भष्टाचार के खिलाफ राजस्थान लोकायुक्त का उपयोग केसे करे (भाग-3)
भष्टाचार के खिलाफ राजस्थान लोकायुक्त का उपयोग केसे करे (भाग-3)
जागरूक पाठको ने ‘भष्टाचार के खिलाफ राजस्थान लोकायुक्त का उपयोग केसे करे’ पर पिछले दो लेख भाग-1 व भाग-2 पढ़े होंगे. जिसमें बताया गया था कि किन-किन मामलों में राजस्थान लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की जा सकती है, किन-किन लोक सेवको के विरूद्ध शिकायत की जा सकती है तथा किन-किन लोक सेवको के विरूद्ध शिकायत नहीं की जा सकती है.
आज के इस लेख में यह बताया जा रहा है कि कोई भी शिकायतकर्ता अपनी शिकायत केसे करे तथा शिकायतकर्ता को किन प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए. कोई भी व्यक्ति जो स्वयं लोक सेवक नहीं हो, राजस्थान लोकायुक्त के प्रमुख सचिव या सचिव या उप सचिव को विहित (Prescribed) प्रारूप (फॉर्म) में स्वयं उपस्थित होकर या डाक द्वारा या फैक्स द्वारा अथवा ई-मेल द्वारा अपनी शिकायत कर सकता है. शिकायत के लिए विहित (Prescribed) प्रारूप (फॉर्म) पूरा भरा होना चाहिए. यदि शिकायत के तथ्यों के लिए दिया गया स्थान कम लगता है तो उसे अलग पेपर पर विस्तार से लिख कर उसे आवेदन के साथ संलग्न किया जा सकता है.
प्रत्येक आवेदन के साथ एक शपथ पत्र भी देना होता है जिसका प्रारूप भी विहित (Prescribed) किया गया है. यह शपथ पत्र उचित नॉन-जुडिशल स्टाम्प पेपर पर नोटरी द्वारा तस्दीक होना चाहिए. यदि शिकायत ऑनलाइन (फैक्स द्वारा अथवा ई-मेल द्वारा ) की जाती तो भी शपथ पत्र मूल रूप से लोकायुक्त सचिवालय में अलग से भेजना ही होता है.
राजस्थान लोकायुक्त सचिवालय में शिकायत (परिवाद) प्रस्तुत करने में निम्त दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जाना चाहिए –
- शिकायत केवल राजस्थान राज्य के लोक-सेवको के विरूद्ध ही की जा सकती है यानिकी केन्द्रीय कर्मचारियों व दूसरे राज्यों के कर्मचारियों के विरूद्ध ही नहीं की जा सकती है.
- स्वयं एक लोक सेवक किसी अन्य लोक सेवक की शिकायत नहीं कर सकता यानिकी शिकायतकर्ता स्वयं लोक-सेवक नहीं होना चाहिए.
- शिकायत प्रपत्र के सभी कॉलम पूर्ण रूप से भरे जाने चाहिए. आरोपों को स्पष्ट व विशिष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए. स्थान के कमी के कारण आवश्यकता हो तो शिकायत का विस्तृत विवरण अलग से संलग्न किया जा सकता है.
- प्रत्येक शिकायत-आवेदन पर 1.00 रूपये का कोर्ट फी स्टाम्प (टिकेट) आवेदन के ऊपर दाहिनी ओर दर्शाए स्थान पर चिपकाना चाहिए.
- शिकायत पत्र का प्रारूप शिकायत कर्ता अपने हिसाब से अलग से टाइप करवा सकता है.
- प्रत्येक आवेदन के साथ का एक शपथ पत्र भी देना होता है जिसका प्रारूप भी विहित (Prescribed) किया गया है. यह शपथ पत्र उचित नॉन-जुडिशल स्टाम्प पेपर पर नोटरी द्वारा तस्दीक होना चाहिए.
- संयुक्त शिकायत (एक से अधिक शिकायतकर्ता होने पर) की स्थिति में किसी एक शिकायतकर्ता का शपथ पत्र पर्याप्त होगा.
- पांच वर्ष से पुराने मामले की शिकायत स्वीकार्य नहीं की जायेगी लेकिन लगातार चले आ रहे कृत्यों के लिए 5 वर्ष की यह समय सीमा लागू नहीं होगी. यानिकी गलत कृत्य भले 5 वर्ष पहले प्रारम्भ हुआ हो लेकिन कृत्य आज भी जारी है तो उसकी शिकायत की जा सकती है.
- व्यक्तिगत / निजी मामलों की शिकायत नहीं की जा सकती है.
- व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित होकर शिकायत नहीं की जानी चाहिए.
इसी लेख के अगले भाग-4 में सभी जागरूक पाठको के लिए शिकायत का विहित (Prescribed) प्रारूप (फॉर्म) व शपथ पत्र का प्रारूप व अन्य सूचनाये उपलब्ध कराई जायेगी.