
- जिला परिषद के प्रमुख व उप प्रमुख.
- पंचायत समिति के प्रधान व उप प्रधान.
- जिला परिषद व पंचायत समिति की स्थाई समितियों के अध्यक्ष.
- नगर निगम के महापोर व उप महापोर .
- स्थानीय प्राधिकरणों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओ, नगर विकास न्यासों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष.
- राजकीय कंपनियों व निगमों के अध्यक्ष, अधिकारी व कर्मचारी.
- सभी तरह व सभी स्तर के सरकारी अधिकारी, कर्मचारी व लोक सेवक (निम्न को छोड़कर) आदि.
निम्न लोक-सेवको के विरूद्ध शिकायत नहीं की जा सकती है (राजस्थान राज्य के लोक सेवक)
- मुख्यमंत्री.
- न्यायाधीश, न्यायिक सेवा के अधिकारी, समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी व कर्मचारी.
- केंद्र सरकार व केन्द्रीय कानून के अधीन निगमित निकाय के सभी अधिकारी व कर्मचारी.
- राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य.
- निर्वाचन आयुक्त व मुख्य निर्वाचन अधिकारी .
- विधानसभा सचिवालय के अधिकारी व कर्मचारी.
- सांसद, विधायक, सरपंच व पंच.
- सेवानिवृत लोक सेवक.